मिसेज नेहरू बनने के लिए जवाहर लाल नेहरू को मनाने पहुंच गईं थी गंगूबाई, मिला था ये जवाब
गंगू बाई और जवाहर लाल नेहरू की प्रेम कहानी
जब से बॉलीवुड एक्ट्रेस आलिया भट्ट (Alia Bhatt) की आने वाली फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ (Gangubai Kathiawadi) का ट्रेलर रिलीज हुआ है, तभी से यह फिल्म सुर्खियों में बनी हुई है। जी हां संजय लीला भंसाली के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म का ट्रेलर दर्शकों को काफ़ी पसंद आया। वहीं यह कहानी एक ऐसे रेड लाइट एरिया कमाठीपुरा की है। जहां की माफिया रानी की भूमिका अभिनेत्री आलिया भट्ट निभाती है। बता दें कि आलिया के इस नए रूप को दर्शक ख़ूब पसंद कर रहें हैं तो वहीं यह फ़िल्म रिलीज होने के पहले से ही चर्चा का केंद्र बनी हुई है।
गौरतलब हो कि यह फ़िल्म एस हुसैन जैदी की किताब ‘माफिया क्वीन ऑफ मुंबई’ पर आधारित है और इसमें यह दिखाया और बताया गया है कि गंगूबाई का प्रभाव सिर्फ अंडरवर्ल्ड और गैंगस्टर्स तक ही नहीं था बल्कि बड़े-बड़े राजनेता भी उनसे प्रभावित थे। इतना ही नहीं गंगूबाई ने वुमन इम्पावरमेंट समिट में वैश्यावृत्ति को लेकर जो भाषण दिया।
वह सुर्खियों में रहा। इसके अलावा फिल्म में यह दिखाने का प्रयास भी किया गया है कि गंगूबाई के चर्चे उस वक्त के प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू तक भी पहुंचे थे। वैसे एस जैदी के किताब में एक ऐसी घटना का जिक्र भी है। जब गंगूबाई ने नेहरू से कहा था कि क्या वह उन्हें मिसेज नेहरू बना सकते हैं? आइए ऐसे में जानते हैं यह पूरा किस्सा और फ़िल्म से किस हिस्से को हटाने की हो रही बात। इसे भी जानेंगे?…
कुछ ऐसा है गंगूबाई का जीवन…
मालूम हो कि इस फ़िल्म की गंगूबाई जो कि एक समय कमाठीपुरा की क्वीन कहलाती है। उसके पोस्टर हर घर पर लगें होते हैं। इतना ही नहीं गंगूबाई की कमाठीपुरा तक पहुँचने की स्टोरी भी किसी फ़िल्म से कम नहीं और कहा जाता है कि गंगूबाई पहले ‘गंगा’ नाम से पहचान रखती है। जो गुजरात के एक संपन्न परिवार की बेटी थी, लेकिन फिर एक समय ऐसा आता है।
जब गंगा हरजीवनदास प्यार में धोखा खाती है और उसके बाद वो ‘गंगूबाई’ बन जाती है। इतना ही नहीं गंगा एक समय एक्ट्रेस बनना चाहती थीं और पिता के अकाउंटेंट रमणीक लाल से प्यार हुआ। वहीं गंगा ने घरवालों के खिलाफ जाकर उससे शादी की। जिसके बाद उनके पति ने ही 500 रुपये में उसका सौदा कर दिया।
ऐसे में गंगा ने हालात से समझौता किया लेकिन मन ही मन तय किया कि किसी और लड़की के साथ वो अन्याय नहीं होने देगी। फिर धीरे से वह गंगूबाई बनती है और जिसके बाद गंगूबाई के कोठे पर बड़े-बड़े गैंग्स्टर आते थे और करीम लाला को उन्होंने ‘मुंहबोला भाई’ बनाया था।
जब प्रधानमंत्री तक पहुँच गया था गंगूबाई का भाषण…
वहीं मालूम हो कि अपनों और हालत से हारी गंगूबाई ने रेड लाइट एरिया की दशा सुधारने की कसम ले ली थी। ऐसे में महिला सशक्तिकरण की एक समिट में गंगूबाई ने ऐसा स्पीच दिया। जिसकी गूंज देश के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू तक पहुंची थी। इतना ही नहीं कहा जाता है कि इस भाषण में गंगूबाई ने शहरी इलाकों में वैश्यावृत्ति की जरूरत पर जोर दिया था। वहीं जवाहर लाल नेहरू उनकी रेड लाइट एरिया की स्थिति सुधारने की इच्छाशक्ति से प्रभावित भी हुए थे।
इसके अलावा तमाम मीडिया रिपोर्ट्स यह दावा भी करती है कि गंगूबाई की मुलाक़ात भी नेहरू से हुई थी। इतना ही नहीं जब नेहरू से वो मिली तो उन्होंने सेक्स वर्कस का जीवन स्तर सुधारने की बात कही थी। इसके अलावा कमाठीपुरा की क्वीन गंगूबाई ने नेहरू से कहा था कि वह अपने भाषणों के जरिये राष्ट्रीय स्तर पर सेक्स वर्कर्स की स्थिति सुधारने का मुद्दा उठाएं। ताकि सेक्स इंडस्ट्री की महिलाओं को बराबरी का हक मिले और वह सम्मानजनक जिंदगी जीने की दिशा में आगे बढ़ पाएं।
इतना ही नहीं बता दें कि मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा भी किया जाता है कि इसी दौरान गंगूबाई ने नेहरू से पूछा था कि, क्या आप मुझे मिसेज नेहरू बनाएंगे? ऐसे में कहा जाता है कि उस वक्त नेहरू के पास कोई जवाब नहीं था। हाँ लेकिन उन्होंने गंगूबाई से इस क्षेत्र में आने का कारण जरूर पूछा था। तब ऐसे में गंगूबाई ने कहा था कि, उपदेश देना बहुत आसान होता है लेकिन इसे कर पाना बहुत मुश्किल।
वहीं आखिर में बताते चले कि अब सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म के मेकर्स से 2 सीन डिलीट करने के लिए कहा है। इसके अलावा बोर्ड ने ये भी कहा है कि फिल्म के कुछ डायलॉग्स में से कुछ शब्दों को भी हटाया जाए। खबरों की मानें तो बोर्ड ने फिल्म के मेकर्स से एक ऐसा सीन बदलने के लिए भी कहा है जो पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) से संबंधित है और यह फ़िल्म 25 फरवरी को रिलीज हो रही है।