गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत: न्यूटन के सिर पर नहीं गिरा था सेब, बल्कि वास्तविक कहानी है ये
आज के जमाने में किसी के सामने एक सेब रखा हो, या वो पेड़ से भी गिरे तो उसका फ़लसफ़ा क्या होगा। यह आप सभी को पता है, लेकिन एक वक्त था। जब इसी सेब की वज़ह से दुनिया के सामने एक नई उपलब्धि निकलकर सामने आई थी। जी हां एक व्यक्ति के सिर पर आकर सेब गिरा था, तो उसकी वज़ह से विज्ञान के क्षेत्र में नई क्रांति आई थी।
ऐसे में सेब का गिरना भले उसकी एक प्रकृति थी, लेकिन जिस व्यक्ति के सिर पर वह सब गिरा था। वह व्यक्ति बिल्कुल भी अपनी प्रकृति के हिसाब से साधारण नहीं था और उनका नाम तो अब तक आप सभी जान ही चुके होंगे। चलिए फिर भी नहीं पता चला तो बता देते हैं। मालूम हो कि इस व्यक्ति का नाम आइज़क न्यूटन है और इन्होंने दुनिया को ग्रैविटी की प्रक्रिया समझाई थी। आइए ऐसे में आज हम इन्हीं के बारे में जानते हैं कुछ तथ्य…
बता दें कि आइज़क न्यूटन की बीते दिनों यानी 4 जनवरी को 379वीं बर्थ एनिवर्सरी थी और इनका जन्म 4 जनवरी, 1643 को हुआ है। वहीं अजीब संयोग कहिए या दुर्भाग्य की बात कि न्यूटन के जन्म से पहले ही उनके पिता की मौत हो गई थी। वहीं ऐसे में न्यूटन के जन्म के बाद जब वे धीरे-धीरे बड़े होने लगें तो उनकी मां चाहती थीं कि उनका बेटा खेती करें, लेकिन कहते हैं न कि पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं।
ऐसे में अपनी मां की भी मौत के बाद न्यूटन 6 साल के लिए बौद्धिक एकांतवास में चले गए। जी हां और ऐसे तथ्य और कथ्य सामने निकलकर आते हैं कि इस दौरान उन्होंने सिर्फ़ लिखकर ही लोगो से बातें की। वहीं वे भले एकांतवास में गए थे, लेकिन विज्ञान से दूरी नहीं बनाई थी और उसमें उनकी रुचि लगातार बनी हुई थी। मालूम हो कि बाद में उन्होंने विज्ञान से जुड़े कुछ ऐसे सिद्धान्त दिए। जिससे भौतिक विज्ञान की नींव पड़ी।
मालूम हो कि न्यूटन को लेकर हमें एक बात छोटी ही क्लास में बताई जाती है कि सेब सिर पर गिरने की वज़ह से उन्होंने ग्रैविटी का सिद्धांत दिया था। लेकिन आज हम आपको बता दें कि इसके पीछे जो कहानी प्रचलित है, उसकी सच्चाई कुछ और ही है। जी हां उल्लेखनीय बात यह है कि न्यूटन के सिर पर कभी सेब गिरा ही नहीं था, बल्कि एक रात वो जिस वक्त बगीचे में खड़े थे, तभी सेब को देखकर उनके दिमाग में ग्रैविटी का ख्याल आया। और फिर क्या था। उन्होंने इस पर काम करना शुरू कर दिया।
फिर बाद में उन्हीं बातों को मिर्च-मसाला लगाकर हम लोगो को आजतक बताया जाता रहा कि पेड़ से सेब टूट कर गिरा और ग्रैविटी के नियम की खोज हुई। आइए ऐसे में जाने क्या हैं न्यूटन के तीनों नियम…
बता दें कि स्कूल के दिनों में अगर आप विज्ञान के एक बेहतर छात्र रहे होंगे तो आपको इन नियमों को बताने की जरूरत नहीं, लेकिन अगर आपने रट्टामार प्रक्रिया से की है पढ़ाई तो आइए आपको बताते हैं इन तीनों नियमो के बारे में एक बार फिर…
पहला नियम…
बता दें कि न्यूटन का पहला नियम कहता है कि जब कोई वस्तु रुकी है तो रुकी ही रहेगी और अगर चलती है तो चलती ही रहेगी। हां बशर्तें कि इस वस्तु पर कोई बाहरी ताकत न लगाई जाए।
दूसरा नियम…
वहीं जब हम न्यूटन के दूसरे नियम की बात करते हैं तो उनका दूसरा नियम ये कहता है कि किसी भी चीज़ में फोर्स उसको दिए गए एक्सेलरेशन और वजन के बराबर होता है। अब ऐसे में आप एक उदाहरण के माध्यम से समझें तो हम आपको बता दें कि आप अगर कोई भारी पत्थर किसी पर धीरे से मारेंगें या हल्का पत्थर किसी पर तेजी से मारेंगें, तो दोनों में उसका बराबर असर ही होगा।
तीसरा नियम…
वहीं बता दें कि न्यूटन का तीसरा नियम क्रिया-प्रतिक्रिया पर आधारित है और ये नियम कहता है कि जब भी कोई क्रिया होती है, तो उसके बराबर और विपरीत दिशा में उसकी उलटी प्रतिक्रिया भी होती है।
आखिर में एक खास बात। गौरतलब हो कि भले ही न्यूटन कितने बड़े वैज्ञानिक क्यों न रहें हो, लेकिन वो धर्म मे भी विश्वास रखते थे और ये उनकी बहुत बड़ी शक्ति थी। बता दें कि भले न्यूटन ने दुनिया को विज्ञान का रास्ता दिखाया, लेकिन न्यूटन मानते थे कि बाइबिल में उनके लिए कोई संदेश छिपा है और इस गुप्त संदेश को खोजने के लिए उन्होंने काफी मेहनत भी की थी।