सपा और भीम आर्मी में नहीं हो रहा गठबंधन, चंद्रशेखर बोलें, ‘बहुजन विरोधी हैं अखिलेश’…
सपा के साथ चुनाव नहीं लड़ेंगे चंद्रशेखर रावण, प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव पर लगाया गम्भीर आरोप...
यूपी में विधानसभा चुनाव का ऐलान होने के साथ ही जोड़-तोड़ की राजनीति जबरदस्त तरीक़े से चल रही है। वहीं सियासी बिसात में कैसे किसी दल को पीछे छोड़ा जाएं, इसके लिए राजनीतिक पार्टियों में गठबंधन का दौर भी जारी है। बता दें कि इसी बीच बनते बिगड़ते राजनीतिक समीकरणों के मद्देनजर उत्तरप्रदेश सूबे से एक बड़ी ख़बर निकलकर आ रही है और इस ख़बर ने उन तमाम राजनीतिक पंडितों के होश ठिकाने लगा दिए हैं, जो कल तक आजाद समाज पार्टी और सपा के बीच गठबंधन की बात कह रहे थे।
जी हां तमाम ऊहापोह के बीच आज शनिवार को आज़ाद समाज पार्टी के नेता चन्द्रशेखर रावण (Chandrashekhar Azad) ने यह साफ कर दिया है कि उनका समाजवादी पार्टी से कोई गठबंधन नहीं होने जा रहा है। गौरतलब हो कि बीते दिन कल तक ऐसी खबरें आ रही थी कि दोनों में गठबंधन तय हो गया है और अब सिर्फ सीटों को लेकर दांवपेंच फंसा हुआ है। लेकिन इसी बीच आज भीम आर्मी चीफ चन्द्रशेखर रावण सामने आए और उन्होंने कहा कि दलितों की जरुरत अखिलेश यादव को नहीं। आइए ऐसे में समझें पूरा मामला…
बता दें कि भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने शनिवार को लखनऊ में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, ” मेरी अखिलेश यादव से पिछले 6 महीनों में काफी मुलाकातें हुईं हैं और इस बीच सकारात्मक बातें भी हुई लेकिन अंत समय में मुझे लगा कि अखिलेश यादव को दलितों की ज़रूरत नहीं है। वह इस गठबंधन में दलित नेताओं को नहीं चाहते हैं। वह सिर्फ इतना चाहते हैं कि दलित उनको वोट करें।” गौरतलब हो कि वहीं अपनी बात आगे रखते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि हम अपने दम पर चुनाव लड़ने जा रहें हैं। इसके अलावा चंद्रशेखर ने कहा कि मैं स्वाभिमान की लड़ाई लड़ता हूं और अखिलेश यादव ने बहुजन समाज को अपमानित किया है।
वहीं उल्लेखनीय बात यह है कि यूपी में तकरीबन 22 फीसदी आबादी दलितों की है। ऐसे में सभी राजनीतिक दल यही चाहते कि इन मतों पर उनका अधिकार हो, लेकिन अब जब सपा के हाथ से ये गठबंधन छिटक रहा है। ऐसे में आज़ाद समाज पार्टी और दलित वोट दोनों को देखना होगा कि किस करवट बैठते हैं। वैसे आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस में चंद्रशेखर ने बहन मायावती को जन्मदिन की शुभकामनाएं देकर नए रास्ते खोलने की कोशिश की है।
अब यह देखने वाली बात होगी कि आगामी परिस्थितियां कैसी निर्मित होती हैं। वैसे ये समुदाय पश्चिमी उत्तरप्रदेश की कई सीटों पर अपना सीधा अपना प्रभाव रखती है और इतना ही नहीं यूपी की कुल 403 विधानसभा सीटों में से 85 सीटें दलितों के लिए आरक्षित हैं। अभी तक इन सीटों पर बसपा का काफी अच्छा जनाधार रहा है लेकिन पिछले दो चुनावों में यहां भी मायावती को नुकसान ही हुआ है, ऐसे में यह देखने वाला होगा कि इन दलितों का साथ किसको मिलता है। वैसे जो भी हो लेकिन दलित वोटबैंक जिसके भी साथ होगा सूबे में उसकी स्थिति बेहतर होगी।
बीजेपी को रोकने के लिए करना चाहते थे गठबंधन- चंद्रशेखर
वहीं आख़िर में बता दें कि प्रेस कांफ्रेंस के दौरान चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि, ” मैंने कल अखिलेश जी से कहा कि आप बड़े भाई हैं, आप तय कर लें कि आप हमको गठबंधन में रखना चाहते हैं या नहीं। लेकिन उन्होने हमको नहीं बुलाया। इसका मतलब अखिलेश जी हम को गठबंधन में नहीं रखना चाहते।” ऐसे में आज चंद्रशेखर ने कहा कि हम सपा के साथ गठबंधन में नहीं जा रहे है। वहीं चंद्रशेखर ने कहा कि मैं भाजपा को सत्ता से रोकने के लिए गठबंधन चाहता था इसीलिए दो दिन से लखनऊ में था। लेकिन अब चूंकि बात नहीं बनी तो अब अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे।