मुस्लिम युवक से की थी पहली शादी; तलाक के बाद इस राजघराने की बहू बनी थी राजा भैय्या की बहन.
यूपी में विधानसभा का चुनाव चल रहा हो और इस दौरान चर्चा में भदरी के राजकुमार यानी राजा भैय्या न हो। ये कैसे हो सकता है? जी हाँ राजा भैय्या यूपी की सियासत में अपनी एक अलग पहचान रखते हैं और वो लगातार विधानसभा चुनाव 1993 से जीतते आ रहें हैं। वैसे उनकी राजनीति में एंट्री काफी नाटकीय ढंग से हुई थी, लेकिन आज हम बात उनके राजनीतिक सफर की नहीं, बल्कि उनकी बहन की करने वाले। जिन्होंने अपने पहले पति से तलाक लेने के बाद दोबारा शादी रचाई।
गौरतलब हो कि यूपी के प्रतापगढ़ में भदरी रियासत के राजकुमार हैं राजा भैय्या और वो अपने राजपरिवार से एकमात्र और पहले ऐसे सदस्य हैं जो राजनीति में हैं। मालूम हो कि राजा भैय्या अपने क्षेत्र की कुंडा विधानसभा से लगातार 6 बार विधायक रहे हैं। वहीं राजा भैय्या के अलावा उनके दो बहनोई भी हैं जो सक्रिय राजनीति में हैं। एक बहनोई हैं वसुंधरा राजे सिंधिया (Vasundhara Raje) के बेटे दुष्यंत सिंह और दूसरे हैं छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के देवव्रत सिंह और राजा भैय्या की बहन विभा की शादी देवव्रत सिंह से शादी हुई है।
गौरतलब हो कि विभा सिंह राजा भैय्या की सगी बहन न होकर मौसेरी बहन हैं और उनका जन्म प्रतापगढ़ के पास ही अंतु रियासत में हुआ था। वहीं जानकारी के लिए बता दें कि विभा सिंह की मां और राजा भैय्या की मां मंजुला देवी सगी बहने हैंं।
इसके अलावा बताते चलें कि राजा भैय्या की मां मंजुला देवी झांसी के पास स्थित समथर राजपरिवार से ताल्लुक रखती हैं। वहीं विभा सिंह जोकि राजा भैय्या की मौसेरी बहन है उनकी शादी छत्तीसगढ़ में खैरागढ़ रियासत के राजा देवव्रत सिंह से हुई है और देवव्रत सिंह विभा सिंह के दूसरे पति हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि विभा सिंह के पति देवव्रत सिंह छत्तीसगढ़ में राजनांदगांव से कांग्रेस के लोकसभा सांसद थे और फिर विधायक भी रहें। वहीं मालूम हो कि लाल तेज बहादुर सिंह राजा भैय्या के मौसा हैं और उन्हीं की बेटी हैं विभा सिंह।
विभा सिंह को अपनी पहली शादी से एक बेटी भी हुई थी, जिसके बाद उन्होंने पहले पति से तलाक लेकर देवव्रत सिंह से शादी रचाई। वहीं देवव्रत सिंह ने 2017 में कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था और कांग्रेस छोड़ने के बाद वह अजीत जोगी की पार्टी में शामिल हो गए। इसके बाद वो इसी दल से विधायक भी चुने गए।
बता दें कि देवव्रत सिंह की भी विभा सिंह से दूसरी शादी थी और उन्होंने अपनी पहली पत्नी पद्मा सिंह से साल 2016 में तलाक लिया था और इस तलाक के विषय में ऐसा कहा जाता है कि ये छत्तीसगढ़ का सबसे महंगा तलाक था। जिसमें देवव्रत सिंह ने अपनी पहली पत्नी को 11 करोड़ रुपए दिए थे। इसके बाद देवव्रत सिंह ने 2017 में विभा सिंह से शादी की थी। वहीं पहली शादी से देवव्रत सिंह को दो बच्चे भी हैं।
इसके अलावा आखिर में बात हम विभा सिंह के बारें में करें तो ऐसी मीडिया से निकलकर खबरें आती है कि उन्होंने लखनऊ में रहकर तकरीबन 15 साल पत्रकारिता की थी। इसके बाद उन्होंने किसी मुस्लिम धर्म के युवक से पहली शादी की थी, लेकिन इसकी पुख्ता जानकारी नहीं।
वहीं अब चूँकि देवव्रत सिंह का निधन हो चुका है तो बता दें कि इन दोनों से जुडी एक दिलचस्प जानकारी यह भी है कि साल 2018 में देवव्रत सिंह से अधिक धनी विभा सिंह थी और अब कहीं न कहीं देवव्रत सिंह के जाने के बाद इसी वजह से राजघराने का सम्पत्ति को लेकर विवाद सड़क पर आ गया है।