मौत से कुछ घंटे पहले सुनील दत्त ने परेश रावल को लिखा था पत्र, क्या हो गया था मौत का अंदाजा
सुनील दत्त (Sunil Dutt) और परेश रावल (Paresh Rawal) दोनों हिंदी सिनेमा के बड़े नाम है. सुनील दत्त गुजरे जमाने के एक बेहद मशहूर अभिनेता थे. वहीं परेश रावल ने भी हिंदी सिनेमा में अपने बेहतरीन काम से अच्छा ख़ासा नाम कमाया है. इन दोनों अभिनेताओं के बीच एक ख़ास कनेक्शन भी है.
गौरतलब है कि सुनील दत्त के बेटे और सुपरस्टार संजय दत्त के जीवन पर आधारित फ़िल्म ‘संजू’ में संजय के पिता यानी कि सुनील दत्त का किरदार परेश रवाल ने अदा किया था. इस रोल में उन्हें काफी सराहा गया था. वहीं संजय का किरदार रणबीर कपूर ने निभाया था.
इस बात से तो हर कोई वाकिफ़ है कि परेश ने फ़िल्म संजू में सुनील दत्त का रोल अदा किया था हालांकि आज हम आपको इन दोनों दिग्गज़ों से जुड़ा एक हैरान करने वाला किस्सा सुना रहे है. किस्सा हैरानी भरा जरूर है क्योंकि सुनील दत्त ने अपने निधन से कुछ देर पहले परेश के लिए एक पत्र लिखा था. आइए जानते है कि उस पत्र में आखिर क्या लिखा हुआ था.
जो किस्सा हम आपको बताने जा रहे है वो खुद परेश रावल ने फ़िल्म ‘संजू’ के प्रमोशन के दौरान सुनाया था. बता दें कि सुनील का निधन साल 2005 में 25 मई को हुआ था. जन परेश को सुनील के निधन की ख़बर मिली तो उन्होंने अपनी पत्नी संपत स्वरुप जो फोन लगाया और कहा कि वे देर से घर पहुंचेंगे.
परेश को उनकी पत्नी ने बताया कि सुनील दत्त की ओर से उन्हें एक लेटर आया है. यह सुनकर परेश हैरान रह गए और संपत ने परेश को बताया कि लेटर में उन्हें दत्त साहब की तरफ से जन्मदिन की शुभकामनाएं दी गई है. हैरानी की बात यह भी है कि परेश का जन्मदिन 30 मई को आता है और दत्त साहब ने उन्हें पांच दिन पहले ही पत्र लिखकर जन्मदिन की शुभकामनाएं भेज दी थी और कुछ देर बाद उनका निधन हो गया था.
गौरतलब है कि एक शानदार अभिनेता होने के साथ ही सुनील दत्त एक राजनेता भी थे. वे कांग्रेस की ओर से सांसद थे. उन्होंने संसद सदस्य के रूप में अपने लेटरहेड पर परेश के लिए पत्र लिखा था. इसमें दिवंगत अभिनेता ने लिखा था कि, ”प्रिय परेश जी! जैसा कि आपका जन्मदिन 30 मई को आता है, मैं आप के जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य की कामना करता हूं. ईश्वर आप पर और आपके परिवार पर अपना आशीर्वाद बरसाए”.
परेश ने बताया था कि हमने तो पहले कभी एक दूसरे को दीवाली आदि की भी शुभकामनाएं नहीं दी थी और दत्त साहब के लेटर से मैं हैरान था.