मैं कभी ऐसी फिल्म नहीं करूंगा जिसे बीवी और बेटी के साथ बैठकर देख नहीं सकूं – अल्लु अर्जुन
रियल लाइफ स्टार हैं अल्लु अर्जुन,बोले - 'मैं कभी ऐसी फिल्म नहीं करूंगा जिसे बीवी और बेटी के साथ बैठकर देख नहीं सकूं'
‘पुष्पा-द राइज’ की शानदार सफलता के बाद अल्लु अर्जुन की लोकप्रियता आसमान छू रही है। सिर्फ साउथ इंडिया ही नहीं बल्कि नॉर्थ इंडिया भी उनका फैन बन गया है। अल्लु को लोग एक आइकन स्टार कहते हैं। वे जमीन से जुड़े शख्स हैं। लोगों को उनका विनम्र व्यवहार बड़ा पसंद आता है।
हाल ही में अल्लु अर्जुन ने एक इंटरव्यू दिया जिसमें उन्होंने अपनी लाइफ, फैंस और फिल्मों से जुड़ी बातें की। इसमें उन्होंने जिस तरह के जवाब दिए उन्हें देख हर कोई यही बोल रहा है कि हर अभिनेता को इनके जैसी सोच और व्यवहार रखना चाहिए।
फैंस के साथ ऐसा है रिश्ता
“फैंस और स्टार्स के रिलेशनशिप को कैसे परिभाषित करेंगे?” इस सवाल का जवाब देते हुए अल्लु अर्जुन ने खा “यह एक सुंदर रिश्ता है। हम सभी एक बड़े परिवार में तब्दील हो चुके हैं। ये रिश्ता आपको कुछ जिम्मेदारियाँ भी देता है। उनके दिल को खुशी या ठेस पहुँचने के पीछे हम उत्तरदायी होते हैं।”
अल्लु अर्जुन आगे कहते हैं “कुछ भी गलत न हो इसलिए उनकी अच्छी देखरेख भी करनी होती है। कभी पैसों के माध्यम से तो कभी अन्य तरीकों से उनकी सहायता करनी होती है। अब उन्होंने हमे इतना कुछ दिया है तो हम भी उनके लिए यदि थोड़ा बहुत कर पाते हैं तो ये हमारा सौभाग्य है”
पारिवारिक फिल्में करना है पसंद
अपनी फिल्मों के चुनाव को लेकर अल्लु अर्जुन कहते हैं कि “मैं जब भी कोई कमर्शियल फिल्म चुनता हूं तो इस बात का विशेष ख्याल रखता हूं कि इसे देख बच्चे और महिलाएं असहज महसूस न करें। वे बिना किसी संकोच के सिनेमाहॉल में जाकर एन्जॉय करें।”
अल्लु अर्जुन आगे कहते हैं “मैं कभी कोई ऐसी फिल्म नहीं करूंगा जिसे अपनी बीवी और बेटी के साथ बैठकर न देख पाऊं। यदि मैं कोई फिल्म अपने परिवार के साथ देखने में सहज नहीं हूं, तो मैं उसे कभी नहीं करूंगा।”
साउथ-नॉर्थ नहीं भारतीय सिनेमा का दौर है
अल्लु अर्जुन कहते हैं कि अब दक्षिण या उत्तर सिनेमा का जमाना गया, अब भारतीय सिनेमा का दौर आ चुका है। एक जमाने में हिंदी सिनेमा के ऑफर ठुकराने वाले अल्लु अर्जुन अब बॉलीवुड के लिए ओपन हैं। उनका कहना है कि पहले वह हिंदी फिल्मों के लिए रेडी नहीं थे, लेकिन अब किसी अच्छे ऑफर के लिए उनके दरवाजे मुंबई के निर्माता निर्देशकों के लिए खुले हैं।
अल्लु अर्जुन का कहना है कि अब भारतीय सिनेमा का वह दौर शुरू हो गया है, जब अलग अलग भाषाओं के अभिनेता मिलकर भारतीय फिल्में बनाएं। फिलहाल तो एक्टर ‘पुष्पा पार्ट 2’ पर फोकस कर रहे हैं। लेकिन फ्यूचर में यदि उन्हें कोई अच्छी हिंदी फिल्म ऑफर होगी तो वे उससे इनकार नहीं करेंगे।
गौरतलब है कि पुष्पा फिल्म की सफलता ने ये साबित कर दिया है कि फिल्म के हिट होने के लिए भाषा नहीं कंटेन्ट का अच्छा होना जरूरी है। साउथ की हिंदी डब फिल्में बॉलीवुड फिल्मों को जबरदस्त टक्कर दे रही है। इसलिए जल्द ही ये साउथ और नॉर्थ की सिनेमा का अंतर खत्म हो सकता है।