अजीबो-गरीब: यहां बेटी को करनी होती है अपने ही पिता से शादी, जानें वजह
ये दुनिया अजीबो गरीब चीजों से भरी हुई है। कुछ चीजें ऐसी हैं जिनपर भरोसा करना ही मुश्किल हो जाता है। विकसित सभ्यता में रिश्तों का ताना बाना बुना हुआ है। सभ्य समाज और इसमें रहने वाले लोग इन्हीं रिश्तों में बंधे हुए हैं। रिश्तों की कुछ मर्यादाएं होती हैं और जब वो टूटती हैं तो अजीब प्रथाएं जन्म लेती हैं।
कुछ ऐसी ही प्रथा के बारे में हम आज आपको बताने जा रहे हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत के पड़ोसी मुल्क में बेटी को अपने ही पिता की पत्नी बनना पड़ता है। आखिर क्यों ऐसा होता है और ये हैरानी भरी कुप्रथा किस देश में मौजूद है, आइए हम जानते हैं।
इस देश में है ये अजीबो गरीब कुप्रथा
अपने ही पिता की पत्नी बनने की ये कुप्रथा भले ही आपको भी हैरान कर रही होगी लेकिन ये बात सच है। हमारे देश में पिता और बेटी का रिश्ता सबसे पवित्र माना जाता है। वहीं बेटी को घर की लक्ष्मी और देवी का रूप भी माना जाता है।
लेकिन हमारे ही देश के पड़ोस में मौजूद बांग्लादेश में ये हैरान करने वाली कुप्रथा चल रही है। यहां बेटी को अपने ही पिता की पत्नी बनना पड़ता है। बांग्लादेश की एक जनजाति में ये प्रथा आज भी प्रचलित है।
जानें क्या है इस कुप्रथा की वजह
बांग्लादेश में रहने वाली मंडी जनजाति के बीच ये कुप्रथा आज भी जारी है। अब हम आपको इसकी वजह बताते हैं कि आखिर क्यों बेटी को अपने पिता की पत्नी बनना पड़ता है। दरअसल इस जनजाति के लोगों का मानना है कि अगर किसी स्त्री के पति की मौत हो जाए
और वो जिस भी आदमी से दूसरी शादी करेगी, वो सिर्फ उसका ही पति नहीं होगा बल्कि उसकी पहले पति की संतान या उसकी खुद की संतान भी बेटी हुई तो वो उसका भी पति माना जाएगा। इस जनजाति के लोगों का मानना है कि ऐसा करने से महिला और उसकी बेटी दोनों को ही ज्यादा सामाजिक सुरक्षा मिलती है। इसी वजह से ये कुप्रथा आज भी कायम है।
ओरेला नाम की महिला ने बताया अपना दर्द
इस कुप्रथा के बारे में मंडी जनजाति की महिला ओरेला ने बताया था। वो इस समय 30 साल की है। उसने बताया कि जब उसकी उम्र महज तीन साल की थी, तब उसके पिता की मौत हो गई थी। इसके बाद उसकी मां ने दूसरी शादी कर ली थी। हालांकि जब ये सारा वाक्या हुआ, तब वो बहुत छोटी थी और उसे लगता था कि उसका दूसरा पिता उससे बहुत प्यार करता है।
इसके बाद उसने जब होश संभाला और वो बड़ी हुई, तब उसे हकीकत का पता चला कि उसका दूसरा पिता ही मंडी जनजाति की कुप्रथा के हिसाब से उसका पति भी है। ओरेला उस समय सिर्फ तीन साल की थी, जब उसके दूसरे पिता से उसकी मां के साथ ही ओरेला की शादी भी कर दी गई थी। इस प्रथा के बारे में जानकर उसे लग रहा था जैसे वो कोई सपना देख रही है लेकिन ये सपना नहीं बल्कि हकीकत था।