सांप बहरा होता है, फिर सपेरे की धुन सुनकर नाचने कैसे लगता है? जाने इसके पीछे का रहस्य
सांपों को लेकर हमारे देश में कई तरह की मानयताएं हैं। इनमें से एक ये भी है कि सांप सपेरे की बीन की धुन पर नाचता है। ये दृश्य हम कई फिल्मों में भी देख चुके हैं। जिसमें सपेरे अपनी बीन बाजार सांप को अपनी उंगलियों पर नचाते हैं। सिर्फ फिल्म ही नहीं बल्कि रियल लाइफ में भी कई सपेरे घूमते रहते हैं जो लोगों को बीन बजाकर सांप को नचाने का खेल खिलाते हैं। तो क्या ये सांप सच में बीन की धुन पर नाचता है? चलिए जानते हैं।
बहरा होता है सांप
आपको जान हैरानी हो लेकिन सांप बीन की धुन सुनकर कभी नहीं नाचता है। ये बस एक अफवाह है। दरअसल सांप पूरी तरह से बहरा होता है। बल्कि उसके तो कान ही नहीं होते हैं। अब बिना कानों के सांप भला सपेरे की धून को सुनकर कैसे नाच सकता है? अब आप कहेंगे कि भाई हमने तो कई सपेरों को बीन बजाकर सांप को नचाते देखा है। फिर वह सब क्या है? तो चलिए आपको ये रहस्य भी बता देते हैं।
तरंगों से महसूस करता है सबकुछ
चुकी सांप के कान नहीं होते हैं इसलिए वह अपने वातावरण में निकलने वाली तरंगों को महसूस करता है। उसके शरीर की स्किन कुछ ऐसी बनी होती है जो धरती और अन्य जगहों से निकलने वाली तरंगों को महसूस कर सांप को खतरे या शिकार के प्रति आगाह करती है।
इसलिए बीन को देख करता है हरकत
आप ने नोटिस किया होगा कि सपेरे कि बीन पर कई छोटे-छोटे काँचों की सजावट भी होती है। बीन पर लगे ये कांच जब रोशनी के संपर्क में आते हैं तो चमकते हैं। इनसे कुछ तरंगे निकलती है। इसे ही देखकर सांप हरकत में आता है। इन तरंगों को देखकर सांप का इधर उधर डोलना उसकी एक सामान्य हरकत है। वह असल में नाच नहीं रहा होता है, बल्कि बीन को देख इधर उधर डोल रहा होता है। वह उसकी ओर आकर्षित होता है और उस पर से नजरें नहीं हटाता है।
बीन की धुन सुनकर कई बार सांप फन भी चौड़े कर देता है। सांप का फन चौड़े करना भी एक सामान्य प्रक्रिया है। वह जब भी अपने आसपास खतरा देखता है तो सामने वाले को डराने के लिए फन फैला देता है। इसलिए यदि आप कोई कहे कि सांप बीन की धुन पर नाचता है तो उसे ये पूरी कहानी सुना दीजिएगा। देश में आज भी सांपों से जुड़े कई गलत तथ्य और धारणाएं प्रचलित है। ऐसे में लोगों का सच जानना बेहद जरूरी है।