शादी के मंडप पर ही हो गई दुल्हन की मौत, माता-पिता ने उठाया ऐसा कदम, जो समाज के लिए बन गया मिसाल
कोलार (कर्नाटक)! सोचिए शादी का मंडप सजा हो और उसी दौरान कोई अनहोनी हो जाएं। फिर वहां उपस्थित लोगों पर क्या बीतेगी, स्वाभाविक सी बात है कि यह रंग में भंग पड़ने वाली स्थिति हो जाएगी।
बता दें कि ऐसा ही एक दुखद मामला कर्नाटक में देखने को मिला है। जहाँ पर शादी के मंडप पर ही कुछ ऐसा हो गया, जिसके बाद ख़ुशी का सारा माहौल मातम में बदल गया और वहां उपस्थित सभी लोगों के चेहरे आंसुओं से भीग गए। आइए ऐसे में समझें यह पूरा घटनाक्रम।
बता दे कि दरअसल यह पूरा मामला कर्नाटक के कोलार शहर का है। जहाँ शादी के दौरान ही 26 वर्षीय दुल्हन की अचानक मंच पर ही मौत हो गई और इस घटना ने शादी समारोह में आए सभी लोगों को झकझोर दिया और घटना के बाद किसी को कुछ भी नहीं सूझते बना।
वहीं इस घटना के बाद दुल्हन के माता-पिता ने बेटी के अंगों को दान करने की घोषणा करके एक अद्भुत मिसाल पेश की। बता दें कि इस दुःखद निधन पर कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री केके सुधाकर ने भी शोक व्यक्त किया है और उन्होंने माता-पिता के फैसले का स्वागत भी किया।
26 साल की चैत्रा की शादी थी और चैत्रा रिसेप्शन के दौरान दुल्हन बनकर स्टेज तक पहुंची भी, लेकिन शायद ऊपर वाले ने उसके जीवन में यही तक का सफर लिखा था और उसके बाद जब दुल्हन; दुल्हे के साथ बैठी कि वो अचानक मंच पर गिरकर बेहोश हो गई।
जिसके बाद आनन-फानन में चैत्रा का परिवार उसे नजदीकी अस्पताल ले जाता है और वहां से डॉक्टरों ने उसे बेंगलुरु NIMHNS अस्पताल रेफर कर दिया। जिसके बाद परिजन उसे वहां ले गए तो डॉक्टरों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया।
It was a big day for the 26-year Chaitra but destiny had other plans. She collapsed during her wedding reception at Srinivasapur in Kolar district. She was later declared as brain dead at NIMHANS. Despite the heart breaking tragedy, her parents have decided to donate her organs. pic.twitter.com/KQZff1IEoq
— Dr Sudhakar K (@mla_sudhakar) February 11, 2022
वहीं बता दें कि इस दुखद घटना पर कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री ने भी ट्वीट किया है और उन्होनें अपने ट्वीट में लिखा कि, “चैत्रा के लिए बहुत बड़ा दिन था लेकिन किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था। चैत्रा शादी के दौरान बेहोश होकर गिर गई जिसके बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना से टूटे चैत्रा के मां-बाप ने ऐसा फैसला लिया कि आज वो समाज के लिए मिसाल बन गया है। बेटी के अंग को दान कर दिया गया।”