राजस्थान: 7 लाख रु के कर्ज के लिए किसान से वसूले गए 46 लाख रु: रोता रहा परिवार, सोती रही सरकार
राजस्थान की ह्रदय विदारक घटना: 7 लाख रु के कर्ज के लिए किसान के 46 लाख 51 हजार रुपये में जमीन नीलाम कर दी गई
बैंक से लिए कर्ज की इतनी बड़ी कीमत चुकानी होगी इस परिवार ने सपने में भी ऐसा नहीं सोचा था। लेकिन राजस्थान के एक किसान परिवार को ये कीमत चुकानी पड़ी है। ये परिवार उसकी जमीन नीलाम कर रहे बैंक अधिकारियों के सामने रोता-गिड़गिड़ाता रहा लेकिन बैंक वाले नहीं माने और 7 लाख का कर्ज अदा नहीं करने के एवज में 46 लाख की रकम लेकर चले गए। क्या है पूरा मामला आपको आगे बताते हैं-
राजस्थान के दौसा का मामला
दरअसल सूबे में दौसा जिले के जामुन की ढाणी निवासी एक किसान परिवार की 15 बीघा दो बिस्वा (करीब चार हेक्टेयर) जमीन अधिकारियों ने नीलाम कर दी। किसान परिवार के मुखिया कजोड़ मीणा ने करीब पांच साल पहले दौसा जिले के रामगढ़ पचवारा में स्थित राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक से किसान केडिट कार्ड से 7 लाख रुपये का कर्ज लिया था। इसी बीच, कजोड़ की मौत हो गई। इसके बाद बैंक के अधिकारियों ने किसान के दो बेटों राजूलाल और पप्पूलाल को पैसा जमा करवाने के लिए चार बार नोटिस दिया, लेकिन आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण वह कर्ज नहीं चुका सके।
उन्होंने गहलोत सरकार के कर्ज माफी के वादे से उम्मीद बांधे रखी। इसी बीच, पिछले महीने उनकी जमीन को कुर्क कर लिया गया और मंगलवार को नीलाम भी कर दिया। नीलामी के दौरान रोते-बिलखते किसान परिवार के सदस्यों ने बैंक के अधिकारियों से शीघ्र कर्ज चुकाने की गुहार लगाई, लेकिन वह नहीं माने और 46 लाख 51 हजार रुपये में जमीन नीलाम कर दी गई।
उपखंड अधिकारी रामजीलाल की अनुमति से नीलामी की प्रक्रिया तहसील कार्यालय में पूरी हुई। बैंक के अधिकारियों का कहना है कि किसान ने कर्ज नहीं चुकाया था। कई बार किसान परिवार से संपर्क किया गया। समझौते के लिए भी प्रयास किए गए, लेकिन सफलता नहीं मिली तो फिर नीलामी करनी पड़ी।
बीजेपी ने आंदोलन की चेतावनी दी
उधर, जमीन नीलाम होने की जानकारी मिलने के बाद भाजपा के राज्यसभा सदस्य डॉ. किरोड़ी लाल मीणा किसान परिवार के पास पहुंच गए। मीणा आसपास के किसानों को एकत्रित कर आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वोट लेने के लिए सरकार ने कर्जमाफी का वादा किया था, लेकिन अब पूरा नहीं किया जा रहा है। उधर किसान आंदोलन से जुड़े नेता राकेश टिकैत ने भी किसान राजूलाल से फोन पर बात की है।राजस्थान में किसान कर्ज माफी का वादा कर सत्ता में आई कांग्रेस सरकार अपना वादा पूरा करने में असफल होती दिखाई दे रही है। कांग्रेस सरकार को सत्ता संभाले तीन साल से भी ज्यादा समय हो गया, लेकिन अब तक किसानों का कर्ज माफी का वादा पूरा नहीं हो सका है।
डैमेज कंट्रोल में जुटी कांग्रेस
राजस्थान के सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि तीन साल में सहकारी बैंकों के 14 हजार करोड़ के कर्ज माफ किए जा चुके हैं। शेष की प्रक्रिया जारी है। जिन किसानों ने राष्ट्रीयकृत बैंकों से कर्ज लिया है, उन्हें भी माफ करवाने के प्रयास हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि दौसा में किसान की जमीन नीलामी के मामले की जांच करवा कर शीघ्र उचित कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों के अनुसार, बैंक के कर्ज और ब्याज की रकम जमा करने के बाद शेष राशि किसान परिवार को देने की तैयारी की जा रही है।