जिन घरों में बुआ, मौसी और सौतेली मां की बेटी सब से शादी होती है, वहां पहनो हिजाब- साध्वी प्रज्ञा
कर्नाटक में स्कूल-कॉलेजों में जब से ड्रेसकोड लागू हुआ है हिजाब पर रोक लगी है तब से पूरे भारत में हिजाब के पहनने और ना पहनने को लेकर चर्चा छिड़ी हुई है। अब इस मामलें पर भोपाल की बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। बुधवार को भोपाल में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि शिक्षण संसथान में हिजाब पहनकर बैठना सही नहीं है।
हिजाब तुम्हें घर में पहनना चाहिए
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि हिजाब पहना जाता है, सफेदी को मिटाने के लिए, बुढ़ापे को छिपाने और जवान दिखने के लिए. उन्होंने कहा कि हिजाब का अर्थ होता है अपने चेहरे को छिपाना।
इसलिए हिजाब को चेहरे पर डालना चाहिए साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने बड़े ही उच्चे बोल में कहा कि क्यों, आपको किससे डर? किससे पर्दा? पर्दा उससे करना चाहिए, जो हमारी तरफ गंदी नजर रखता है. उन्होने कहा कि हिन्दू कुदृष्टि नहीं रखते, हमारे यहां नारी को पूजा जाता है, जहा नारी को उचित सम्मान और सर्वोपरि रखा जाता होम वहां हिजाब पहनने की क्या जरूरत। भारत में हिजाब पहनने की आवश्यकता नहीं है, अरे हिजाब तो तुम्हें घर में पहनना चाहिए.’
#WATCH …No need to wear Hijab anywhere. People who are not safe in their houses need to wear Hijab. While outside, wherever there is ‘Hindu Samaj’, they are not required to wear Hijab especially at places where they study: BJP MP Sadhvi Pragya at an event in Bhopal, MP (16.02) pic.twitter.com/F6ObtjxRfl
— ANI (@ANI) February 17, 2022
‘उलटा करोगे तो उलटा ही मिलेगा’
बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि – भारत में मां, बहनो का सम्मान किया जाता है, लेकिन जिनके घरों में बहन का नाता नहीं है जिनके घरों में बुआ की लड़की, मौसी की लड़की, पहले पिता की पहले बीवी की लड़की सब से शादी कर सकते हैं, तो तुम्हें हिजाब घर में पहनना चाहिए। जहा पहनंने की जरूरत है, वहां तुम खिजाब लगा कर रखोगे। उल्टा करोगे तो उलटा ही मिलेगा।
‘जहां का जो अनुशासन है, उसे ही अपनाएं’
साध्वी ने आगे कहा, भारत में चीजे अनुशासन से चलती है। हर विद्यालय की अपनी एक अलग ड्रेस है, जिसे सभी को पहहना अनिवार्य है, यदि आप स्कूल के नियम को नहीं मानेंगे, अपने धर्म को हर जगह रखेंगे, तो आप सही नहीं है। जहां का जो अनुशासन है, वो अनुशासन अपनाइए।’ उन्होंने कहा कि आपके मदरसे होते हैं, आप मदरसों में हिजाब लगाएं खिजाब लगाएं, या कुछ और करें हमें क्या मतलब है। लकिन आप चाहते है, कि सब विद्यालय में ऐसा हो तो यह बिलकुल भी नहीं चलेगा। ज्ञान में अगर हिजाब-खिजाब चलाने लगेंगे तो यह बर्दाश्त नहीं होगा।’