JNU में सेना के टैंक खडा करने की मांग, लेकिन छात्रों और शिक्षकों ने किया इसका विरोध जानिए क्यों…
जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय पिछले साल भारत-विरोधी नारेबाजी के कारण विवादों में घिरा रहा था। इस बार जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) में पिछले दिनों कारगिल विजय दिवस मनाया गया। और तिरंगा मार्च भी निकाला गया। इस दौरान कारगिल में शहीद हुए बहादुर भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई। और जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय के वीसी जगदीश कुमार द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में सेना का टैंक लगाने की मांग की गई। वहां पर केन्द्रीय मंत्री और जनरल वीके सिंह भी मौजूद थे। जगदीश कुमार ने अपने भाषण में जनरल वीके सिंह से गुजारिश की, कि वे यूनिवर्सिटी को सेना का एक टैंक दिलवाने में मदद करें। उनका मानना है कि यह टैंक छात्रों को सेना के बलिदान की याद दिलाता रहेगा। लेकिन जेएनयू के छात्रों और शिक्षकों ने जगदीश कुमार द्वारा विश्वविद्यालय में सेना का टैंक लगाने की मांग को लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
JNU VC wants an Indian Army tank for display on the campus…here is why.
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— ANI Digital (@ani_digital) July 24, 2017
छात्रों और शिक्षकों ने क्यों किया विरोध :
जेएनयू के शिक्षकों और छात्रों ने इस बात का विरोध करते हुए कहा कि उनको अपने देश के प्रति प्रेम और सहानुभूति के लिए इस तरह की चीजों की जरूरत नहीं है। उनका कहना है कि विश्वविद्यालय में सेना का टैंक लगा देने से देश भक्ति की भावना पैदा नहीं हो सकती। ऐसा करना मूर्खता है। जेएनयू के छात्र संघ ने भी कहां की युद्ध का सामान लगाकर राष्ट्रवाद पैदा नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कुलपति द्वारा टैंक लगाने वाले विचार को बेतूका बताया और कहा कि इसकी कोई आवश्यकता नहीं है। शैक्षणिक संस्थान में छात्रों के बौद्धिक विकास के लिए बुनियादी सुविधाओं की इससे ज्यादा जरूरत है।
पहले भी आया था टैंक स्थापित करने का विचार :
आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं कि जब विश्वविद्यालय के परिसर में टैंक लगाने का विचार आया हो इससे पहले पिछले साल 2016 में संसद में हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी दिए जाने की बरसी पर जेएनयू में कार्यक्रम हुआ था। उस कार्यक्रम में भारत विरोधी और कश्मीर की आजादी के समर्थन में नारे लगाए गए थे। इसके बाद देशद्रोह के आरोप में कुछ छात्र गिरफ्तार भी किए गए थे। तब भी कुलपति चाहते थे कि विश्वविद्यालय परिसर के किसी खास हिस्से में टैंक स्थापित किया जाए ताकि यह बच्चाें को सैनिकों के बलिदान की लगातार याद दिलाता रहे।
कारगिल शहीदों को किया याद :
जेएनयू में पहली बार करगिल विजय दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान जेएनयू के शिक्षकों और छात्रों ने कारगिल के शहीदों के परिजन और पूर्व सैनिकों के संगठन ‘वेटरंस इंडिया’ के सदस्यों के साथ मिल कर विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार से समारोह स्थल तक 2,200 फुट लंबा तिरंगा लेकर एक मार्च निकाला। इस मार्च के दौरान कारगिल में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई। कारगिल में शहीद हुए सैनिकों के परिवार की महिलाओं को भी सम्मानित किया गया। इस समारोह में 23 शहीदों के परिवार वाले शामिल थे और वहां पर भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाडी गौतम गंभीर भी मौजूद रहे।