देश की सबसे खूबसूरत IAS अफसर में से एक हैं स्मिता सभरवाल, प्यार से लोग कहते हैं ‘जनता की अधिकारी
लड़कियों के प्रति हमारे समाज की सोच सदैव बहुत बेहतर नहीं रही है। जी हाँ उन्हें अक्सर पराया धन समझा जाता रहा, ऐसे में उनकी पढ़ाई-लिखाई तो जैसे-तैसे ही संभव हो पाती थी। ऐसे में नौकरी-पेशे से एक समय तक तो महिलाएं दूर ही रही, लेकिन अब स्थितियां काफी कुछ बदल चुकी हैं। जी हाँ अब लड़कियों को वो सब हक़ मिल रहा। जिसकी वो हकदार होती। ऐसे में अब लड़कियां भी आगे आकर हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही है। आज हम आपको जो कहानी बताने जा रहें, वो भी एक महिला से जुडी हुई है।
जी हाँ हम बात कर रहें हैं स्मिता सभरवाल की। जिनका उद्देश्य है, “लोगों के लिए काम करें और लोगों की सेवा करें।” आइए ऐसे में जानें इनकी पूरी कहानी। बता दें कि वैसे आज स्मिता सभरवाल भले आईएएस अधिकारी है, लेकिन उनका कहना है कि, “यह सोचना गलत है कि कोई भी व्यक्ति सिविल सेवा को सिर्फ बहुत कठिन अध्ययन करके प्राप्त कर सकता है, बल्कि अंतिम दौर में आपकी रुचियों और शौक को भी चयन के लिए ध्यान में रखा जाता है।”
बता दें कि स्मिता सभरवाल ने अपने दृढ़ संकल्प के साथ, माता-पिता के समर्थन के बलबूते 2000 में UPSC की परीक्षा उत्तीर्ण की और फिर उन्हें अतिरिक्त सचिव के रूप में सीएम कार्यालय का काम करने का सौभाग्य भी मिला। ऐसे में मालूम हो कि मूल रूप से, दार्जिलिंग की निवासी स्मिता सभरवाल एक अधिकारी की बेटी है।
वहीं बता दें कि स्मिता सभरवाल का जन्म 19 जून 1977 को दार्जिलिंग में हुआ था और वो कर्नल प्रणब दास की बेटी हैं। वहीं स्मिता ने आईपीएस ऑफिसर डॉक्टर अकुन सबरवाल से शादी की है और उनके दो बच्चे नानक और भुविश हैं। बता दें कि स्मिता ने महज 23 साल की उम्र में आईएएस (IAS) परीक्षा उत्तीर्ण की थी और उन्हें ऑल इंडिया रैंकिंग में चौथा स्थान मिला था।
इसके अलावा बता दें कि स्मिता सबरवाल की पहली नियुक्ति चित्तूर जिले में बतौर सब-कलेक्टर हुई थी फिर उसके बाद उन्हें आंध्र प्रदेश के कई जिलों में एक दशक तक तैनाती मिलती रही और फिर अप्रैल, 2011 में उन्हें करीमनगर जिले का डीएम बनाया गया। वहीं मालूम हो कि अपने अब तक के कार्यकाल में स्मिता तेलंगाना के वारंगल, विशाखापट्टनम, करीमनगर और चित्तूर में सेवाएं दे चुकी हैं और स्मिता को जहां-जहां तैनाती मिली, वहां-वहां लोगों ने उनके काम को खूब सराहा और उनकी छवि जनता की अधिकारी वाली बन गई।
स्मिता ने अपने कार्यकाल के दौरान कई बड़ी-बड़ी जिम्मेदारियां भी संभालीं हैं, जिसके लिए उन्हें काफी सराहा जाता है। बता दें कि तेलंगाना में उन्होंने हेल्थ केयर सेक्टर में ‘अम्माललाना’ प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी और इस प्रोजेक्ट की सफलता के चलते स्मिता को प्राइम मिनिस्टर एक्सीलेंस अवार्ड भी दिया गया था। वहीं स्मिता तेलंगाना के मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात होने वालीं पहली महिला आईएएस अधिकारी भी हैं।
इसके अलावा बता दें कि अपने काम की वजह से स्मिता अक्सर सोशल मीडिया पर भी छाई रहती है और उनके काम करने के अंदाज और गरीबों की मदद के जुनून को सराहा जाता है। वह रोजाना 200 से ज्यादा लोगों की परेशानियां सुन उनके समाधान की कोशिश करती हैं।
ऐसे स्मिता ने पाई थी सफलता…
वहीं जानकारी के लिए बता दें कि सामान्य छात्रों की तरफ स्मिता भी अपने पढ़ाई के दौरान बिना किसी रुकावट के प्रतिदिन छह घंटे पढ़ाई करती थी। इसके अलावा वह हर शाम कम से कम एक घंटे आउटडोर गेम्स भी खेलती थी, ताकि मानसिक संतुलन बना रहें। इसके अलावा पढ़ाई के लिए उन्होंने अपडेट नोट्स का सहारा लिया था, जबकि वर्तमान मामलों से अपडेट रहने के लिए दैनिक समाचार पत्रों और पत्रिकाओं के माध्यम से वो जुडी रहती थी। ऐसे में दूसरे प्रयास में वो सफल हुई थी।