नदी में सिक्के डालना सिर्फ अंधविश्वास इस के पीछे है विज्ञानं भी है, सदियों से चली आ रही ये परंपरा
भारत देश परंपराओं और मान्यताओं के अनुसार चलने वाला एक देश है। यह दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है। जहां भगवान ने मानव रुप में जन्म लिया। ऐसे में इस भारत भूमि की महत्ता अपने-आप बढ़ जाती है। वैसे आज हम जिस विषय की बात करने वाले, वो नदियों में सिक्का डालने से जुड़ी हुई है।
नदियों में सिक्का डालने की आज की नहीं बल्कि वर्षों पुरानी एक परंपरा है? ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर हम नदी में सिक्का क्यों डालते हैं? क्या इसके पीछे अंधविश्वास है? जैसा कि हम कई बार देखते हैं कि किसी जगह पर एक ने माथा टेका, फिर उसके बाद दूसरे ने और फिर ऐसा करते करते वो बात कहीं न कहीं मान्यताओं में तब्दील हो जाती है। लेकिन हम यहां आपको बता दें कि नदी में सिक्का डालना अंधविश्वास नहीं। बल्कि इसके पीछे कुछ अहम वज़ह है। आइए ऐसे में समझें इसी बात को…
बता दें कि जिस समय नदी में सिक्का डालने की ये प्रथा शुरू हुई थी। उस समय स्टील के सिक्के नहीं बल्कि तांबे के सिक्के चला करते थे और तांबा जीवन और सेहत के लिए कितना फायदेमंद होता है, यह शायद आप बेहतर जानते होंगे? चलिए नहीं जानते तो बता दें कि तांबा पानी का प्यूरीफिकेशन (Water Purification) करने में काम आता है और इसीलिए जब लोग किसी नदी या तालाब के आसपास से गुजरते थे तो उसमें तांबे का सिक्का डाल दिया करते थे और धीरे-धीरे यही बात परंपराओं में तब्दील हो गई।
इतना ही नहीं विज्ञान में भी बताया गया है कि तांबे से पानी साफ होता है और इससे कई तरह की बीमारियां भी दूर होती हैं। पहले के समय में इसीलिए तांबे के बर्तन होते थे और लोग इन्हीं बर्तनों में पानी पिया करते थे, ताकि पानी में मौजूद सारी गंदगियां दूर हो जाए और उनके शरीर की भी आवश्यकता पूरी हो जाए। इसके अलावा तांबे को सूर्य का धातु भी माना जाता है और यह हमारे शरीर के लिए एक आवश्यक तत्व है।
वहीं बता दें कि लाल किताब में भी तांबे का वर्णन किया गया है और बताया गया है कि अगर कोई मनुष्य सूर्य और पितरों को खुश करना चाहता है तो उसे तांबे को बहते हुए पानी में डालना चाहिए और यही कारण है कि आज भी लोग नदी में सिक्के फेंकते हैं।
इसके अलावा आखिर में बताते चलें कि ज्योतिष में भी कहा गया है कि लोगों को अगर किसी तरह का दोष दूर करना हो तो उसके लिए वो जल में सिक्के और कुछ पूजा की सामग्री को प्रवाहित करे। इतना ही नहीं ज्योतिष की मानें तो अगर बहते हुए पानी में चांदी का सिक्का डाला जाए तो उससे भी दोष खत्म होता है, लेकिन हां नदी में स्टील के सिक्के फेंकने से कोई फायदा नहीं होता है। लेकिन फिर भी लोग इसे एक परंपरा की तरह निभा रहे हैं और आप भी कभी-कभार जब किसी नदी आदि के ऊपर से रेल या बस में बैठकर गुजरते होंगे तो सिक्के अवश्य डालते होंगे?