भारत की सबसे लंबी रेल सुरंग: खुदाई का काम पूरा, बेहद कठिन था ये काम, तस्वीरों में देखिए पूरी टनल
भारत की सबसे लंबी रेल टनल की खुदाई का काम पूरा हो गया है। सुरंग की खुदाई का काम बेहद कठिन था। इसके सफलतापूर्वक पूर्ण हो जाने पर केंद्र सरकार ने खुशी जताई है।
रेल मंत्री ने दी जानकारी
रेल मंत्री अश्विनी वैश्णव ने ट्वीट कर बताया कि रेलवे की सबसे लंबी सुरंग की खुदाई का काम पूरा हो गया है। 12.758 किलोमीटर लंबी यह रेल सुरंग देश में परिवहन के किसी भी माध्यम में सर्वाधिक लंबाई वाली टनल है।
1600 मीटर की ऊंचाई पर है टनल
15 फरवरी 2022 वह यादगार तारीख है, जिस दिन कटड़ा-बनिहाल सेक्शन पर सुंबर (Sumber) और अर्पिंचला (Arpinchala) स्टेशन के बीच टनल टी49 का ब्रेक-थ्रू हुआ। यह सुरंग समुद्र तल से 1400 से 1600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
रामबन जिले में है रेल टनल
सुरंग का दोनों छोर जम्मू कश्मीर के रामबन जिले में स्थित है। इसका दक्षिणी सिरा रामबन जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर सुंबर गांव के पास है। यह समुद्र तल से 1400 मीटर की ऊंचाई पर है।
मंगत घाटी में टनल का उत्तरी सिरा
सुरंग T- 49 का उत्तरी सिरा रामबन जिले के खारी तहसील में पड़ता है। यह सिरा माहू मंगत घाटी के अर्पिंचला गांव के पास है। इसकी समुद्र तल से ऊंचाई करीब 1600 मीटर है।
रेल टनल में दो ट्यूब बनाए गए हैं
T-49 टनल में दो ट्यूब (Tube) बनाए गए हैं। एक मेन टनल (Main Tunnel) है जिसमें रेलगाड़ी चलेगी। दूसरी एस्केप टनल (Escape Tunnel) बनाई गई है, जिसका उपयोग आपातकाल में होगा।
ड्रिल और ब्लास्ट विधि से सुरंग का निर्माण
सुरंग का निर्माण NATM (New Austrian Tunneling Method) द्वारा किया गया है, जो ड्रिल और ब्लास्ट विधि की एक आधुनिक तकनीक है। सुरंग का क्रॉस सेक्शन प्रोफाइल घोड़े की नाल के आकार जैसा का है।
उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक पर है टनल
उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना की 272 किलोमीटर लंबाई में से 161 किलोमीटर पहले ही चालू और चालू हो चुकी है। कटरा बनिहाल के बीच 111 किमी के बीच के खंड का कार्य तीव्र गति से प्रगति पर है।
पहले पीर पंजाल सुरंग सबसे लंबी थी
बनिहाल-काजीगुंड खंड पर एक सुरंग 11.2 किलोमीटर लंबी है। इसे पीर पंजाल सुरंग के नाम से जाना जाता है। पहले इसे ही भारतीय रेलवे की सबसे लंबी सुरंग होने का गौरव था।
पीर पंजाल टनल में ट्रेनें चल रही हैं
पीर पंजाल सुरंग का निर्माण भी रेलवे के लिए काफी चुनौतीपूर्ण था। इसे रेलवे की कंस्ट्रक्शन कंपनी इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड (IRCON International Limited) ने बनाया है। इसमें इन दिनों रेलगाड़ी चल भी रही है।