कारगिल विजय दिवस को 18 साल पूरे, जानिए कारगिल युद्ध से जुड़ी कुछ रोचक बातें!
कारगिल युद्ध को 26 जुलाई यानी कि आज पूरे 18 साल हो चुके हैं। देशभर में 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रुप में मनाया जाता है। इस दिन कारगिल युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी जाती है। कारगिल युद्ध को भारत के इतिहास के बडे युद्ध हो में गिना जाता है। कारगिल का युद्ध भारत पाकिस्तान के बीच 1999 को लड़ा गया था। इस युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने जम्मू कश्मीर के हिमालय क्षेत्र लद्दाख में कई पोस्ट पर अपना कब्जा हासिल किया था। यह युद्ध काफी दिनों तक चला भारतीय जवानों ने अपने साहस और पराक्रम परिचय देते हुए इस युद्ध में पाकिस्तान के नापाक मंसूबों पर पानी फेर दिया। और युद्ध में भारत की जीत हुई। हालांकि इस युद्ध में भारत के 527 साहसी जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। इस युद्ध में हमारे वीर जवानों ने जो बहादुरी दिखाई थी उसके किस्से सुनकर और हमारी छाती गर्व से चौड़ी हो जाती है। kargil vijay diwas.
सबसे ऊंचे क्षेत्र में लड़ी गई कारगिल की जंग :
कारगिल का युद्ध सबसे ऊंचे क्षेत्र में लड़े गए युद्धों में से एक है। इस युद्ध में पाकिस्तान ने भारत की एक ऊंची पहाड़ी पर कब्जा कर लिया था। जिसका फायदा पाकिस्तानी सैनिक उठा रहे थे। कारगिल में भारतीय जवानों के लिए स्थिति बिल्कुल खराब बनी हुई थी। लेकिन फिर भी भारतीय सैनिकों ने डटकर मुकाबला किया और युद्ध में जीत दर्ज की। 8 मई 1999 को पाकिस्तानी सेना और आतंकियों की घुसपैठ के बाद करगिल युद्ध की शुरुआत हुई थी। नियंत्रण रेखा के पास कारगिल जिले के उस इलाके में घुसपैठ हुई, जो लद्दाख को जम्मू-कश्मीर के उत्तरी इलाके से अलग करता है। पाक सेना ने कारगिल और द्रास की पहाड़ियों पर कब्जे की कोशिश की थी।
पाकिस्तान के 2700 से ज्यादा सैनिक मार गिराए :
कारगिल युद्ध लगभग 60 दिनों तक चला। भारतीय सेना ने जोरदार पराक्रम दिखाते हुए पाकिस्तान के 2700 से भी ज्यादा सैनिक मारे गिराए थे। युद्ध के दौरान पाकिस्तानी कब्जे वाले इलाकों में करीब 30,000 लोगों को अपने घर छोड़ने पड़े। भारतीय वायुसेना ने भी कारगिल युद्ध में मिग-27 और मिग-29 लड़ाकू विमानों का प्रयोग किया था। मिग-27 की मदद से इस युद्ध में उन स्थानों पर बम गिराए गए, जहां पाक सैनिकों ने कब्जा जमा लिया था
कब्जा किये बैठे पाकिस्तानियों को भारतीय सैनिकों ने चारों ओर से घेरकर खदेड दिया। इसके अलावा मिग-29 भी कारगिल के युद्ध में में बेहद अहम साबित हुआ। इस विमान से कई ठिकानों पर आर-77 मिसाइलें दागी गई थीं।
पाकिस्तान को इस युद्ध में अपनी हार बिल्कुल साफ दिखाई दे रही थी। इसलिए पाकिस्तान को हारता हुआ देख मुशर्रफ ने परमाणु हथियार तक इस्तेमाल करने की तैयारी कर ली थी। पाकिस्तान ने 1998 में परमाणु हथियारों का परीक्षण किया था। युद्ध के इतने सालों बाद भी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा और अब भी लगातार सीजफायर का उल्लंघन करता है लेकिन भारतीय सेना भी ईट का जवाब पत्थर से देने में सक्षम है।
पीएम मोदी ने शहीदों को किया याद :
कारगिल विजय दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों को याद किया। उन्होंने कहा कि कारगिल विजय दिवस भारत की ताकत का प्रतीक है। जो लोगों के सेना के कौशल और देशा के रक्षा के लिए किए गए महान त्याग की याद दिलाता है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि कारगिल युद्ध में शहीद हुए हमारे जवानों को याद कीजिए, जिन्होंने देश के सम्मान की रक्षा के लिए अपने प्रणाओं की आहुति दी। सेना ने भी कारगिल युद्ध के शहीदों श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए एक समारोह रखा है। इस समारोह में कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों के परिजनों को सम्मानित किया जाएगा।