स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीजेपी छोड़ कर बैठे सपा की साइकिल पर: अखिलेश से मिलने के बाद लिया फैसला
यूपी की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंत्री पद से इस्तीफा देने के साथ पार्टी भी छोड़ दी है। इस्तीफा देने के तुरंत बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर ली। इस्तीफे के बाद उन्होंने कहा पार्टी छोड़ने का निर्णय उनका है इससे उनके परिवार के अन्य लोगों का कोई मतलब नहीं है। गौरतलब है कि स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य बदांयू से बीजेपी की सांसद हैं। बताया जा रहा है कि बीजेपी में टिकट बंटवारे को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य नाराज चल रहे थे।
आपको बता दें कि स्वामी प्रसाद के समर्थन में विधायक बृजेश प्रजापति, भगवती प्रसाद सागर और रोशन लाल वर्मा ने भी BJP का साथ छोड़ दिया है। ऐसी भी चर्चा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के अलावा मंत्री धर्म सिंह सैनी समेत चार और MLA सपा ज्वाइन कर सकते हैं। भाजपा खेमे में मची भगदड़ पर अखिलेश यादव ने चुटकी लेते हुए कहा कि बाइस में सबके मेल मिलाप से सकारात्मक राजनीति का ‘मेला होबे’। भाजपा की ऐतिहासिक हार होगी।
सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्या जी एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन!
सामाजिक न्याय का इंक़लाब होगा ~ बाइस में बदलाव होगा#बाइसमेंबाइसिकल pic.twitter.com/BPvSK3GEDQ
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 11, 2022
स्वामी प्रसाद ने ईमेल पर भेजा इस्तीफा
स्वामी प्रसाद ने इस्तीफा ईमेल किया है और शाहजहांपुर विधायक रोशनलाल वर्मा इसकी हार्ड कॉपी लेकर राजभवन पहुंचे। अपने पत्र में उन्होंने पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार, नौजवानों और छोटे-लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों के प्रति सरकार के उपेक्षात्मक रवैये को इस्तीफे की वजह बताया है।
स्वामी प्रसाद ने कहा कि जो लोग खुद को बड़ा तोप समझ रहे हैं, वे 2022 के चुनाव में दग जाएंगे। मौर्य पर चार विभागों की जिम्मेदारी थी। वो कैबिनेट में श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय मंत्री थे।
फेसबुक पर भी दी इस्तीफे की जानकारी
मौर्य ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘माननीय राज्यपाल जी, राज भवन, लखनऊ, उत्तर प्रदेश। महोदय, माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों व विचारधारा में रहकर भी बहुत ही मनोयोग के साथ उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है किंतु दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे- लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल से मैं इस्तीफा देता हूं।’