जब नाराज़ आशा भोंसले ने R. D. Burman से कहा था – अच्छे गाने लता दी को, मुश्किल गाने मुझे
सुर सम्राज्ञी लता जी अब हमारे बीच नहीं रही, लेकिन उनके विराट व्यक्तित्व की ऐसी तमाम यादें हैं, जो अब उनके सभी चाहने वाले लोगों के सामने उमड़-घुमड़कर आ रही है। जी हाँ उनका व्यक्तित्व और कृतित्व था ही ऐसा बहुआयामी कि उन्हें कोई भुला नहीं सकता। गौरतलब हो कि उन्होनें अपने जीवन काल में अनगिनत गीतों को आवाज दी और अब वही गीत मानों उनके जाने के बाद कानों में गूंज रहें हो।
चूँकि लता जी का व्यक्तित्व काफी बड़ा है, ऐसे में उनके जीवन से जुडी बहुत सारी कहानियां भी हैं, लेकिन आइए आज हम आपको एक ऐसी कहानी के बारें में बताते हैं। जिसके केंद्र में लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) जी तो हैं ही। इसके अलावा इस कहानी से एक और बड़ी गायिका आशा भोसले (Asha Bhosle) जी भी जुडी हुई हैं।
मालूम हो कि इन दोनों हस्तियों का हिंदी सिनेमा में बहुत बड़ा योगदान रहा है और आशा भोसले (Asha Bhosle) ने राहुल देव बर्मन यानी आरडी बर्मन (R. D. Burman) के साथ कई बेहतरीन और मुश्किल गाने गाए हैं। वहीं, फिल्म ‘तीसरी मंजिल’ जो साल 1966 में रिलीज़ हुई थी, इस फिल्म का गाना ‘आजा आजा मैं हूं प्यार तेरा’ बहुत ही मुश्किल गाना था और इसे भी आरडी बर्मन (R. D. Burman) ने आशा भोसले (Asha Bhosle) से ही गवाया था।
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ऐसे में गौरतलब कि इस गाने को लेकर विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स यह कहती है कि इसके लिए आशा भोसले को लगभग 10 दिनों तक प्रैक्टिस करनी पड़ी थी और जब उन्हें आरडी बर्मन ने ये गाना दिया था तब उन्हें लगा कि ये इतना भी मुश्किल गाना नहीं है, लेकिन आशा भोसले ने इस गाने को खूब रियाज़ करके गाया। वहीं इसके बाद खबर यह भी निकलकर आईं कि इस गाने से खुश होकर उन्होंने आशा जी को 100 रुपए ईनाम भी दिया था।
वहीं अब आप सोच रहें होंगे कि यह तो बात हुई आशा भोसले और आरडी बर्मन जी के गाने की और इससे लता जी का क्या संबंध? तो हम आपको बता दें कि थोड़ा सब्र रखिए हुजूर और मेन कहानी अब शुरू होती है और ऐसे में मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उसी दौरान आशा भोसले ने आरडी बर्मन से शिकायत करते हुए कहा था कि, “तुम सारे अच्छे गाने दीदी को देते हो और मुझे सारे मुश्किल गाने देते हो, कोई और जिन्हें गा नहीं पाता।
” गौरतलब हो कि ऐसे में आशा ताई की बात सुनते हुए आरडी बर्मन साहब ने कहा था कि, “तुम हर तरह के गाने गा लेती हो, इसी वजह से मैं ऐसे गाने बनाता हूं। तुम अगर नहीं गाओगी तो फिर मैं ऐसे मुश्किल गाने कंपोज नहीं करूंगा।” वहीं मालूम हो कि ऐसे साथ में काम करते-करते दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया था और दोनों ने साल 1980 में शादी रचा ली थी, वहीं लता जी ने आजीवन शादी नहीं की और संगीत साधना में रत रहते हुए ही उन्होंने बीती रात अंतिम साँस ली।