आज से माता चिंतपूर्णी के विशेष दिन की शुरुआत, मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए करें ये काम ..
हिन्दू धर्म में देवी-देवताओं को बराबरी का महत्व दिया जाता है। सावन का पवित्र महिना चल रहा है। यह महिना धर्म-कर्म के लिए सबसे उपयुक्त महिना माना जाता है। इस महीने में पूजा-पाठ करके देवी-देवताओं को बहुत आसानी से प्रसन्न करके उनका वरदान पाया जा सकता है। भगवान शंकर को यह सावन महिना अत्यंत ही प्रिय है। इसलिए इस महीने में वह अपने किसी भक्त की पुकार को अनसुना नहीं करते हैं। mata chintpurni mela.
मेले में कई अन्य देशों से आते हैं लोग:
माँ चिंतपूर्णी के बारे में तो आप जानते ही हैं। यह माता दुर्गा का ही एक रूप हैं। हर साल सावन महीने की अष्टमी में माता चिंतपूर्णी का मेला लगता है। माता चिंतपूर्णी का धाम हिमांचल प्रदेश में स्थित है। इस बार माता चिंतपूर्णी का मेला 24 जुलाई यानी आज से शुरू हो रहा है। माता के इस मेले में केवल भारत से ही नहीं बल्कि कई अन्य देशों से भी माता के भक्त आते हैं।
सभी जगहों पर किया गया माता के शक्तिपीठों का निर्माण:
जो भी भक्त यहाँ आकर सच्चे मेन से माता से गुहार लगाता है, माता उसकी हर इच्छा को पूरी कर देती हैं। साथ ही साथ सभी परेशानियों को दूर करके सुख-समृद्धि और सम्पन्नता का वरदान देती हैं। भारतीय महाद्वीप के 52 अलग-अलग स्थान हैं, जहाँ माता सती के अंग गिरे थे, आज उन सभी जगहों पर माता के शक्तिपीठों का निर्माण किया गया है।
लगातार 8 दिनों तकज चलता है यह मेला:
हिमांचल में मुख्यरूप से चामुंडा देवी का धाम नंदिकेश्वर में, माँ ब्रजेश्वरी देवी कांगड़ा में, माँ ज्वाला जी ज्वालामुखी में, माँ नयना देवी आनंदपुर साहब में और माँ छिन्नमस्तिका धाम चिंतपूर्णी में स्थित है। सावन में यहाँ पर भारी मेला लगता है। हर साल चिंतपूर्णी आने वाले भक्तों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। सावन महीने में अष्टमी से लेकर यह मेला लगातार 8 दिनों के लिए लगा रहता है।
मेले में भारी संख्या में लोग जाते हैं साइकिल से:
24 से 31 जुलाई तक चलने वाले इस मेले के लिए मंदिर को अच्छी तरह से सजाया गया है। मेले की वजह से उना जिला प्रशासन पूरी तैयारिया कर रहा है। आने वाले यात्रियों की सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल को भी तैनात किया गया है। लोग माँ के धाम पर पैदल और साइकिल से आना सावन के शुरुआत से ही कर देते हैं। प्रशासन में मेले में सफाई को लेकर भी उचित प्रबंध किया है। भक्तों के लिए 24 घंटे पानी और शौचालयों की व्यवस्था भी की गयी है।