‘यूपी में BJP को हराना 1947 में अंग्रेजों से मिली आजादी से बड़ी ‘आजादी’ होगी – महबूबा मुफ्ती
आगामी विधानसभा चुनाव कुछ लोगों को आजादी की लड़ाई नजर आ रहा है, और बीजेपी को हराना 1947 में अंग्रेजों से मिली आजादी से भी बड़ा मकसद बताया जा रहा है। जो लोग ऐसा सोचते हैं उनमें से एक ने इस बात पर खुलकर बयान भी जारी कर दिया है। ये हैं- पीडीपी चीफ और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती। महबूबा मुफ्ती ने क्या-क्या बयान दिया है आपको विस्तार से आगे बताते हैं-
‘बीजेपी को हराना आजादी से बड़ी जीत होगी’
पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने भाजपा पर बड़ा हमला बोला है। उन्होने कहा कि आने वाले चुनावों में भाजपा से छुटकारा पाना 1947 में अंग्रेजों से मिली आजादी से बड़ी ‘आजादी’ होगी। 75 वर्ष पहले इस देश के लोगों को अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की लड़ाई लड़ने का मौका मिला था।
अब हमारे पास भाजपा से छुटकारा पाने का मौका है। भाजपा इस देश को तोड़ना चाहती है। इसी के साथ उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ताधारी पार्टी लोगों को धर्म के आधार पर बांट रही है।
जो डर गया समझो मर गया-महबूबा
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने जनजातीय युवा पीडीपी सम्मेलन में काफी भड़काऊ बयान दिए । उन्होंने आगे कहा कि जो डर गया, समझो मर गया। इसलिए डरना नहीं, घबराना नहीं है। हमें मुकाबला करना है-पत्थर से नहीं बल्कि कलम और किताब से।
इतिहास कभी-कभी मौका देता है और आज हिंदुस्तान में 70 साल बाद नौजवानों को मौका मिला है, इस देश को भाजपा से आजाद कराने के लिए। इसलिए हिंदु-मुस्लिम-सिख ईसाई का भेदभाव मिटाकर एकजुट होकर आगे बढ़ना है।
मुसलमानों को प्रताड़ित किया जा रहा
महबूबा मुफ्ती ने अपने भाषण में जनजातीय कल्याण की कम, भाजपा की निंदा ज्यादा की। उन्होंने भाजपा पर देश में सांप्रदायिकता बढ़ाने का आरोप लगाते हुए सम्मेलन में मौजूद युवाओं को यह संदेश देने का प्रयास किया कि मुस्लिमों को मुस्लिम होने के कारण तथाकथित तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है।
उन्होंने सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाने के अभियान को भी मजहबी रंग देने की कोशिश की। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह लोग हमें गुजरात और दिल्ली दंगों की याद दिलाते हैं, हमें 84 के दंगे याद दिलाते हैं ताकि हम डर जाएं।
महबूबा ने कहा जो भी भाजपा या केंद्र के खिलाफ बोलता है, उसे देशद्रोही बता दिया जाता है। उन्होंने कहा कि यहां मुस्लिमों को कहा जाता है कि आप बाबर और औरंगजेब की औलाद हो। अगर वह मुस्लिमों का बाप है तो उसे फिर यह लोग क्यों याद कर रहे हैं।
इन्हें इसलिए यह याद है क्योंकि उत्तर प्रदेश में चुनाव हैं और वहां लोगों को बताने के लिए कुछ नहीं है। वहां कोई अस्पताल नही बनाया, वहां कोई तरक्की नहीं हुई, वहां लोगों ने कोरोना में गंगा में लाशें बहती देखी हैं।
पीडीपी अध्यक्ष ने जम्मू को धार्मिक सद्भाव का प्रतीक बताते हुए कहा कि अब यह लोग जम्मू में भी लोगों को हिंदू-मुस्लिम, गुज्जर-डोगरा के नाम पर लड़ाने पर तुले हैं। चुप रहना कोई विकल्प नहीं है।
हमें बोलना होगा, मुकाबला करना होगा, अन्यथा आने वाले समय में लोग पूछेंगे कि जब मौका था उस समय का नौजवान कहां था। यह सवाल रुपनगर में गुज्जर भाइ्रयों के घरों को तोड़ने का नहीं है, यह सवाल हम सभी का है। इसलिए जाग जाओ।
उन्होंने हरिद्वार में हुई धर्मसंसद में कुछ लोगों के आपत्तिजनक बयानों का हवाला देते हुए कहा कि किसी भाजपा नेता ने उनकी निंदा नहीं की। जम्मू कश्मीर के लोगों ने गांधी के हिंदुस्तान के साथ हाथ मिलाया था, लेकिन यह तो गोडसे का हिंदुस्तान बना रहे हैं। यह हिंदू नहीं हो सकते, हिंदुओं का ठेकेदार बने यह लोग हिंदू का मतलब नहीं जानते।
मैं जम्मू मे एक हिंदू परिवार में ही पली हूं और मुझे पता है कि एक हिंदू क्या सोचता है। हिंदू हो या मुसलमान हम सभी की रगों में एक ही रंग का खून बहता है। हमें चारों तरफ दोस्ती फैलानी है। अगर हम घर में बैठ गए तो हमारा वजूद मिट जाएगा।