15 मिनट का रोल में पुष्पा के ‘भंवर सिंह’ छा गए लोगों के दिल पर, इरफ़ान खान से था गहरा रिश्ता
15 मिनट के रोल में 'पुष्पा' भी टक्कर दे गया यह खलनायक, जानिये कौन हैं भँवर सिंह शेखावत
पुष्पा, ‘पुष्पा पुष्पराज मैं झुकेगा नहीं साला’, ‘पुष्पा नाम सुनकर फ्लॉवर समझे क्या, फ़ायर है मैं’, श्रीवल्ली, ‘सामी सामी’, हर ओर ये ही शब्द, ये ही गाने, ये ही डायलॉग सुनने को मिल रहे है. दक्षिण भारत की एक फिल्म में न केवल भारत बल्कि दुनियाभर में धूम मचा दी है. फिल्म का नाम है ‘पुष्पा: द राइज’.
मूल रुप से यह एक तेलुगु फिल्म है. फिल्म का निर्देशन किया है सुकुमार ने. फिल्म में अहम रोल में नज़र आए है दक्षिण भारतीय फिल्मों के सुपरस्टार अल्लू अर्जुन. फिल्म के नाम पर ही अल्लू के किरदार का नाम भी है. फिल्म में मुख़्य अभिनेत्री का किरदार ‘नेशनल क्रश’ रश्मिका मंदाना ने अदा किया है.
बॉक्स ऑफिस पर फिल्म ने गर्दा उड़ा दिया है. इसके डायलॉग, गाने, हीरो, हीरोइन, खलनायक, कहानी सब सुपर डुपर हिट हो चुके है. सीधे शब्दों में कहे तो फिल्म ने दर्शको के दिलों में अमिट चाप छोड़ दी है. अल्लू अर्जुन की अदाकारी का तो जवाब ही नहीं है.
गांव की सीधी साधी लड़की के किरदार में रश्मिका ने भी महफ़िल लूट ही ली. फिल्म के खलनायकों की बात करें तो उनका भी कोई मुकाबला नहीं.
फिल्म में पहले मुख़्य रुप से तीन खलनायक बताए जाते है. तीनो भाई होते है. कोंडा रेड्डी, जॉली रेड्डी और जक्का रेड्डी. तीनों से पुष्पा पंगा लेता हुआ नज़र आता है.
इसके अलावा एक-दो विलेन और दिखाए जाते है हालांकि इन सबको पछाड़कर महफ़िल भंवर सिंह शेखावत लूट ले जाता है. जो कि फिल्म के अंतिम हिस्से में थोड़ी देर के लिए नज़र आता है लेकिन इसके बावजूद वो अपनी अदाकारी से दर्शकों के दिलों पर छा जाता है.
फिल्म में भंवर सिंह शेखावत के रोल में नज़र आए अभिनेता का नाम फहाद फाजिल है. फहाद फिल्म में पुलिस अधिकारी के रोल में है. उनके हरियाणवी लहजे के साथ ही उनकी अदाकारी को भी दर्शकों ने काफी पसंद किया है. वे फिल्म में मुश्किल से आख़िरी में 15 मिनट के लिए नज़र आते है लेकिन थोड़ी देर में ही वे अन्य खलनायकों पर भारी पड़ जाते है.
अब ज़रा फहाद फाजिल के बारे में थोड़ा जान लेते है. फहाद फाजिल एक शानदार कलाकार है. वे दक्षिण भारत की कई फिल्मों में काम कर चुके है. हालांकि अब ‘पुष्पा’ में शानदार काम कर वे सुर्ख़ियों में आए है. फहाद की उम्र 39 साल है. उनका जन्म केरल के कोची में 8 अगस्त 1982 को हुआ था.
फहाद करीब 20 सालों से फ़िल्मी दुनिया से जुड़े हुए है. साल 2002 में उनके फ़िल्मी करियर की शुरुआत फिल्म ‘कायेथुम दुराथ’ से हुई थी. फिल्म फ्लॉप रही थी. फिल्म फ्लॉप हुई तो उनका मनोबल भी गिर गया और ऐसे में वे अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए अमेरिका चले गए.
अमेरिका में जाने के बाद फहाद ने अभिनेता इरफ़ा खान की साल 2006 में आई फिल्म ‘यूं होता तो क्या होता’ देखी. फिल्म देखने के बाद फहाद के सिर पर एक बार फिर से अदाकारी का भूत सवार हो गया और वे अमेरिका से वापस भारत आ गए.
पहले तो फहाद को इरफ़ान के बारे में पता नहीं था हालांकि बाद में उन्हें पता चला कि ‘यूं होता तो क्या होता’ फिल्म में नज़र आए अभिनेता इरफ़ान खान थे. यह फिल्म देखकर फहाद उनके कायल हो गए.
फहाद ने इसके बाद इरफ़ान की कई फ़िल्में देखी और वापस फिल्मों में रुख किया. तो इरफ़ान खान वो शख्स वो अभिनेता थे जो फहाद को वापस फिल्मों में लाए थे.
अवॉर्ड्स की बात करें तो फहाद साल 2018 में बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के लिए नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किए जा चुके है. वे अन्नायुम रसूलम, महेशिंते प्रतिकारम, थोंडीमुथलम द्रिकसाक्षियुम, कुंबलंगी नाइट्स और सुपर डीलक्स जैसी फिल्मों में काम कर चुके है.