इस वजह से ‘गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में दर्ज है बप्पी का नाम, मां का दिया कड़ा पहनते थे हमेशा
10 दिनों के भीतर हिन्दी सिनेमा और संगीत की दुनिया ने दो दिग्गज़ हस्तियों को खो दिया है. पहले 6 फरवरी को महान गायिका लता मंगेशकर जी का निधन हो गया था. वहीं बुधवार रात को लोकप्रिय गायक और संगीतकार बप्पी लहिरी ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया.
हिंदी सिनेमा के दिग्गज़ों में गिने जाने वाले बप्पी दा एक माह से अस्पताल में भर्ती थे और उन्हें छुट्टी मिल गई थी लेकिन मंगलवार को उनकी तबीयत फिर बिगड़ी और उन्हें दोबारा अस्पताल में भर्ती करवाया गया. लेकिन बप्पी दा को बचाया नहीं जा सका. बुधवार आधी रात को मुंबई के एक अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली.
बप्पी दा के निधन की ख़बर आते ही सिने जगत में शोक की लहर दौड़ पड़ी. आम फैंस के साथ ही फ़िल्मी कलाकार भी उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं. कोई बप्पी दा के घर पहुंचकर उनके अंतिम दर्शन कर रहा है तो कोई उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से याद कर रहा है.
5 हजार से ज्यादा गाने किए कम्पोज…
एक बेहतरीन गायक होने के साथ ही बप्पी दा बड़े संगीतकार भी थे. उन्होंने ढेरों गानों को आवाज दी और हजारों की संख्या में गाने कम्पोज किए थे. जानकारी के मुताबिक़, बप्पी लहिरी ने पांच हजार से भी अधिक गानों में संगीत दिया था.
बप्पी दा के नाम दर्ज है अनोखा विश्व रिकॉर्ड…
बप्पी दा के नाम एक अनोखा विश्व रिकॉर्ड भी दर्ज है. वे एक साल में 33 फिल्मों के 180 गाने रिकॉर्ड कर चुके हैं. यह बात है साल 1986 की. इस कारनामे के कारण बप्पी दा को गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान मिल चुका है.
मां का दिया हुआ कड़ा पहनते थे बप्पी, इस फिल्म के हिट होने पर मिला था इनाम…
इस बात से तो देश दुनिया अच्छे से परिचित है कि बप्पी लहिरी हमेशा सोने से लदे हुए रहते थे. उन्हें सोना पहनने का बहुत शौक था और वे इसे खुद के लिए लकी मानते थे. लेकिन आपको यह भी बता दें कि बप्पी दा हमेशा एक कड़ा भी पहनते थे. वो कड़ा उन्हें उनकी मां ने तोहफे में दिया था.
बप्पी दा जो कड़ा पहना करते थे तो अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से लाया गया था. जब साल 1975 में आई फिल्म ‘जख्मी’ हिट हुई थी तब उन्हें यह कड़ा उनकी मां ने पहनाया था. बता दें कि बप्पी ने सुनील दत्त, आशा पारेख, रीना रॉय और जॉनी वॉकर अभिनीत इस फिल्म में संगीत दिया था.
बप्पी लहिरी का जन्म पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में 22 नवंबर 1952 को हुआ था. उनके पिता और मां दोनों ही संगीतकार थे. उन्हें संगीत विरासत में मिला था. महज तीन साल की उम्र में ही बप्पी लहिरी ने तबला बजाना शुरु कर दिया था.
एक बार बप्पी दा ‘द कपिल शर्मा शो’ (The Kapil Sharma Show) में पहुंचे थे तब उन्होंने कपिल से बातचीत करते हुए बताया था कि जब वे 11 साल के हुए थे तब गाने कंपोज करने लगे थे. वहीं 19 साल की उम्र में बंगाल छोड़कर फिल्मों में करियर बनाने के लिए मुंबई आ गए थे. करीब 20 साल की उम्र में उन्होंने फिल्म के लिए संगीत देना शुरु कर दिया था.