प्रिया सिंह पॉल के इस राज से हील जाएगी कांग्रेस की नीव, कहा मैं हूँ संजय गाँधी की बेटी!
लुधियाना: अक्सर आपने कई फिल्मों में देखा होगा कि बच्चा पैदा होने के बाद उसे किसी और को दे दिया जाता है। उसका पालन-पोषण भी वही करता है। बच्चा जब बड़ा होता है और अपने काम में लग जाता है। अचानक से एक दिन उसके असली माँ-बाप का पता चलता है और उसके पैरों के नीचे से जमीन खिसक जाती है। उसे पता चलता है कि उसके माँ-बाप तो कोई और हैं।
इसके बाद से वह अपने असली माँ-बाप की तलाश में लग जाता है। जब उसे पता चलता है कि उसका बाप तो कोई बहुत बड़ा आदमी है तो वह और हैरान होता है। हालांकि ये तो फिल्मों में ज्यादा होता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा असल जीवन में भी हो सकता है। जी हाँ ऐसा असल जीवन में भी हो सकता है और अभी एक ऐसा ही ताजा मामला सामने आया है, जिसके बारे में जानकर आपके होश उड़ जायेंगे।
भारत सरकार में रह चुकी हैं डायरेक्टर जनरल:
हाल ही में भारत की एक अत्यंत प्रभावशाली महिला ने खुद को पूर्व प्रधानमंत्री के बड़े बेटे संजय गाँधी को अपना बायोलॉजिकल पिता बताया है। इस महिला का नाम प्रिया सिंह पॉल है। यह महिला भारत सरकार में डायरेक्टर जनरल भी रह चुकी है। इसके साथ ही महिला कई प्राइवेट चैनलों में बतौर एंकर, राइटर और डायरेक्टर जैसे महत्पूर्ण पदों पर भी काम कर चुकी है। प्रिया सिंह पॉल ने अपने फेसबुक पोस्ट पर अपनी आपबीती लिखी।
उन्होंने बताया कि बहुत लोगों ने मुझसे इसके बारे में पूछा, लेकिन मुझे किसी को बताते समय शर्म महसूस नहीं हुई। प्रिया ने बताया कि इस बात में कोई दो राय नहीं है कि संजय गाँधी ही उनके बायोलॉजिकल पिता हैं और बचपन में उनका नाम प्रियदर्शिनी रखा गया था। मूसा और भगवान श्रीकृष्ण का भी जन्म कहीं और हुआ था और पालन-पोषण किसी और ने किया था। महाभारत में कर्ण का जब खुलासा हुआ तो उन्हें ज़रा भी अपमान महसूस नहीं हुआ था।
प्रिया ने जीसस का भी उदाहरण देते हुए कहा कि उनका जन्म भी उनकी माँ की शादी से पहले ही हुआ था। प्रिया ने कहा कि मैं एक हिन्दू पारसी हूँ, जिसका पालन-पोषण एक पंजाबी परिवार ने किया। मेरी माँ एक यहूदी महिला थी। मेरी माँ शिला सिंह पॉल ने यह सब बताया और मेरे पिता के बारे में भी उन्होंने ही बताया। मेरी आंटी ने भी सच बताया था, जिसे मैं कई सालों से दबा कर जी रही थी। उन्होंने कहा कि इससे उनके बायोलॉजिकल पिता या उनके परिवार वालों को कोई नुकसान नहीं होना चाहिए।