लताजी को लेकर भावुक हुए शोएब अख्तर, बोलें- ‘माँ! से न मिल पाने का सदैव रहेगा मलाल’
एक बड़ी ही अच्छी पंक्ति है कि, “ज़िन्दगी गुज़रेगी कितनी कहानी ले के, जमीं में दफ़न है यादों की निशानी ले के।” जी हाँ ये पंक्ति अब लता जी के व्यक्तित्व पर एकदम सटीक बैठती है और वो इस नश्वर संसार को भले छोड़कर चली गईं। लेकिन उनकी यादें देश ही नहीं दुनिया के हर संगीत पसंद लोगों के दिलों में व्याप्त है। बता दें कि भारत रत्न गायिका लता मंगेशकर का 92 साल की उम्र में बीते दिनों रविवार को निधन हो गया और वो मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में एडमिट थीं।
मालूम हो कि कोरोना और निमोनिया से बीते 29 दिनों से वो लड़ रही थीं। इसके बाद कई सेलेब्स ने उनसे जुड़ी यादों को शेयर किया। वहीं अब लता जी के जाने के बाद पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शोएब अख्तर ने भी उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजलि देते हुए एक वीडियो शेयर किया है और इस वीडियो में शोएब ने लता जी के साथ 2016 में फोन पर हुई बातचीत का जिक्र किया है।
वैसे 6 फरवरी का दिन भारत के लिए बेहद दुखी करने वाला दिन रहा और हम सबके दिल में बसने वाली स्वर सम्राज्ञी भारत रत्न लता मंगेशकर अब हमारे बीच नहीं रही। वहीं इस खबर से पूरी दुनिया के लोग स्तब्ध रह गए और लता जी को चाहने वालों ने इस खबर को सुनने के बाद अपनी संवेदना जताई। पूर्व पाकिस्तानी तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने भी इस दौरान एक वीडियो शेयर करके बताया कि कैसे उनकी जब लता जी से बात हुई थी तो उन्होंने कहा था कि, “मुझे मां बुला सकते हो।” लेकिन शोएब अख्तर ने अफसोस जताया कि वह उनसे मिल नहीं पाए।
पाकिस्तानी तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने अपने वीडियो में कहा कि, “2016 में जब मैं इंडिया में काम कर रहा था तो मुझे लता जी से फोन पर बात करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था और मैंने उनसे बात की। इसके बाद उन्होंने अपनी सुरमई आवाज में जवाब दिया। मैंने उन्हें लता जी कहा तो वे बोलीं मुझे मां कहो तब से मैं उन्हें मां जी कहने लगा। लता जी ने मुझसे अपने क्रिकेट प्रेम को लेकर बात की और कहा कि वो मेरे कई मैच देख चुकी हैं और सचिन तेंदुलकर से मैदान पर होने वाली लड़ाई भी उन्होंने खूब देखी है।”
वहीं शोएब अख्तर ने आगे कहा कि, “वह मुझे मैदान पर अग्रेसिव पाती हैं। मैं अपने गुस्से के लिए मशहूर हूं। मैंने उनसे मिलने की इच्छा जताई तो उन्होंने कहा कि अभी उनके नवरात्रि के उपवास चल रहे हैं और इसके बाद वो जब चाहें मिल सकते हैं, लेकिन दुर्भाग्य से वो दिन कभी नहीं आया। उन्होंने मुझे ढेर सारी दुआएं दीं। फिर भारत-पाकिस्तान के रिश्ते तल्ख होते गए और मैं इंडिया नहीं आ पाया और ना कभी उनसे मिल पाया, जिसका मुझे ताउम्र मलाल रहेगा।”
वहीं आखिर में बताते चलें कि लताजी का संगीत की दुनिया में तो योगदान है ही। इसके अलावा आपको जानकर एक सुखद आश्चर्य भी होगा कि लता जी का क्रिकेट में भी योगदान है। अब आप सोचें कि ये कैसे हुआ तो बता दें कि यह बात है साल 1983 के वर्ल्ड कप की। जब भारतीय टीम विश्व कप जीतकर आई थी। तब भारतीय टीम को BCCI के तत्कालीन अध्यक्ष एनकेपी साल्वे पुरस्कार देना चाहते थे, लेकिन पैसों की कमी के चलते वह विवश थे।
ऐसे में साल्वे ने इस गंभीर स्थिति से निकलने के लिए स्वर कोकिला लता मंगेशकर से मदद मांगी थी और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय टीम की जीत के जश्न के लिए दिल्ली के इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में लता मंगेशकर कॉन्सर्ट आयोजित किया गया और यह कॉन्सर्ट काफी हिट रहा। जिससे 20 लाख रुपए की कमाई हुई और उसके बाद में भारतीय टीम के सभी सदस्यों को इनाम के तौर पर एक-एक लाख रुपए दिए गए।