इस वज़ह से स्टेडियम में बैठकर सचिन की बैटिंग नहीं देखती थी अंजलि, जानिए क्या थी इसकी वज़ह…
भारत में क्रिकेट को जितना महत्व दिया जाता है। उतना महत्व शायद ही किसी खेल को मिलता है। जी हां देशवासियों में क्रिकेट को लेकर एक अलग ही जुनून देखने को मिलता है औऱ यही वज़ह है कि देश में आए दिन कोई न कोई क्रिकेट की सीरीज वग़ैरह होती रहती है। वैसे बता दें कि भले ही क्रिकेट हमारे देश का राष्ट्रीय खेल नहीं है, लेकिन फिर भी यहां इसको लेकर जो दीवानगी देखने को मिलती है। वह शायद जिस देश में क्रिकेट राष्ट्रीय खेल के रूप में स्वीकृत हो वहां भी देखने को न मिलती है।
वहीं बता दें कि क्रिकेट के खेल ने भारत का मान वैश्विक स्तर पर बढ़ाया है और इतना ही नहीं भले ही क्रिकेट अंग्रेजों की देन हो, लेकिन उस क्षेत्र का महारथी या फिर भगवान हमारे देश की ही देन है। जी हां हम यहां बात कर रहें हैं महान क्रिकेट खिलाड़ी सचिन रमेश तेंदुलकर की। जिन्होंने अपने बल्ले से एक अलग ही ओहदा और अपना मुकाम बनाया।
बता दें कि सचिन ने अपने 24 साल के एक लंबे करियर में ऐसे ऐसे कीर्तिमान स्थापित किए। जो सामान्य खिलाड़ियों के बस की बात नहीं। मालूम हो कि सचिन ने अपने करियर में बल्ले से अनगिनत ब्लास्ट किए और लगभग 200 टेस्ट मैच, 463 वनडे और एक टी-20 इंटरनेशनल मैच खेले। वहीं उन्होंने शतकों का शतक लगाकर एक नए प्रकार का रिकॉर्ड बनाया। आइए ऐसे में आज हम चर्चा करते हैं सचिन और उनके खेल से जुड़ी दिलचस्प कहानी की।
बता दें कि क्रिकेट के मैदान पर ही सचिन महारथी बनकर नही उभरे थे, बल्कि उनकी प्रेम कहानी भी काफ़ी उम्दा रही है और वो इस मामले में भी किसी से कम नही थे। बता दें कि कई बार तो लोग यह सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि हमेशा क्रिकेट की पिच पर रहने वाले और बल्ले से मोहब्बत करने वाले सचिन कैसे अंजलि से दिल लगा बैठे। वैसे जो भी हो इन दोनों की प्रेम कहानी भी बड़ी रोचक और दिलचस्प है।
इसके अलावा बता दें कि जब सचिन 22 साल के थे तब उन्होंने 24 मई 1995 को खुद से 6 साल बड़ी शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अंजलि से शादी की थी। लेकिन आप सभी को एक सच यह जानकर काफ़ी हैरानी होगी कि सचिन ने अपनी शादी के बाद काफ़ी क्रिकेट खेला लेकिन अंजलि ने इनमें से सिर्फ़ दो मैच स्टेडियम में जाकर देखा।
गौरतलब हो कि इस विषय में सचिन तेंदुलकर कहते हैं कि उन्हें एक मैच में अपनी मर्जी के बिना जाना पड़ा था, जबकि दूसरा मुकाबला मेरा फेयरवेल मैच था। वहीं इतना ही नहीं आपको बता दें कि एक बार सचिन ने ओकट्री के यूट्यूब चैनल के शो ‘ब्रेकफास्ट विद चैंपियंस’ को दिए अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके मैच के दौरान उनके बड़े भाई अजीत तेंदुलकर भी ढूंढे नहीं मिलते थे। गौरतलब हो जब एंकर ने सचिन से उनके 200वें टेस्ट यानी आखिरी अंतरराष्ट्रीय मुकाबले को लेकर सवाल किया था। इस पर सचिन तेंदुलकर ने कहा था कि, “अंजलि मैच देखने कभी स्टेडियम नहीं आती थी। साल 2004 में ऑस्ट्रेलिया में वह हमारे साथ टूर पर थी।
वहां पर और भी साथी क्रिकेटर्स की पत्नियां थीं।” वहीं इस बात को आगे बढाते हुए सचिन ने बताया था कि, “उन लोगों ने अंजलि से कहा चलो आओ, चलो कुछ नहीं होगा। तब उसने कहा, नहीं मैं इस मामले में अंधविश्वासी हूं। मुझे पसंद नहीं है। इस पर उन लोगों ने मेरे लिए कहा कि उन्हें जाने दो, जाने दो। उन्हें खेलने दो। हम सब आपको छिपा लेंगे। चिंता मत करो। हम सब ये सुनिश्चित करेंगे कि आप बिल्कुल छिपी रहें और सचिन आपको देख नहीं पाएंगे। वहीं बहुत ज्यादा जोर देने पर फिर अंजलि ने मैच देखने की हामी भरी थी।”
वहीं सचिन ने आगे अपनी कहानी बताते हुए कहा था कि, “वह बॉक्सिंग-डे टेस्ट मैच था। ब्रेट ली ने पहली गेंद मुझे डाली। डाउन द लेग, कॉट बिहाइंड। मैंने बल्ले का किनारा लगाया और ऐसा लगा जैसे विकेट के पीछे एडम गिलक्रिस्ट गेंद अपने पास आने का इंतजार कर रहा था। मैंने कहा, यह तो खत्म हो गया यार।” वहीं सचिन ने बताया कि, “उधर, अंजलि चुपचाप उठी और स्टेडियम से चली गईं। किसी भी क्रिकेटर की पत्नी ने उनसे कुछ नहीं कहा। हालांकि, मैंने अंजलि को देखा नहीं था। उसके बाद से वह फिर कभी नहीं आई और सिर्फ आखिरी टेस्ट मैच में आई।”