पीएम मोदी को काला झंडा दिखाने वाली महिला का सच आया सामने: जानिए क्यों चलवाई थी खुद पर गोली
राजनीति का स्तर किस हद तक गिरता जा रहा है, इसकी मिसाल है यह खबर। चुनाव में किस्मत आजमाने की कोशिश कर रहे कुछ लोग पार्टी का टिकट पाने और पार्टी के बड़े नेताओं के बीच पैठ बनाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। क्योंकि उन्हें लगता कि सुर्खियों में रहने से पार्टी के बड़े नेता खुश होंगे और उन्हें टिकट मिल जाएगा। यूपी के सुल्तानपुर में एक महिला ने यही किया। क्या है पूरा मामला आपको आगे बताते हैं।
पीएम को काला झंडा दिखा सुर्खियों में आई
सुल्तानपुर की रहने वाली इस महिला का नाम रीता यादव है। सुल्तानपुर में 16 दिसंबर को पीएम मोदी पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का लोकार्पण करने पहुंचे थे। इस दौरान पीएम मोदी की जनसभा में रीता यादव काला झंडा दिखाकर और योगी-मोदी मुर्दाबाद के नारे लगाकर सुर्खियों में आ गई थी। इसके बाद 3 जनवरी को उसने पुलिस में शिकायत की थी कि उसपर किसी ने जानलेवा हमला किया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी। इसे लेकर पुलिस ने क्या खुलासा किया आपको आगे बताते हैं।
खुद पर चलाई गोली
पुलिस के मुताबिक रीता यादव ने कांग्रेस से टिकट पाने के लिए चार लोगों के साथ मिलकर खुद पर हमले की साजिश रची थी और अपने ऊपर फायरिंग करवाई थी। पुलिस ने घटना का खुलासा करते हुए फायरिंग में शामिल दो आरोपियों के साथ ही रीता को भी गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने घटना में प्रयुक्त तमंचा भी बरामद कर लिया है। आगे आपको बताते हैं कि कैसे रीता यादव अपने मकसद में कामयाब होती जा रही थी।
प्रियंका गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल
चांदा कोतवाली क्षेत्र के लालू का पूरा सोनावां गांव की रहने वाली आरोपी रीता यादव (35) पत्नी संतोष यादव पीएम को काला झंडा दिखाने के बाद चर्चा में आ गई थी। इसका उसे फायदा मिलाऔर रीता यादव अमेठी में प्रियंका गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हो गई। आगे आपको बताते हैं कि कांग्रेस में शामिल होने के बाद रीता यादव ने खुद पर हमले की साजिश क्यों रची।
प्रधानमंत्री को काला झंडा दिखाने वाली कांग्रेस नेता रीता यादव को सुल्तानपुर में गोली मार दी गई।
उसी क्षेत्र में गुंडाराज की केंद्रीय संरक्षक बनकर @smritiirani जी बता रही हैं कि उन्हें एक महिला को गोली मारे जाने से नहीं, जंगलराज से नहीं, महिलाओं के सशक्तिकरण से बड़ी परेशानी है। pic.twitter.com/XyAF7TG6BR
— UP Congress (@INCUttarPradesh) January 4, 2022
कैसे और क्यों रची साजिश?
तीन जनवरी को रीता यादव जीप से शहर गई थी। जीप मुस्तकीम निवासी प्रतापपुर कमैचा चला रहा था। शाम करीब साढ़े छह बजे रीता यादव जीप से वापस घर लौट रही थीं।रास्ते में बाइक सवार तीन लोगों ने जीप को ओवरटेक करके रोकने के बाद रीता को गोली मार दी थी। गोली रीता के पैर में लगी थी। पुलिस ने घटना को गंभीरता से लेते हुए इसके खुलासे के लिए सीओ लंभुआ को जिम्मेदारी सौंपी थी। पुलिस ने जांच के बाद क्या पाया आपको आगे बताते हैं।
टिकट पाने के लिए रची साजिश
सीओ लंभुआ ने बताया कि पुलिस ने धर्मेंद्र यादव उर्फ भोले निवासी राजपुर टटेरी, वाहन चालक मोहम्मद मुस्तकीम निवासी प्रतापपुर कमैचा थाना चांदा सुल्तानपुर को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो घटना का खुलासा हो गया। धर्मेंद्र और मुस्तकीम ने बताया कि रीता यादव ने अपने जानने वाले पूर्व ग्राम प्रधान माधव यादव से मिलकर सुनियोजित तरीके से आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी से विधायक का टिकट प्राप्त करने के लिए खुद पर फायरिंग कराई थी। पुलिस ने रीता समते तीन को गिरफ्तार कर लिया है। बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।