गुप्त नवरात्रि 2022: 3 फरवरी को बन रहा शुभ योग, इन चीजों का करें दान, मां पार्वती चमकाएगी भाग्य
स्कंद और नारद पुराण के अनुसार प्रत्येक माह की तृतीया तिथि पर देवी पार्वती की पूजा और व्रत करना शुभ होता है। इससे सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन को कुछ लोग तीज या तीजा भी कहते हैं। महिलाओं के अधिकतर व्रत एवं त्योहार इसी तिथि पर होते हैं।
धर्म ग्रंथों की माने तो माघ मास की गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri 2022) में आने वाली तृतीया तिथि में पूजा-पाठ और दान करने से बहुत लाभ होता है। गुप्त नवरात्रि में इस बार यह तिथि द्वितिया तिथि का क्षय होने के चलते 3 फरवरी, गुरुवार को आ रही है। ऐसे में आज हम आपको इस तिथि से जुड़ी कुछ खास बाते बताने जा रहे हैं।
समृद्धि और लंबी उम्र देती है ये तिथि
भविष्य पुराण के अनुसार माघ माह की शुक्ल तृतीया बाकी सभी महीनों की तृतीया की तुलना में अधिक अहम होती है। माघ मास की तृतीया महिलाओं को को खास लाभ देती है। इस तिथि पर महिलाएं सौभाग्य बढ़ाने वाला गौरी तृतीया व्रत करती हैं। भविष्य पुराण में ललिता तृतीया व्रत का जिक्र भी है। इससे सौभाग्य, धन, सुख, पुत्र, रूप, लक्ष्मी, आरोग्य और लंबी उम्र और स्वर्ग प्राप्त होता है।
तिथि का समय
माघ माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 3 फरवरी, गुरुवार को सूर्योदय के पहले से शुरू होगी। यह पूरे दिन व रात रहेगी। इस दिन शतभिषा और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र भी होगा। अतः आपको गुरुवार के दिन ही व्रत, पूजा-पाठ और दान करना है।
इन कामों को करने से आएगी खुशहाली
1. माघ माह की तृतीया तिथि पर शतभिषा नक्षत्र होता है। इसलिए इस दिन चंदन का दान करना चाहिए। इससे आपकी सभी शारीरिक समस्याएं ठीक हो जाएंगी। वहीं इस दिन पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र भी पड़ता है। ऐसे में उड़द की दाल दान करने से जीवन के कष्ट और दुख दूर होंगे।
2. भविष्य पुराण में भगवती गौरी ने धर्मराज से बोला था कि माघ तृतीया पर गुड़ व नमक का दान महापुण्य के बराबर होता है। वहीं इस दिन मोदक और जल दान भी करना शुभ माना जाता है।
3. माघ महीने की तृतीया तिथि पर तिल का दान करना भी शुभ होता है। एक बर्तन में तिल भरकर उसे दान करने से कई तरह के दोष समाप्त होते हैं।
4. पद्म पुराण के मुताबिक माघ मास के शुक्ल पक्ष तृतीया मन्वंतर तिथि होती है। इसे अक्षय फल प्रदान करने की तिथि भी कहा जाता है। आसान शब्दों में कहे तो इस दिन आप जो भी चीज दान करते हैं उसका पुण्य फल कभी समाप्त नहीं होता है।
5. धर्मसिंधु ग्रंथ का कहना है कि माघ मास में गर्म कपड़े, जूते, तेल, कपास, रजाई, सोना और अन्न दान करना चाहिए। इस दान से बड़ा पुण्य मिलता है। ऐसे दान से आपकी मनोकामना भी पूर्ण होती है।