पत्नी के इस त्याग की वजह से क्रिकेट के मैदान पर ‘विजेता’ बनकर उभरे थे राहुल द्रविड़…
प्यार और परिवार के लिए राहुल द्रविड़ की पत्नी विजेता ने कर दिया था अपने करियर को कुर्बान। जानिए...
मौजूदा समय में भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ का नाम देश के महान क्रिकेटरों की फेहरिस्त में शामिल है। इतना ही नहीं जब वे अपने करियर के दौरान मैदान पर बल्ला लेकर खड़े हो जाते थे, फिर उन्हें आउट करने में बड़े बड़े विश्वस्तरीय गेंदबाजों के पसीने छूट जाते थे और यही कारण था कि उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम का ‘दी वाल’ कहा जाता था।
बता दें कि भले राहुल द्रविड़ अपने करियर में काफी सफल साबित हुए, लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि उनकी यह सफलता अकेले की नहीं थी बल्कि इसके पीछे भी किसी के त्याग और सहयोग की इसमें भूमिका थी, नहीं जानते तो आइए हम आपको बताते हैं पूरी कहानी विस्तार से…
बता दें कि राहुल द्रविड़ का जन्म 11 जनवरी 1973 को इंदौर में हुआ था। 1996 में उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में अपना टेस्ट डेब्यू किया था। वहीँ उन्होंने अपने 16 साल के करियर में 164 टेस्ट में 13,288 रन और 344 वनडे में 10,889 रन बनाए। मालूम हो कि द्रविड़ ने भारत के लिए इकलौता टी- 20 मुकाबला भी खेला था जिसमें उन्होंने 31 रन बनाए थे और 2012 में आस्ट्रेलिया दौरे पर उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला था।
वहीं जानकारी के लिए बता दें कि राहुल द्रविड़ ने डॉक्टर विजेता पेंढारकर से 4 मई साल 2003 में शादी की थी, लेकिन उनकी विजेता से मुलाकात कैसे हुई ये कहानी काफी दिलचस्प और रोचक है। बता दें कि राहुल द्रविड़ का परिवार बेंगलुरु में रहता था और इसी दौरान 1970 के दशक में विजेता पेंढारकर का परिवार भी वहीं शिफ्ट हो गया। मालूम हो कि विजेता के पिता एयरफोर्स में विंग कमांडर थे और यहीं से उनके व द्रविड़ के परिवार में नजदीकियां बढ़ीं।
फिर धीरे धीरे इन दोनों की भी मुलाकात शुरू हुई और इस मुलाकात के बाद ही धीरे-धीरे दोनों बचपन से ही दोस्त बन गए। लेकिन इसी बीच कुछ वर्षों के बाद विजेता पेंढारकर के पिता का रिटायरमेंट होने के बाद विजेता का पूरा परिवार नागपुर आ गया और यहीं से विजेता ने अपनी मेडिकल की पढ़ाई शुरू की। हाँ इस दौरान जो विशेष बात रही वो ये कि विजेता और राहुल द्रविड़ के बीच दूरियां नहीं बढ़ी और नागपुर आने के बाद राहुल उनसे अक्सर मिलने आया करते थे।
ऐसे में वक्त बीतने के साथ कुछ समय बाद इन दोनों के बचपन की दोस्ती प्यार में बदल गईं और इसी बीच एक दिन राहुल ने विजेता को शादी के लिए प्रपोज कर दिया। बता दें कि विजेता भी राहुल का प्रपोजल ठुकरा नहीं पाईं और उन्होंने शादी के लिए हां कर दी। फिर दोनों ने 2003 में एक दूसरे से शादी कर ली और इसके बाद 2005 में दोनों पहले बेटे समित के पैरेंट्स बनें। वहीं इसके बाद 2009 में उनके दूसरे बेटे अन्वय का जन्म हुआ।
वहीं आखिर में बता दें कि शादी के बाद राहुल द्रविड़ की पत्नी विजेता ने अपना डॉक्टरी का पेशा छोड़ दिया था और द्रविड़ के कभी मना न करने के बावजूद विजेता ने राहुल द्रविड़ के सपने को महत्व दिया और उन्होंने डॉक्टरी लाइन छोड़कर पूरी तरह से हाउस वाइफ बनने का फैसला किया, ताकि राहुल द्रविड़ अपना पूरा फोकस क्रिकेट पर कर सकें और इसका परिणामी क्या हुआ इससे आज तो आप सभी वाकिफ हैं।