हाथी कैसा होता है? 6 अंधों में छिड़ी बहस, किसी ने कहा खंभे जैसा तो कोई बोला रस्सी की तरह, फिर..
कहते हैं एक बुद्धिमान व्यक्ति वही होता है जो हर बात को शांति से और पूरा सुनता है। वह दूसरे की बातों, अनुभवों और विचारों का सम्मान करता है। आधी-अधूरी बात सुनकर बहस करना या बिना रिसर्च के नतीजे पर पहुँच जाना मूर्ख लोगों की निशानी होती है। इस बात को हम आज आपको एक प्रेरणादायक कहानी के माध्यम से समझाने जा रहे हैं।
हाथी को देख आपस में लड़ने लगे 6 अंधे
एक बार की बात है, एक गांव में 6 अंधे लोग रहते थे। सभी आपस में हंसी खुशी रहते थे। फिर एक दिन गांव में एक हाथ आया। अंधों को जब इसकी भनक लगी तो वे हाथी को देखने या फिर कहे महसूस करने चले गए। उन्होंने सोचा हम हाथी देख भले न पाए, लेकिन वह कैसा होता है उसे छूकर अंदाजा लगा सकते हैं।
सभी अंधों ने एक-एक कर हाथी को छूना शुरू किया। पहला अंधा हाथी को छोकर बोला “हाथी एक खंभे जैसा होता है। मेरी समझ में आ गया।” दरअसल उसने हाथी का पैर छुआ था। तभी दूसरा अंधा हाथी की पूंछ छूकर बोला “नहीं यार, हाथी तो रस्सी जैसा होता है।” इसी तरह तीसरा अंधा बोला “हाथी पेड़ के तने जैसा होता है।”
अब चौथे शख्स ने हाथी के कान को टच किया और कहा “हाथी एक बड़े सूपे जैसा होता है।” वहीं पांचवे अंधे ने हाथी के पेट पर हाथ रख कहा “हाथी एक दीवार के जैसा होता है।” इसके बाड छठा अंधा बोला “तुम सब गलत हो। हाथी कठोर नली की तरह होता है।” सभी अंधों के अलग-अलग मत थे। हर कोई अपनी बात पर अड़ा रहा और दूसरे की बात नहीं मानी। जल्द अंधों में बहस छिड़ गई। आलम ये था कि मामला हाथापाई तक जा पहुंचा।
बुद्धिमान शख्स ने ऐसे झुलझाया झगड़ा
इसी दौरान वहां से एक बुद्धिमान व्यक्ति गुजरा। अंधों की बहस देख वह उनके पास गया और पूरा मामला जाना। अंधों ने बताया कि “हम सभी एक मत नहीं बना पा रहे हैं कि हाथी असल में दिखा कैसा है।” फिर बुद्धिमान शख्स ने पहले सभी की बातें शांति से सुनी। फिर कहा “तुम सभी अपने अपने स्थान पर सही हो। बस तुम्हारा अनुभव बाकियों से थोड़ा अलग है। इसकी वजह ये है कि तुम सभी ने हाथी के अलग-अलग हिस्सों को छूकर अलग-अलग चीजें महसूस की।”
बुद्धिमान व्यक्ति ने अंधों को समझाया “यदि आप सभी ने जो जो महसूस किया उसके आगे भी कुछ देखते तो आप सभी के विचार एक हो जाते। बिना चीजों को पूरी तरह जाँचे उस पर अपनी राय बना लेना सही नहीं है।” बुद्धिमान व्यक्ति की बात अंधों को समझ आ गई और उनका झगड़ा शांत हो गया।
कहानी की सीख
इस कहानी से हमे ये सीख मिलती है कि यह जरूरी नहीं आप हमेशा सही हो। पहले दूसरों की बातों को ध्यान से सुनना चाहिए, उस पर रिसर्च करना चाहिए और फिर अपनी राय उनके सामने रखनी चाहिए।