अलवर की ‘निर्भया’ के लिए दुआ कीजिए: दुष्कर्म के बाद दरिंदगी, नाजुक प्राइवेट पार्ट को…
राजस्थान के अलवर में दिल्ली की ‘निर्भया’ जैसा मामला सामने आने के बाद पूरा देश एक बार फिर शर्मशार है। सवाल उठता है कि आखिर कब इस तरह के अपराध बंद होंगे? कब ऐसे दरिंदों के दिल में इतना खौफ बैठगा कि वो ऐसी हरकत ना करें? सरकार और पुलिस लाख दावे करे उनकी नाक के नीचे बार-बार ऐसे अपराध हो रहे हैं।
ताजा मामला राजस्थान के अलवर का है जिसने आम जनमानस को एक बार फिर झझकोर कर रख दिया है। क्या है पूरा मामला आपको आगे बताते हैं-
11 जनवरी की रात हुई हैवानियत
11 जनवरी की रात निर्भया कांड की तरह अलवर में दरिंदों ने नाबालिग के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया। इन बहशी-दरिंदों को इतने पर भी मन नहीं भरा तो उन्होंने पीड़िता के प्राइवेट पार्ट को बुरी तर जख्मी कर दिया। दरिंदों ने नुकीले हथियार से मूक-बधिर पीड़िता के नाजुक अंगों पर हमला किया। उसके बाद दरिंदों ने पीड़िता ओवरब्रिज से नीचे फेंक दिया। उसकी जान बचाने के लिए अलवर के डॉक्टरों ने जयपुर रेफर कर दिया।
फिलहाल पीड़िता जयपुर के एक अस्पताल में भर्ती है। उसे बचाने के लिए डॉक्टरों की टीम ने सर्जरी भी की है। आगे आपको बताएंगे की दिल्ली के ‘निर्भया’ कांड की तरह ही अलवर के ‘निर्भया’ कांड से भी किस तरह एक बस के तार जुड़ रहे हैं।
बस के अंदर वारदात की आशंका
घटना की जांच कर रही पुलिस टीम ने जब घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो वो उस समय चौंक गए जब उन्हें एक बस दिखी। सीसीटीवी फुटेज में तिजारा फाटक ओवरब्रिज से शाम 7:00 बजे एक प्राइवेट बस निकलती हुई नजर आ रही है।
उस समय तक पीड़िता घटनास्थल पर नहीं थी। बस के गुजरने के बाद पीड़िता ओवरब्रिज के नीचे पाई गई। ऐसे में पुलिस अधिकारी उस प्राइवेट बस का पता लगाने में जुटे हैं। आगे बताएंगे कि मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी को अब तक क्या सुराग मिले हैं।
एसपी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन
गैंगरेप की इस घटना की जांच के लिए आईजी ने एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी की टीम एसपी के निर्देशन में जांच कर रही है। SIT में एक एडिशनल एसपी, 3 डिप्टी एसपी और 6 सब इंस्पेक्टर शामिल किए गए हैं।
आईजी ने खुद भी घटनास्थल का दौरा किया किया है। पुलिस का दावा है कि आरोपी जल्द सलाखों के पीछे होंगे। आगे आपको बताएंगे मामले को लेकर राजस्थान में राजनीति कैसे गर्म हो गई है।
गहलोत सरकार पर बरसी बीजेपी
#Alwar में मूक-बधिर नाबालिग बालिका से दुष्कर्म के बाद पुलिया पर फेंकने की घटना ने ना सिर्फ #Rajasthan को शर्मसार किया है, बल्कि कांग्रेस सरकार की लचर कानून व्यवस्था की पोल भी खोल दी है। प्रदेश में बेटियां आए दिन दरिंदो की हवस का शिकार हो रही हैं, लेकिन सरकार शून्य हो गई है।
— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) January 12, 2022
सामूहिक दुष्कर्म की झकझोर देने वाली इन घटनाओं के बाद भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर हमला बोला है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि दरिंदगी की इस घटना ने ना सिर्फ राजस्थान को शर्मसार किया बल्कि कांग्रेस सरकार की लचर कानून व्यवस्था की पोल खोल दी है। सरकार शून्य हो गई है।
राजे ने अपने ट्वीट में लिखा कि नारी स्वाभिमान के पर्याय राजस्थान में बेटियों पर हो रहे अत्याचार बर्दास्त नहीं कियो जा सकते। महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में देश में नम्बर 1 बन चुके राजस्थान को शोषण मुक्त बनाने के लिए कांग्रेस सरकार को सख्त कदन उठाने चाहिए।
पीड़िता को आर्थिक सहायता
दुष्कर्म पीड़ितों की मदद के लिए राज्य सरकार की ओर से प्रतिकार योजना के जरिए आर्थिक मदद दी जाती है। गैंगरेप से पीड़ित बालिका के परिजनों को आर्थिक मदद के रूप में 2 लाख 50 हजार दिए गए हैं। जयपुर के जेके लोन अस्पताल में भर्ती पीड़िता का हाल जानने गहलोत सरकार के कई मंत्री भी पहुंचे हैं।