हर संकट के सामने बजरंग बलि को अपनी ढाल बनाने के लिए मंगलवार की रात करें ये काम!
अंजनी पुत्र और राम भक्त हनुमान अपने भक्तों को कभी भी निराश नहीं करते हैं। हनुमान जी के बारे में कहा जाता है कि यही एक देवता हैं जो कलयुग में भी जिन्दा है और समय-समय पर अपने भक्तों को दर्शन देते रहते हैं। हनुमान जी दिन के समय अपने प्रभु श्रीराम की सेवा में रहते हैं, इसलिए इसकी उपासना रात के समय करनी चाहिए। उस समय यह अपने भक्तों की पुकार अच्छे से सुनते हैं।
मंगलवार होता है हनुमान जी का प्रिय दिन:
किसी भी संकट के सामने हनुमान जी को अपनी ढाल बनाने के लिए मंगलवार की रात को विशेष अनुष्ठान करें। बजरंग बली की पूजा मंगलवार को इसलिए की जाती है, क्योंकि मंगलवार इनका सबसे प्रिय दिन होता है। इसके अलावा बजरंग बली की पूजा शनिवार के दिन भी की जाती है। जो भी भक्त हनुमान जी को प्रसन्न करके अपने सभी कष्टों से मुक्ति चाहते हैं, उन्हें मंगलवार की रात को इनकी विशेष पूजा करनी चाहिए।
मंगलवार की रात को करें ये काम:
*- इंसान के जीवन में कितनी भी बड़ी परेशानी क्यों ना चल रही हो, उससे छुटकारा पाने के लिए हनुमान चालीसा रामबाण है। हनुमान चालीसा का पाठ एक ही समय और एक ही आसन पर बैठकर करना चाहिए।
*- अगर आपकी संतान आपकी कोई बात नहीं सुनती है तो परेशान होने की बजाय मंगलवार और शनिवार की रात 8 बजे हनुमान चालीसा का पाठ करें। कुछ ही दिनों में आपकी संतान आज्ञाकारी हो जाएगी।
*- अगर लाख प्रयत्न करने के बाद भी सफलता नहीं मिल रही है तो हर रोज रात को 8:30 बजे हनुमान चालीसा का पाठ करें। 9 दिनों में हनुमान चालीसा का 108 बार पाठ करें, फिर देखें इसका चमत्कार। आपको हर काम में सफलता मिलने लगेगी।
*- शनि के अशुभ प्रभाव से मुक्त होना चाहते हैं तो मंगलवार और शनिवार को शाम 5 बजे के बाद हनुमान चालीसा का पाठ करें।
*- जो व्यक्ति नित्य हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं नकारात्मकता हमेशा उनसे दूर रहती है। उनके आस-पास सकारात्मकता का संचार होने लगता है।
हनुमान चालीसा का पाठ करते समय रखें इन बातों का ध्यान:
*- हनुमान चालीसा का पाठ करते समय स्वच्छता का खासतौर पर ध्यान रखें।
*- हनुमान चालीसा का पाठ करने के बाद हनुमान जी की आरती करना ना भूलें।
*- हनुमान चालीसा का पाठ करने के बाद आरती करें और उसके बाद बेसन से बने मिष्ठान का भोग हनुमान जी को अवश्य लगाएं।
*- हनुमान चालीसा का पाठ करते समय तन-मन को शांत रखने का प्रयास करें।
*- हनुमान जी के उसी चित्र की पूजा करें, जिसमें श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण हों।