जब बहू को सास ने दी मुखाग्नि, भर आई आंखें: जानिए क्यों नैना के लिए बसंती ने तोड़ दिए रीति-रिवाज
आपने सास-बहू की तकरार बहुत सुनी होगी। सास द्वारा बहू पर अत्याचार की खबरें भी खूब आती हैं। लेकिन यूपी के पीलीभीत में जो हुआ वो सास-बहू के प्रेम की मिसाल बन गया है। बहू के लिए सास ने अपने बेटे को भी नहीं बख्शा। जब बेटा अपने पत्नी धर्म को भूल गया तो उसकी सास अपनी बहू के लिए मां बन गई। सास मां ही नहीं बनी बल्कि मां से बढ़कर हो गई।
ये मामला पीलीभीत के बिलसंडा थाना क्षेत्र के गांव परेवा तुर्राह का है। जहां विमल कुमार नाम के एक युवक ने अपनी पत्नी की हत्या कर शव को दफ़न कर दिया। दरअसल, 1 साल पहले आरोपी विमल दिल्ली काम करने गया था। दिल्ली में विमल की मुलाकात 28 साल की नैना नाम की लड़की से हुई। दोनों में प्यार हुआ और फिर दोनों ने शादी कर ली। शादी करने के बाद दोनों गांव चले आए। विमल कुमार को नशे की आदत थी। जिसके चलते वह हमेशा अपनी पत्नी नैना को मारा-पीटा करता था। लेकिन उसकी सास हमेशा अपनी बहू का साथ देती थी और उसका बचाव करती थी।
विमल ने नैना की हत्या की
दो दिन पहले विमल ने नैना को बुरी मारा पीटा और फिर गला दबाकर हत्या कर दी। विमल ने नैना के शव को एक गड्ढे में दफन कर दिया। सबूत मिटाने के लिए उसने इसकी सूचना पुलिस को दे दी। अपने बेटे की इस करतूत से बसंती बहुत दुखी हुई और उससे रहा नहीं गया और उसने पूरी घटना गांव के प्रधान पति धर्मेंद्र गंगवार को बता दी, जिसके बाद मामला पुलिस में गया। पुलिस ने नैना के शव को निकलवाया और पोस्टमार्टम के बाद शव को बसंती के सुपुर्द कर दिया। आगे बताएंगे कि क्यों बसंती ने नैना के अंतिम संस्कार का फैसला लिया।
सास ने बहू का अंतिम संस्कार किया
नैना का कोई भी रिश्तेदार यहां नहीं होने से बसंती ने फैसला लिया कि वो खुद नैना का अंतिम संस्कार करेगी। गांव के कुछ लोगों ने कानाफूसी भी की, कि कैसे कोई महिला एक दूसरी महिला का अंतिम संस्कार कर सकती है। लेकिन बंसती अपने फैसले पर अड़ी रही, फिर गांववालों ने भी उसका साथ दिया। जिसके बाद बसंती ने अपनी बहू का हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया और खुद मुखाग्नि भी दी।
जब लोगों की आंखे भर आईं
जब बसंती ने नैना के शव को चिता पर रखा और उसको मुखाग्नि दी तो आसपास जमा लोगों की आंखें भर आईं। यह पूरा मामला सोशल मीडिया में वायरल हुआ और पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग बसंती की तारीफ करने से नहीं चूक रहे। हिंदू धर्म के जानकारों का कहना है कि एक महिला किसी को भी मुखाग्नि दे सकती है, अगर उसके घर में कोई भी पुरुष ना हो।