इस देश में काले की जगह नीले रंग की बन रहीं हैं रोड। जानें इसके पीछे की वजह
अगर आप घूमने का शौक रखते हैं और आपने दो चार देशों का भ्रमण किया है। फिर आपको निश्चित रूप से यह मालूम होगा कि भारत समेत अधिकतर देशों की सड़कें काले रंग की होती है। वैसे काले रंग की सड़क होने के पीछे कारण भी है, क्योंकि अधिकतर सड़कों को
बनाने के लिए चारकोल का उपयोग किया जाता है और यह चारकोल काले रंग का ही होता है। वहीं यह जानकर आपको हैरानी होगी कि दुनिया में एक देश ऐसा भी है। जहां की सड़कें नीले रंग की है। आइए ऐसे में जानते हैं इस देश के बारे में और यह भी समझने की कोशिश करते हैं कि आख़िर सड़कों का रंग इस देश मे नीला क्यों है?
बता दें कि हम बात कर रहें हैं कतर देश की। जहां अब सड़कों का रंग नीला है। वहीं दूसरी तरफ जब पूरी दुनिया में सड़कों का रंग काला या ग्रे होता है, तो आखिर कतर में नीले रंग की सड़कें क्यों बनाई गई हैं? यह सवाल आपके जेहन मे जरूर उठ रहा होगा?
वैसे यह सवाल उठना लाज़िमी भी है क्योंकि पहले कतर में भी काले रंग की सड़कें हुआ करती थीं। लेकिन साल 2019 के बाद से वहां पर नीली सड़कों का चलन शुरू हो गया है। जिसके बाद इस देश की ज्यादातर सड़कों को नीले रंग में बदल दिया गया है।
ऐसे में जानकारी के लिए बता दें कि आज ग्लोबल वार्मिंग ने पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है और यह मुद्दा अब वैश्विक चर्चा का विषय बन गया है। इसी वज़ह से कतर ने अपने देश में सड़कों को नीले रंग में तब्दील कर दिया है। ताकि कतर में बढ़ते तापमान से राहत मिल सके और ऐसा कहते हैं कि नीली सड़कें तापमान को संतुलित करने में मदद करती हैं।
वहीं बता दें कि कतर के दोहा शहर में सबसे पहले नीले रंग की सड़कों को तैयार करने का काम शुरू हुआ था और इस प्रयोग से तापमान में कमी आती है या नहीं। इसे देखने के लिए कतर में करीब 18 महीने का पायलट प्रोजेक्ट भी शुरू किया गया था।
इसके अलावा एक्सपर्ट्स की मानें तो कतर ने अपने सडक़ों के किनारों का टेंपरेचर कम करने के लिए ऐसा प्लान किया था। इसके अलावा तापमान में अंतर चेक करने के लिए कई सेंसर भी लगाए गए थे, जिसकी मदद से बदलाव को नोटिस किए जा सकें।
वहीं आखिर में बताते चलें कि वैज्ञानिकों की मानें तो एक ब्लैक या ग्रे कलर की सड़क का तापमान 20 से 25 डिग्री से ज्यादा होता है। ऐसे में कतर ने जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने और तापमान में कमी लाने के लिए इस व्यवस्था पर काम करना शुरू किया और जो लगातार जारी है।