बुर्के और हिजाब के समर्थन में ऐसे लोग आ गए हैं, जो फिल्मी पर्दे पर ही नहीं अपने निजी जीवन में भी ऐसे कपड़े पहनते हैं जिसमें कपड़ा कम दिखता है और शरीर ज्यादा। इस कड़ी में स्वरा भास्कर, ऋचा चड्ढा जैसे लोगों के बाद अब सोनम कपूर का नाम भी जुड़ गया है। सोनम कपूर ने स्कूल में हिजाब को बैन करने का विरोध करते हुए पूछा है कि जब स्कूलों में पगड़ी पहन कर छात्र जा सकते हैं तो हिजाब पहनकर छात्राएं क्यों नहीं जा सकतीं हैं।
सोनम कपूर ने तस्वीर भी पोस्ट की
सोनम कपूर ने अपने सवाल के साथ सोशल मीडिया पर एक तस्वीर भी शेयर की है, जिसमें एक तरफ पगड़ी पहने हुए एक सिख है और दूसरी तरफ बुर्का पहनी हुई एक महिला। सोनम ने तस्वीर के साथ सवाल पूछा, ”अगर पगड़ी एक विकल्प हो सकता है तो बुर्का क्यों नहीं?”
सोनम कपूर को मिला जवाब
सोनम कपूर को उनके सवाल पर फिल्ममेकर अशोक पंडित ने उन्हें आड़े हाथों लिया है। उन्होंने सोनम को टैग करते हुए एक ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने लिखा, ”काश कोई इन मैडम को समझाया होता। पगड़ी और बुर्के में क्या फर्क है।” अशोक पंडित के इस ट्वीट पर लोगों ने जमकर कमेंट किए।
I wish somebody explained to madame @sonamakapoor ji, the difference between a turban & a hijab.#HijabRow
— Ashoke Pandit (@ashokepandit) February 11, 2022
जस्बीर सिंह बाली नाम के एक यूजर ने लिखा, ”सिख की पगड़ी कपड़े का टुकड़ा नहीं है जिसे सुविधा के अनुसार इस्तेमाल किया जा सकता है। यह सशस्त्र बल अधिनियम और मोटर वाहन अधिनियम पैन इंडिया में संवैधानिक रूप से स्वीकृत सिख निकाय का अभिन्न अंग है। आप दुनिया भर में सिख को पगड़ी के साथ देखेंगे और यह फिल्म की पोशाक नहीं है जिसका इस्तेमाल पैसे कमाने के लिए किया जा सकता है।”
वहीं अशोक श्रीवास्तव नाम के एक यूजर ने लिखा, ”एक-एक कदम आगे बढ़ें।पहले राष्ट्र गान और राष्ट्रगीत का अंतर समझने दें फिर आगे बढ़ें।”
आपको बता दें कि हिजाब विवाद कर्नाटक में उडुपी के गवर्नमेंट गर्ल्स पीयू कॉलेज से शुरू हुआ, जहां स्कूल और कॉलेजों में यूनिफॉर्म ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है। इस कॉलेज की 6 छात्राओं ने आरोप लगाया था कि उन्हें हेडस्कार्फ पहनने की वजह से क्लास में आने से रोक दिया गया था। जिसके बाद बीते मंगलवार को ये विवाद इतना बढ़ गया कि पथराव जैसी घटानाएं भी हुईं। ये विवाद इतना बढ़ गया कि कर्नाटक सरकार ने 3 दिन तक स्कूल-कॉलेज बंद रखने के आदेश दिए। इस मुद्दे पर कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है।