बच्चें की चाहत में दस रात स्पर्म डोनर के पास गुजरी महिला ने, अब पता चली सच्चाई तो हाल है बेहाल
विज्ञान की बदौलत मानव जीवन काफी सुगमता की तरफ बढ़ा है तो इनके खतरे भी कम नहीं। जी हां अब ऐसी-ऐसी तकनीकें विकसित हो गईं हैं या हो रही हैं जो कहीं न कहीं उस अदृश्य शक्ति को ही चुनौती देने का काम करने की स्थिति में आ गईं हैं। जिन्हें हम अलग-अलग रूपों में देखते हैं। एक उदाहरण से ही समझिए कि एक वक्त था जब किसी महिला के मां बनने का निर्धारण जैविक आधार पर ही होता था और किसी को जब लड़की या लड़का पैदा होता था। तब उसे ईश्वरीय देन माना जाता था, लेकिन आज स्थिति बदल चुकी है। अब जो स्त्री पहले मां नहीं भी बन सकती थी। फिर उसके पीछे वजह कोई भी हो।
वो भी अब मां बन सकती है और बच्चें को जन्म दे सकती है और इसमें स्पर्म डोनेट करने की पद्धति ने अहम रोल अदा किया है। लेकिन बता दें कि यही स्पर्म डोनेट करने की वज़ह से कई बार मुसीबतें भी उठानी पड़ जाती हैं। जैसे कि अब एक मामला जापान से निकलकर आया है। गौरतलब हो कि यहां हुआ कुछ यूं है कि अब उक्त महिला रो-रोकर अपने दिन काट रही है और वो अब स्पर्म डोनर (Sperm Donor) के माध्यम से पैदा हुए बच्चे को भी नहीं रखना चाहती। आइए ऐसे में जानें यह पूरी कहानी…
बता दें कि स्पर्म डोनर (Sperm Donor) की मदद से मां बनने वाली महिला अब बच्चे को अपने साथ नहीं रखना चाहती है। इतना ही नहीं महिला अब हरसम्भव इस कोशिश में लगी हुई है कि कोई इस बच्चे को अपना लें। मालूम हो कि यह कहानी जापान की है और महिला का तर्क यह है कि उसने जिससे स्पर्म लिया। उसने अपनी सच्चाई छिपाई थी। ऐसे में अब उसे यह बच्चा नहीं चाहिए।
महिला के मुताबिक उक्त व्यक्ति ने स्पर्म डोनेशन के दौरान अपनी असली पहचान छिपाई थी और उसने बताया था कि वह सिंगल है, लेकिन उसकी सच्चाई इतनी भर नहीं है। ऐसे में अब वो बच्चे को भी अपनाना नहीं चाहती।
गौरतलब हो कि एक विदेशी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 30 वर्षीय महिला पहले से शादीशुदा है और उसके एक बच्चा भी है, लेकिन उसे अपना परिवार बढ़ाना था और वो अपने पति से बच्चा नहीं चाहती थी क्योंकि वो किसी वंशानुगत बीमारी (Hereditary Disease) से ग्रस्त है। ऐसे में उक्त महिला ने एक ऐसे साथी का चुनाव करना चाहा जो उन्हें स्पर्म डोनेट कर दें। ऐसे में महिला ने ऑनलाइन डोनर की तलाश शुरू कर दी और जुलाई 2019 में उसकी ये तलाश पूरी हुई। इतना ही नहीं मालूम हो कि स्पर्म डोनेट करने वाले चीनी शख्स ने महिला को बताया था कि वो जापान का रहने वाला है और अब तक उसकी शादी नहीं हुई है।
वहीं चूंकि कृत्रिम गर्भाधान (Artificial Insemination) जापान में विषमलैंगिक विवाहित जोड़ों (Heterosexual Married Couples) तक ही सीमित है, इसलिए महिला ने गर्भवती होने की उम्मीद में डोनर के साथ 10 बार संबंध भी बनाए। इतना ही नहीं बता दें कि सबकुछ महिला के अनुसार ही हुआ और वो आख़िरकार प्रेग्नेंट भी हो गई। इसके बाद उसने एक बच्चे को जन्म दिया। लेकिन मालूम हो कि इसके बाद महिला को जो सच्चाई पता चली। उससे वह टूट गई और अब बच्चे को भी अपने पास नहीं रखना चाहती है।
बता दें कि महिला ने टोक्यो की एक एजेंसी से बच्चे के एडॉप्शन के लिए संपर्क भी किया है। इसके अलावा उसने स्पर्म डोनर के ख़िलाफ़ कानूनी लड़ाई लड़ने की भी ठानी है, चूंकि उसने उसे धोखा दिया और महिला ने भावनाओं से खिलवाड़ का हवाला देते हुए डोनर से बतौर क्षतिपूर्ति 2.1 मिलियन पाउंड यानी 21 करोड़ रुपए की भी मांग की है। इतना ही नहीं महिला के वकील की मानें तो डोनर की सच्चाई जानने के बाद से महिला सदमे में है और वो ठीक से सो भी नहीं पा रही है। ऐसे में कहीं न कहीं उसके मां बनने की इच्छा और वंश को आगे बढाने की इच्छा में तकनीक आ गई और उस तकनीक ने उसे मां बनने तो दिया, लेकिन उसके साथ जो धोखा हुआ शायद उसकी भरपाई अब तकनीक के माध्यम से संभव नहीं। ऐसे में वह कोर्ट के सहारे आकर खड़ी हो गई है।