कल पड़ रही है नागपंचमी, कुछ करने से पहले बरतें सावधानी और भूलकर भी ना करें ये काम!
भारत में पुरे साल में कई व्रत एवं त्यौहार पड़ते हैं। कई व्रत त्यौहार तो प्रकृति के नाम पर भी किया जाता है। भारतीय संस्कृति में हर जीव के महत्व की बात की गयी है। यहाँ केवल भगवान की ही पूजा नहीं की जाती है बल्कि भगवान द्वारा की गयी अन्य रचनाओं को भी पूजा जाता है। यही वजह है कि भारत में भगवान श्रीकृष्ण की प्रिय गाय को गो माता के रूप में पूजा जाता है। भारत में बैल की पूजा भगवान शंकर के वाहन के रूप में की जाती है।
सावन में होती है भगवान शंकर और उनके प्रिय सर्प की पूजा:
यहाँ पीपल के पेड़ की भी पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि पीपल के पेड़ में देवताओं का निवास होता है। शायद यही वजह है कि भारत में पीपल के पेड़ को जल्दी कोई नहीं कटता है। सावन का पवित्र महिना चल रहा है। हिन्दू धर्म में इस महीने की अपनी ही महत्ता है। इस महीने में भगवन शंकर और उनके प्रिय सर्प की पूजा की जाती है। सावन महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग पंचमी में रूप में मनाया जाता है।
इस दिन हिन्दू संस्कृति के अनुसार नागों की पूजा की जाती हैं एवं उन्हें दूध पिलाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि नागों की पूजा करने से नाग देवता प्रसन्न होते हैं। इससे नाग देवता प्रसन्न होकर सुखी जीवन का आशीर्वाद देते हैं। कल यानी 27 जुलाई को वृहस्पतिवार के दिन नाग पंचमी की शुरुआत सुबह 7:01 के बाद हो रही है। इस दिन तक्षक पूजा का भी विधान है। नागपंचमी के दिन कुछ सावधानियों के बारे में बताया गया है, जिनका पालन करना जरुरी होता है।
नागपंचमी के दिन क्या करें:
इस दिन भूमि नहीं खोदनी चाहिए। जो लोग व्रत करते हैं उन्हें इस बात का ख़ास ख़याल रखना है कि शाम के समय भूलकर भी भूमि की खुदाई ना करें। नागपंचमी के दिन हल से खेत की जुताई भी नहीं की जाती है। देश के कुछ इलाकों में इस दिन सुई-धागे से सिलाई भी नहीं की जाती है। इस दिन लोहे के बर्तन में खाना भी नहीं बनाया जाता है। किसान लोग अपनी नई फसल का प्रयोग तब तक नहीं करते हैं जब तक वह अपनी नई फसल से बाबा को एक रोटी ना चढ़ा दें।
नागपंचमी के दिन पूजा का लाभ:
हिन्दू धर्म की परम्परा के अनुसार नाग पूजन से कई पुण्यों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही नागपंचमी के मनाये जाने से नागों के संरक्षण की भी प्रेरणा मिलती है। इससे पर्यवरण सुरक्षित रहता है। इस प्रकृति का संतुलन बनाये रखने के लिए हर जीव की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। लेकिन आज के समय में पैसे के लिए लोग साँपों को भी मारने लगे हैं। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में साँपों के खाल और ज़हर की काफी माँग है।