अजीब परंपरा है इस जनजाति की, शादी करके पिता के साथ बेड शेयर करती हैं लड़कियां
जब भी हम सामाजिक ताने-बाने में संबंधों की बात करते हैं। फिर एक बाप-बेटी के रिश्ते को सबसे पवित्र रिश्तों में से एक माना जाता है। इतना ही नहीं एक पिता अपनी बेटी को पढ़ाने-लिखाने से लेकर हर पल पर उसका ख्याल रखता है और फिर एक समय ऐसा आता है, जब वो अपनी लड़की का विधि-विधान के साथ कन्यादान करता है। यह तो बात हुई भारत विशेषकर हिन्दू धर्म की लड़कियों और उनके पिता के बीच सामाजिक संबंध की। वहीं दुनिया में एक देश ऐसा भी है, जहाँ लड़कियों की शादी उनके पिता के साथ ही करा दी जाती है। आइए ऐसे में समझें इस देश और उसके अनूठे रीति-रिवाज के बारें में…
बता दें कि हिन्दू धर्म में लड़कियों को घर की लक्ष्मी का दर्जा दिया जाता है और उनकी घर में काफी इज्जत भी होती है, लेकिन बांग्लादेश दुनिया का एक ऐसा देश है। जहाँ कि मंडी जनजाति में लड़कियों की शादी उनके पिता से ही कर दी जाती है। अब ऐसे में आप इस अनूठी परंपरा के बारें में जानकर हैरान जरूर हो रहें होंगे, लेकिन यह कोई हैरान होने वाली बात नहीं बल्कि इसमें सच्चाई है और ‘द गार्डियन’ के मुताबिक, ये परंपरा आज भी बांग्लादेश के मंडी जन जाति में व्याप्त है।
पिता के साथ बेटी की शादी को लेकर इसी जनजाति की एक 30 वर्षीय महिला ओरोला कहती है कि जब वह बहुत छोटी थी तब उसके पिता की मृत्यु हो गई थी। ऐसे में उसकी मां की शादी नॉटेन नाम के किसी दूसरे आदमी से हो गई और उसके बाद वो हमेशा अपने दूसरे पिता को देखकर सोचती थी की वो कितने अच्छे हैं। कुल-मिलाकर देखें तो यह लड़की कहीं न कहीं अपने दूसरे पिता को पसंद करती थी।
इतना ही नहीं ओरोला ने आगे कहा कि जब वो धीरे-धीरे बड़ी हुई तो उसे जिस बारें में पता चला। वो कहानी हैरान करने वाली थी और जब मैं अपने जवानी के दिनों की तरफ बढ़ी तो पता चला कि उनके दूसरे पिता नॉटेन ही उनके पति हैं और ये खबर सुनते ही ओरोला को जैसे लगा की वह कोई सपना देख रही है। लेकिन हकीकत में ये एक सच था और ओरोला की शादी उसके पिता के साथ तब कर दी गई थी जब वो मात्र 3 साल की थी। वहीं इसमें जो हैरानी वाली बात है, वो ये है कि यह प्रथा आज भी बांग्लादेश के मंडी जाति में व्याप्त है।
बता दें कि इस कुप्रथा के अंतर्गत कम उम्र में विधवा हुई लड़कियों की शादी दूसरे व्यक्ति से करवा दी जाती है और जब वो महिला किसी बेटी को जन्म देती है तो उसकी शादी भी उसी व्यक्ति से करवाई जाती है। वहीं ऐसा करने के पीछे जो इस समाज के लोग तर्क देते हैं, उसके मुताबिक कहा जाता है कि जब एक कम उम्र का व्यक्ति किसी विधवा से शादी करता है और फिर उसे बच्ची होती है तो उसकी शादी भी अपने पिता से ही करा दी जाती है, ताकि वो लम्बे समय तक दोनों का ख्याल रख सकें।