इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक को दिया विदेश मंत्रालय ने दिया बडा झटका!
अकसर भडकाऊ भाषण देकर विवादों में रहने वाले इस्लामिक धर्मगुरू जाकिर नाइक का पासपोर्ट रद्द कर दिया गया है। जाकिर नाइक इस्लामिक रिसर्च फांउडेशन के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। जिन्हें कट्टरपंथी विचारधारा का माना जाता है। जाकिर नाईक हिन्दुओं को लेकर कई भडकाऊ बयान देकर विवादों मे घिर चुके है। उन्होंने एक बयान दिया था जिस में जाकिर ने कहा था की- कुरान के मुताबिक समलैंगिकों को मार देना चाहिए। ऐसा बयान देने के बाद लोगो ने उनको खरी-खरी सुनाई थी। canceled passport of Zakir Naik.
क्यों रद्द किया पासपोर्ट :
दरअसल जाकिर नाईक को मंगलवार को राष्ट्रीय जांच एजंसी (एनआइए) के सामने उपस्थित होना था। एनआइए आतंकवाद के मामले में जाकिर नाइक की जांच कर रहे हैं। शायद आप को ध्यान हो पिछले साल ढाका में आतंकवादी हमले के बाद एनआईए ने नाइक तथा मुंबई स्थित इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन नामक उसके गैर सरकारी संगठन के अन्य अधिकारियों खिलाफ एक मामला दर्ज किया था। उसी के चलते अब उसको एनआइए की तरफ से बुलावा आया था लेकिन वो वहां नही गये। जिसके कारण राष्ट्रीय जांच एजंसी (एनआइए) ने कारवाई करते हुए जाकिर नाइक का पासपोर्ट रद्द कर दिया।
फिर जारी किया गैर जमानती वारंट :
जाकिर नाइक के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। आप को बता दें की ये पहला मौका नही है। जब उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ हो। इस से पहले भी राष्ट्रीय जांच एजेंसी की एक विशेष अदालत ने आतंकवाद से संबंधित एक मामले में विवादित इस्लामी प्रचारक जाकिर नाइक के खिलाफ गुरुवार 20 अप्रैल को एक गैर-जमानती वारंट जारी किया था। जब जाकिर नाइक विदेश भाग गया और अब भी भारत से बाहर सऊदी अरब में छुपा बैठा है। एनआईए ने कहा कि नाइक को विदेश से वापस भारत लाने के लिए अब उसे इंटरपोल की मदद की जरूरत है।
जाकिर की संस्था पर लग चुका है प्रतिबंध:
जाकिर नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के खिलाफ 2016 के नवंबर महीने में एफआईआर दर्ज हुई थी।जाकिर नाइक और उसकी संस्था पर इस एफआईआर में गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होना और धार्मिक समुदायों के बीच नफरत पैदा करना जैसे आरोप लगे है। जिसके चलते केंद्र सरकार ने जाकिर नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन को जोरदार झटका देते हुए पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया।