पिछले बुधवार (5 जनवरी) पंजाब के फिरोजपुर में प्रधानमंत्री के काफिले को रोकने का मामला सामने आया था। अब यह दावा किया जा रहा है कि इस घटना की जिम्मेदारी सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने ली है। दरअसल सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के कई वकीलों ने यह दावा करा कि उन्हें इंटरनेशनल कॉल आया जिसमें धमकी वाले रिकॉर्डेड संदेश भेजे गए।
सिख फॉर जस्टिस ने ली PM काफिला रोकने की जिम्मेदारी
इस कॉल में उन्हें धमकाया गया है कि वे मोदी की सुरक्षा में चूक मामले को सुप्रीम कोर्ट में नहीं उठाए। इसके साथ ही उन्होंने मामले की सुनवाई में मदद न करने की बात भी कही है। दावा है कि वकीलों को यह कॉल सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) की तरफ से आया है। उन्होंने इस दौरान पंजाब में मोदी का काफिला रोकने की जिम्मेदारी भी ली है।
महेश जेठमलानी ने की NIA जांच की मांग
रिकॉर्डेड संदेश में यह दावा किया गया कि 1984 के दंगों में हुई सिख समुदाय के सदस्यों की हत्याओं के केस में सुप्रीम कोर्ट ने जो निर्णय सुनाया है वह पर्याप्त नहीं है। सीनियर वकील महेश जेठमलानी ने इस मामले में एनआईए जांच की डिमांड भी की है।
जेठमलानी ने एक ट्वीट कर कहा – सिख फॉर जस्टिस यूएसए ने सुप्रीम कोर्ट में एओआर (एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड) को जो ऑडियो भेजे हैं उन्हें सिरियसली लेना चाहिए। यह ऑडियो प्रचार से प्रेरित अथवा दोषियों के निशान को मिटाने हेतु एक धोखा हो सकता है। हालांकि इसमें सुप्रीम कोर्ट जजों व एओआर के लिए परोक्ष खतरा होने के चलते एनआईए को इसकी फौरन जांच करना चाहिए।
The audio sent by the “Sikhs for Justice USA”to AORs in the SC must be treated with circumspection. The audio could be a hoax motivated by publicity or to blur the trail to the guilty. But since it contains a veiled threat to SC judges/AORs the NIA must investigate it forthwith
— Mahesh Jethmalani (@JethmalaniM) January 10, 2022
वहीं ‘लॉयर्स वॉइस’ की याचिका पर सुनवाई करते हुए सोमवार को CJI NV रमण की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यीय पीठ ने PM की सुरक्षा में हुई चूक पर जांच हेतु हाइट कोर्ट के एक्स-जज की अध्यक्षता में एक हाई लेवल समिति बनाने पर सहमति व्यक्त की गई है।
लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट से भी SFJ का कनेक्शन
बीते दिनों लुधियाना कोर्ट में जो धमाके हुए थे उसमें भी सिख फॉर जस्टिस संगठन का हाथ बताया जा रहा है। इस अटैक के आरोपी जसविंदर सिंह मुल्तानी को जर्मनी से गिरफ्तार किया गया था। जसविंदर सिंह मुल्तानी के तार ‘सिख फॉर जस्टिस’ SFJ से जुड़े हुए हैं।बताते चलें कि सिख फॉर जस्टिस एक खालिस्तानी संगठन है। भारत सरकार ने इस पर बैन लगा रखा है। संगठन का हेडक्वार्टर अमेरिका में है। एनआईए ने इस संगठन के कई मेंबर्स को अपनी रडार पर रखा हुआ है।