ना हिन्दू धर्म छोडूंगा, ना देश छोडूंगा, अविनाश ने अपनी शर्तों पर रचाई मुस्लिम लड़की से शादी
गैर-मजहब की शादी पर लड़का बोला- मैं न खुद धर्म बदलूंगा, न बदलने दूंगा; 8 हज़ार किमी से ग्वालियर आई दुल्हन
ग्वालियर (एमपी)! प्रेम कहने को तो सिर्फ़ ढाई अक्षर का ही शब्द है, लेकिन इस शब्द की ताक़त से लगभग सभी परिचित हैं। जी हां प्रेम को मजहब, मुल्क और जुबान से बांधा नहीं जा सकता और एक बार यह बात फ़िर से सच साबित हुई है। मालूम हो कि हिंदी सिनेमा में आपने कई ऐसी फिल्में देखी होगी जो दूर देश से शादी- ब्याह की कहानी दिखाते हैं, लेकिन अब ऐसी ही एक शादी ग्वालियर में हुई है। जिसमें ग्वालियर का रहने वाला लड़का है तो वहीं लड़की मोरक्को की रहने वाली है और इन दोनों ने शादी रचाई है। वहीं बता दें कि यह शादी कई मायनों में बहुत कुछ बयां कर रही है। आइए ऐसे में चर्चा करते हैं इस प्रेम-कहानी की।
बता दें कि अफ्रीकी देश मोरक्को की मुस्लिम लड़की को अपने मुल्क से 8000 किलोमीटर दूर स्थिति ग्वालियर के एक हिन्दू लड़के से प्यार हुआ और युवती ने प्यार की खातिर अपना मुल्क छोड़ दिया। इतना ही नहीं लड़के ने भी युवती के पिता को भरोसा दिया कि वो उसका कभी धर्म परिवर्तन नहीं कराएगा और फिर दोनों ने अपने-अपने धर्म-संस्कृति का पालन करते हुए पति-पत्नी बनने की कसमें खाई।
वहीं जानकारी के लिए बता दें कि यह प्रेम कहानी इतनी आसान नही थी और मोरक्को की रहने वाली 24 साल की फादवा लैमाली प्राइवेट कॉलेज में पढ़ती है। वहीं सोशल मीडिया पर तीन साल पहले उसकी पहचान ग्वालियर के 26 साल के अविनाश दोहरे से हुई।
मजहब की खींची मन में लकीर, फिर ऐसा निकला समाधान…
वहीं बता दें कि सोशल मीडिया पर हुई दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई, लेकिन मजहब को लेकर दोनों चिंता में पड़ गए और इसके बाद दोनों ने अपने-अपने परिजनों को इस रिश्ते के बारे में बताया। जिसके बाद तो सबसे पहले लड़की के परिजन काफी नाराज हुए। वहीं जब बेटी जिद्द पर अड़ गई। फिर उन्होंने हां कर दी और अब विगत बुधवार को एडीएम कोर्ट में दोनों ने शादी रचा ली। वहीं बता दें कि कुछ दिन में दोनों हिंदू रीति-रिवाज से भी शादी करेंगे और कोविड के बाद रिसेप्शन भी देंगे।
देश और धर्म न बदलने की कही बात…
जानकारी के लिए बता दें कि ग्वालियर स्थित प्रीतम कॉलोनी में रहने वाले अविनाश दोहरे फादवा से शादी करने के लिए उनके परिवार से बातचीत करने दो बार मोरक्को भी गए थे और शुरुआती दौर में फादवा के पिता अली लैमाली ने शादी से साफ मना बोल दिया था, लेकिन जब दोनों तरफ से शादी करने के लिए अविनाश और फादवा अड़े रहे। ऐसे में फादवा के पिता ने अविनाश को हिंदुस्तान छोड़कर मोरक्को में बसने की शर्त रख दी लेकिन अविनाश ने इस शर्त को मानने से साफ इनकार कर दिया और अविनाश ने फादवा के पिता से कहा कि वे न अपना देश बदलेंगे और न अपना धर्म बदलेंगे।
लेकिन इसके साथ ही उन्होंने फादवा के पिता को यह विश्वास दिलाया कि वे फादवा को भी अपना धर्म बदलने के लिए कभी नहीं कहेंगे। ऐसे में अविनाश की सच्ची मोहब्बत देखकर फादवा के पिता शादी के लिए राजी हो गए और अब दोनों ने सोशल मीडिया से शुरू हुई दोस्ती को जीवन के एक नए पड़ाव की तरफ मोड़ दिया है और इस शादी से दोनों के परिजन काफी खुश हैं।
इस्लामिक कंट्री हैं उत्तरी अफ्रीका का मोरक्को देश…
वहीं आख़िर में बता दें कि मोरक्को उत्तरी अफ्रीका का एक राजशाही देश है और मोरक्को मुस्लिम देश है, जहां की भाषा अरबी है। वहीं रबात शहर मोरक्को की राजधानी है और मोरक्को में 99 फीसदी आबादी इस्लाम धर्म को मनाने वाली निवास करती है।