रोज 41 हजार रुपए कमाती है हिंदुस्तान की ये बेटी: पिता ने कहा- म्हारी छोरी छोरों से भी आगे है
अच्छी शिक्षा और परवरिश के दम पर भारत की बेटियां खूब नाम कमा रही हैं। हिंदुस्तान की एक बेटी की कामयाबी देख उसके पिता इतने खुश हैं कि वो ये कहने से नहीं चूकते कि म्हारी छोरी छोरों से भी आगे है। आगे आपको भारत की इस बेटी के बारे में विस्तार से बताते हैं-
भारत की इस बेटी का नाम दिव्या सैनी है। दिव्या सैनी राजस्थान के सीकर की रहने वाली हैं। अपनी काबिलियत के दम पर दिव्या खूब कमाई कर रही हैं। दिव्या रोजाना 41 हजार रुपए कमा रही है। वो भी महज 23 साल की उम्र में।
दिव्या के पिता हैं बेहद खुश
दिव्या सैनी के पिता अपनी बेटी की इस उन्नति से बेहद खुश हैं। मीडिया से बात करते हुए दिव्या के पिता सांवरमल सैनी ने बेटी की प्रतिभा और उसके करियर से जुड़ी कई रोचक बातें बताईं।
1.5 करोड़ रु सालाना का पैकेज
सांवरमल बताते हैं कि बेटी दिव्या का अमेजोन कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर डेढ़ करोड़ रुपए के सालाना पैकेज पर चयन हुआ है। इस हिसाब दिव्या को हर महीने साढ़े 12 लाख और प्रतिदिन बतौर सैलरी 41 हजार रुपए मिलेंगे। दिव्या अमेजोन के अमेरिका के सिएटल स्थित ऑफिस में काम करेगी। इसी 15 जुलाई को अपना 23वां जन्मदिन मनाने के बाद दिव्या अमेरिका चली गईं।
दिव्या की शिक्षा
दिव्या ने सीकर में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद एनआईटी पटना से बीटेक किया है। उनके पिता बताते हैं कि दिव्या सैनी ने महज 12 वर्ष की उम्र में 12वीं बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी। हुआ यूं कि दिव्या ने स्कूल जाना शुरू किया तब उसका बड़ा भाई नीलोत्पल सैनी तीसरी कक्षा में पढ़ रहा था। इसलिए दिव्या भाई के साथ तीसरी कक्षा में बैठने की जिद करने लगी। उसे एलकेजी में बैठाना चाहा तो उसने स्कूल जाना ही बंद कर दिया। उसे घर पर ही पढ़ाया जाने लगा।
फिर छह साल की उम्र में दिव्या को टेस्ट दिलाकर स्कूल में दाखिला दिलवाया गया। वो भी कक्षा छह में। ऐसे में महज 12 साल की उम्र में दिव्या ने कक्षा 12वीं उत्तीर्ण कर ली। दिव्या को 10वीं में 77.3 प्रतिशत, 12वीं में 83.07 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए। इसके बाद दोनों भाई-बहन ने पटना एमएनआईटी से बीटेक किया।
17 साल की उम्र में मिली नौकरी
दिव्या को 17 साल की उम्र में ही नौकरी मिल गई थी। बीटेक करने के बाद महज 17 साल की उम्र में दिव्या को अमेजोन कंपनी में 29 लाख के सालाना पैकेज में सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट इंजीनियर-1 पद पर हैदराबाद में जॉब मिल गई थी।
वहीं, भाई की नौकरी भी हैदाराबाद में लगी। दोनों भाई बहन इन दिनों कोरोना महामारी की वजह से सीकर में रहकर वर्क फ्रॉम कर रहे थे। यहीं, से दिव्या का अमेरिका के लिए डेढ़ करोड़ के पैकेज में उसी कंपनी में चयन हो गया।
दिव्या के भाई भी पढ़ने में काफी तेज थे। सांवरमल ने बताया कि दिल्ली में ग्लोबल फाइबर चैलेंज की ओर से आयोजित कोर्थन एंड साइबर चैलेंज में नीलोत्पल सैनी ने कांस्य पदक जीता था। नीलोत्पल सैनी हैदराबाद में डीईशा कंपनी में सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं।