लता मंगेशकर की विरासत को आगे बढ़ा रही है उनकी तीसरी पीढ़ी, देखें उन की तस्वीरें
एक लंबे समय से लता मंगेशकर का परिवार और वो स्वयं संगीत की साधना करती रही, लेकिन बीते दिनों लता जी शून्य में विलीन हो गई और उनकी कोई चीज अब हमारी स्मृतियों में है तो उनके गाने और उनकी आवाज। मालूम हो कि लताजी ने तकरीबन 8 दशक तक संगीत को ही अपना सबकुछ माना।
इतना ही नहीं लताजी भले ही संगीत की दुनिया की महाविभूति रही, लेकिन उन्होंने कभी परंपरा, शालीनता, शांति और अपनी दो चोटी वाली पहचान नहीं छोड़ी, फिर भले ही क्यों न वो कितनी भी ऊंचाइयों पर पहुंच गई हो और कहीं न कहीं उनकी यही बातें उन्हें महान बनाती है।
लताजी जी अपने भाई-बहनों में सबसे बड़ी थी और दिलचस्प बात देखिए कि उनके सभी भाई-बहन संगीतरत रहें और उसे ही अपना प्रोफेशन बनाया। इतना ही नहीं आपको जानकर सुखद एहसास होगा कि लता जी के परिवार की तीसरी पीढ़ी भी संगीत सेवा में लगी हुई है। आइए ऐसे में यहाँ हमको उनकी तीसरी पीढ़ी के बारें में बताते हैं, जो अपने परिवार की संगीत विरासत को आगे बढ़ा रहें हैं।
राधा मंगेशकर…
राधा मंगेशकर लता मंगेशकर की भतीजी और उनके भाई हृदयनाथ मंगेशकर की बेटी हैं। मालूम हो कि चार बहनों के बीच ह्रदयनाथ अपने माता-पिता के इकलौते पुत्र हैं और उन्होंने भी बड़ी बहन के समान संगीत को चुना, लेकिन उन्हें उतनी प्रसिद्धि नहीं मिली, जितनी लता जी को। वहीं अब उनकी बेटी राधा भी संगीत साधना में लगी हुई है।
बता दें कि राधा अपनी बुआ यानी लता जी के बेहद करीब थी। राधा मंगेशकर ने हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की शिक्षा ली है और 7 साल की छोटी उम्र में ही मंच पर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था। वहीं अपनी बुआ लताजी की भांति राधा भी हिंदी के अलावा मराठी और बंगाली में भी गायन कर रही हैं और स्वयं लता जी ने 2009 में राधा का एकल डेब्यू एल्बम लॉन्च किया था और जिसका नाम ‘नव मझे शमी’ था।
जनाई भोसले…
जनाई भोसले, लताजी की बहन आशा भोसले की पोती और उनके बेटे आनंद की बेटी हैं। बता दें कि जनाई भी एक उभरती हुई गायिका हैं और उन्होंने ‘6 पैक’ नामक एक म्यूजिक प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया है और यह भारत का पहला ट्रांसजेंडर बैंड है।
इसके अलावा जानकारी के लिए बता दें कि जनाई भोसले भी अपनी दादी आशा भोसले की तरह संगीत की अलग-अलग शैलियों में अपना हुनर दिखाने के जानी जाती है।
रचना खडीकर शाही…
इसके अलावा लताजी की एक बहन का नाम मीणा मंगेशकर है और उनकी बेटी का नाम रचना खडीकर है। बता दें कि रचना भी लताजी की विरासत को आगे बढ़ा रही है और उन्होंने लताजी की भांति कम उम्र में ही संगीत की दुनिया में कदम रख दिया। मालूम हो कि रचना ने महज 5 साल की उम्र में संगीत की दुनिया में कदम रखा और उनका पहला एल्बम ‘मराठी बाल गीत’ काफी हिट रहा था।
वहीं रचना के साथ एक दिलचस्प बात जो जुडी हुई है, वो ये है कि इन्हें अपनी मौसी लता और आशा के साथ भी गाने का अवसर मिला है। इसके अलावा चाइल्ड स्टार के रूप में रचना ने आशा भोसले और आरडी बर्मन के साथ भी कोलकाता में अपनी परफॉरमेंस दी है।
वहीं आखिर में बताते चलें कि सुरों की देवी कही जाने वाली स्वर कोकिला लता मंगेशकर का बीते दिनों 6 फरवरी को दुनिया हो गया था और वो लम्बे समय से बीमार चल रही थी।
उनके निधन से संगीत की दुनिया तो सूनी हो ही गई, इसके अलावा उनके जाने का गम पूरे देश में देखने को मिला और सबने अपने-अपने हिसाब से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। वैसे लताजी के जाने के बाद संगीत कला की दुनिया को एक बड़ी छति पहुंची है और जिसकी भरपाई हो पाना सम्भव नहीं, लेकिन ये सुखद बात है, कि मंगेशकर परिवार की विरासत लगातार आगे बढ़ रही है।