उज्जैन में मिला 1 हजार साल पुराना परमार कालीन शिव मंदिर। देखें गर्भगृह की अद्भुत तस्वीर
मध्य प्रदेश की पौराणिक नगरी है उज्जैन और यहां के कण-कण में भगवान शंकर का वास है। जी हां इस बात को एक बार फिर बल मिला है और यहां एक और शिव मंदिर का अस्तित्व सामने आया है। गौरतलब हो कि बाबा महाकाल की नजरी उज्जैन से 35 किमी दूर कलमोड़ा में पुरातत्व विभाग को 1000 साल पुराना भगवान शिव मंदिर का गर्भ गृह मिला है और खुदाई में अब शिवलिंग बाहर दिखने लगा है। वहीं बताया ये भी जा रहा है कि मंदिर परमार कालीन है और यहां उस दौर के शिलालेख के साक्ष्य भी मिलें हैं।
दरअसल उज्जैन के बड़नगर रोड पर कलमोडा में खुदाई के दौरान परमार कालीन एक हजार वर्ष प्राचीन मंदिर के शिलालेख, स्थापत्य खंड और शिव, विष्णु, नंदी जलहरी आदि खंडित अवस्था में यहां से प्राप्त हुई है। वहीं 2 वर्ष पहले शुरू हुई खुदाई के दौरान अंदाजा लगाया गया था कि यहां पर गर्भगृह हो सकता है। उसके बाद भोपाल पुरातत्व विभाग की टीम ने सर्वेक्षण किया और पुरातत्व रिसर्च अधिकारी डॉ. धुर्वेंद्र जोधा के निर्देशन में खुदाई का काम शुरू किया गया। वहीं अब इसमें शोधार्थियों की टीम को गर्भगृह मिल गया है और एक बड़ा शिवलिंग भी प्राप्त होने की बात कही जा रही है।
वहीं पुरातत्व रिसर्च अधिकारी डॉ. धुर्वेंद्र जोधा ने बताया कि, “इस खुदाई के दौरान मिले मंदिर की लम्बाई तकरीबन 15 मीटर है। ऐसे में यह सहज आंकलन किया जा सकता है कि यह मंदिर उस वक़्त का काफी बड़ा रहा होगा।” इतना ही नहीं उन्होंने बताया कि उज्जैन के ग्राम कलमोडा में खुदाई का काम बीते एक वर्ष से चल रहा था, लेकिन कोविड की दूसरी लहर के कारण यह काम बंद करना पड़ा था। वहीं अब दोबारा काम शुरू होने के बाद मंदिर में शिव जी का गर्भ गृह मिला है।
अब तक इस खुदाई में मिल चुकी हैं कई प्रतिमाएं…
वहीं जानकारी के लिए बता दें कि 21 फरवरी 2021 को पहली बार मंदिर सामने आया था। जिसमें मंदिर का आधा हिस्सा सुरक्षित मिला था और बाकी के हिस्से में भगवान हरि-हर, शिव, ब्रह्मा, विष्णु की मूर्ति और मटकिया, दीपक और धूप पात्र तांबे पीतल के अवशेष निकले थे। प्राप्त जानकारी के मुताबिक मालूम हो कि ब्रह्ना की तीन मुख वाली भग्न प्रतिमा भी मिली थी। जिसके एक हाथ मे पुस्तक, दूसरे मे श्रुवा है। इसके अलावा शिव की मूर्ति जटायुक्त मुकुट कुंडल तीन लड़ी हार से अलंकृत है और एक प्रतिमा में शिव संग विष्णु हैं। वहीं शिवलिंग और नंदी की भी प्रतिमा मिली है।
परमार कालीन है मंदिर का अवशेष…
वहीं शोध अधिकारी ध्रुवेंद्र सिंह जोधा की मानें तो मंदिर परमारकालीन 1000 साल पुराना हो सकता है और इस शिव मंदिर में लगातार शोधकार्य जारी है। एक साल की मेहनत के बाद गर्भ गृह निकल कर सामने आया है। जिसके बाद रिसर्च में उत्सुकता बढ़ी है।
इतना ही नहीं ध्रुवेंद्र सिंह ने बताया कि हमारी टीम ने दो साल पहले शोधकार्य शुरू किया था और पुरावशेष मिलने पर यहां काम जारी रखने का निर्णय लिया गया था। ऐसे में करीब 20 लोगों की टीम यहां ग्रामीणों की मदद से लगातार काम कर रही है। वहीं आख़िर में बताते चलें कि इस मंदिर के जो अवशेष मिले हैं। वो मंदिर के पूर्व मुखी होने का संकेत देते हैं।