दिग्गज़ संगीतकार बप्पी लहिरी का निधन, 69 की उम्र में ली अंतिम सास, PM मोदी बोले- मैं दुःखी हूं
नहीं रहे 'डिस्को किंग' बप्पी लहिरी, आधी रात को अस्पताल में हुआ निधन
देश और संगीत की दुनिया अभी दिग्गज़ और महान गायिका लता मंगेशकर जी के निधन के सदमे से उबर भी नहीं पाई थी कि मनोरंजन जगत से एक और दिल तोड़ने वाली ख़बर सामने आई है. हिंदी सिनेमा के एक और दिग्गज़ गायक ने दुनिया को अलविदा कह दिया है. करोड़ों दिलों पर राज करने वाले बप्पी लहिरी अब हमारे बीच नहीं रहे. बुधवार सुबह बप्पी दा का मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया.
बप्पी दा के निधन से संगीत जगत और देश में शोक की लहर दौड़ पड़ी है. हर कोई बप्पी दा को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है. मंगलवार को बप्पी दा को मुंबई के क्रिटिकेयर अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. 69 साल की उम्र में बप्पी दा ने आख़िरी सांस ली.
क्रिटिकेयर अस्पताल के निदेशक डॉ दीपक नामजोशी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि, ”लहिरी को एक महीने के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था और सोमवार को उन्हें छुट्टी दे दी गई थी. लेकिन मंगलवार को उनकी तबीयत बिगड़ गई और उनके परिवार ने एक डॉक्टर को उनके घर बुलाया. उन्हें फिर अस्पताल लाया गया. उन्हें कई स्वास्थ्य समस्याएं थीं. उनकी मृत्यु हो गई. आधी रात से कुछ समय पहले ओएसए (ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया) के कारण”.
बप्पी दा ‘डिस्को किंग’ के नाम से भी जाने जाते हैं. 27 नवंबर 1952 को बप्पी लहिरी का जन्म पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में हुआ था. महज 19 साल की उम्र में ही बप्पी ने अपने संगीत करियर की शुरुआत कर दी थी. वे एक बेहतरीन गायक होने के साथ ही उम्दा संगीतकार भी थे. उन्होंने कई हिट गाने गए थे और कई गानों में अपने बेहतरीन संगीत से जान फूंक दी थी.
संगीत बप्पी दा को अपने माता-पिता से विरासत में मिला था. उनके पिता अपरेश लहिरी भी एक गायक थे जबकि उनकी मां बंसारी लहिरी भी गायिका होने के साथ-साथ संगीतकार भी थीं. बंसारी को शास्त्रीय संगीत और श्यामा संगीत में महारत हासिल थी.
अपने करियर की शुरुआत बप्पी दा ने साल 1972 में बंगाली फिल्म, दादू में गाने से की थी. वहीं हिंदी सिनेमा में उनके करियर की शुरुआत अगले ही साल (1973) आई फिल्म नन्हा शिकारी से की थी. लेकिन शुरुआती सालों में उन्हें संघर्ष करना पड़ा. बप्पी दा को बड़ी पहचान साल 1975 में फिल्म ज़ख्मी से मिली. इसमें उन्होंने पार्श्व गायक के रूप में गाना गाया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी बप्पी लहिरी को श्रद्धांजलि…
बप्पी दा के निधन की ख़बर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दुःखी नजर आए और उन्होंने दिवंगत गायक को ट्वीट कर श्रद्धांजलि अर्पित की. पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा कि, ”श्री बप्पी लहिरी जी का संगीत सर्वांगीण था, विविध भावनाओं को खूबसूरती से व्यक्त करता था. पीढ़ियों के लोग उनके कार्यों से संबंधित हो सकते हैं. उनका जीवंत स्वभाव सभी को याद होगा. उनके निधन से दुखी हूं. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना. शांति”. पीएम ने ट्वीट में बप्पी के साथ की एक तस्वीर भी साझा की है.
Shri Bappi Lahiri Ji’s music was all encompassing, beautifully expressing diverse emotions. People across generations could relate to his works. His lively nature will be missed by everyone. Saddened by his demise. Condolences to his family and admirers. Om Shanti. pic.twitter.com/fLjjrTZ8Jq
— Narendra Modi (@narendramodi) February 16, 2022
MP के सीएम ने कहा- संगीत जगत ने अनमोल रत्न खो दिया…
वहीं मध्यप्रदेश के मुख्य्मंत्री शिवराह सिंह चौहान ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ”गायक, संगीतकार श्री बप्पी लहिरी जी के रूप में संगीत जगत ने आज अपने एक अनमोल रत्न को खो दिया. वे अपनी अनूठी आवाज और गीतों के माध्यम से सदैव हम सबके दिलों में जिंदा रहेंगे. ईश्वर उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान और परिजनों एवं प्रशंसकों को यह दुःख सहने की शक्ति दें. ।।ॐ शांति।।
गायक, संगीतकार श्री #BappiLahiri जी के रूप में संगीत जगत ने आज अपने एक अनमोल रत्न को खो दिया।
वे अपनी अनूठी आवाज और गीतों के माध्यम से सदैव हम सबके दिलों में जिंदा रहेंगे।
ईश्वर उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान और परिजनों एवं प्रशंसकों को यह दुःख सहने की शक्ति दें।
।।ॐ शांति।। pic.twitter.com/L12Btr3PX1
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) February 16, 2022