जब लताजी ने पहली बार गुजराती में लिखा था मोदी की माँ को पत्र, कहा था मेरा भाई पी एम बन गया
महान गायिका लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar Death) अब हमारे बीच में नहीं है और ऐसे में पूरा देश एक तरफ जहाँ शोकाकुल है। वहीं दूसरी तरफ सभी लोग सुर कोकिला को अपने-अपने अंदाज में विदाई देते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहें हैं।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सुर कोकिला के यूँ चलें जाने पर दुःख व्यक्त किया है और उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, “लता दीदी के निधन से देश में जो खालीपन आया है, उसे नहीं भरा जा सकता। आने वाली पीढ़ियां भारतीय संस्कृति की इस दिग्गज को और उनकी सुरीली आवाज को याद करेंगी।” बता दें कि लता मंगेशकर ने रविवार को 92 साल की उम्र में मुंबई के एक अस्पताल में आखिरी सांस लीं।
वहीं इसी बीच अब सुर कोकिला लता मंगेशकर द्वारा लिखा गया एक खत सोशल मीडिया में सुर्खियां बटोर रहा है। मालूम हो कि यह खत लताजी ने पीएम मोदी की मां हीरा बाई को भेजा था। वैसे आप सभी को पता होगा कि पीएम मोदी और लताजी के बीच एक आत्मीय रिश्ता वर्षों से रहा है और जब नरेंद्र मोदी जी देश के प्रधानमंत्री नहीं थे, उस दौरान भी लताजी ने यह इच्छा जाहिर की थी कि मोदी जी एक दिन देश के प्रधानमंत्री बनें और आखिरकार 2014 में लता जी का वह सपना पूरा भी हुआ।
वहीं जब आज लताजी इस दुनिया को छोड़कर स्वर्गवासी हो गई तो मोदी जी उन्हें याद करते हुए भावुक हो उठे और उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए मुंबई जाने का फैसला किया। ऐसे में आप इन दोनों महान शख्सियत के व्यक्तित्व और आत्मीय संबंध को समझ सकते हैं। वहीं अब बात उस खत की, जिसका जिक्र हमने इस कहानी के शुरुआत में किया।
बता दें कि लता मंगेशकर ने नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर हीरा बा को खत भेजा था और उस खत में क्या लिखा था। इसे नीचे की स्लाइड में पढ़िए…
आपके चरणों में मेरा सादर प्रणाम!
भगवन श्री राम की कृपा से आपके सुपुत्र और मेरे भाई श्री नरेंद्र भाई मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने पर अनेक अनेक शुभकामनाएं!
आपके तथा श्री नरेंद्र भाई के सादगीपूर्ण जीवन को मेरा वंदन…
श्री प्रह्लादभाई , श्री पंकजभाई तथा आपके पूरे परिवार को बहुत बहुत शुभकामनाएं, सकुशल आरोग्य तथा दीर्घ आयुष के लिए प्रभु से प्रार्थना!
मैं पहली बार गुजराती में पत्र लिख रही हूँ कोई भूल चूक हो तो क्षमा कीजियेगा।
वन्देमातरम।।।
आपकी बेटी लता मंगेशकर
ऐसे में यह पत्र पढ़कर ही आप समझ गए होंगे कि इन दो विराट शख्सियत के बीच कितना मधुर संबंध था, कहने को तो ये दोनों सगे भाई-बहन नहीं थे, लेकिन दोनों के बीच के रिश्ते सगे भाई-बहन से कम नहीं और यह पत्र भी इस बात की गवाही देता है।
वैसे एक बहन को खोने का दर्द क्या होता? यह दर्द वही व्यक्ति बयां कर सकता, जिसके साथ नियत ने ऐसा दुर्भाग्य किया हो, और कहीं न कहीं आज का दिन पीएम मोदी के लिए भी भारी रहा और आज लता दीदी के जाने पर उन्होंने कहा कि, “आज हमारी लता दीदी हमें छोड़कर चली गईं हैं। कल ही बसंत पंचमी का पर्व था और जिनके कंठ से मां सरस्वती का आशीर्वाद हर किसी को मिलता था वो लता दीदी ब्रह्मलोक की यात्रा पर चली गईं। मैं भारी मन से उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।”