पीएम की सिक्योरिटी पर सख्त हुआ सुप्रीम कोर्ट, जानिए कैसे काम करता है पीएम का सुरक्षा चक्र
पंजाब में पीएम के सुरक्षा चक्र को भेदने की घटना पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। पहले आपको पीएम का पूरा सुरक्षा चक्र बताएंगे, फिर इस सुरक्षा चक्र को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा है उसे भी बताएंगे।
SPG के पास सुरक्षा की जिम्मेदारी
प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी एसपीजी के पास होती है। एसपीजी पीएम के सबसे नजदीकी सुरक्षा घेरे को बनाती है। एसपीजी एक्ट में संशोधन के बाद इस एजेंसी के पास केवल प्रधानमंत्री की सुरक्षा का जिम्मा है। ये कमांडो दस्ता प्रधानमंत्री को निकटतम सुरक्षा प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है।
एएसएल या उन्नत सुरक्षा संपर्क भी एसपीजी द्वारा किया जाता है। इसका मतलब यह है कि प्रधानमंत्री के यात्रा कार्यक्रम के हर मिनट का दस्तावेजीकरण और निगरानी केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों द्वारा की जाती है। प्रधानमंत्री के किसी राज्य के दौरे के दौरान, स्थानीय पुलिस इस मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम का संचालन करती है। लेकिन इसकी निगरानी एसपीजी अधिकारी करते हैं। एएसएल में कार्यक्रम स्थल और पीएम द्वारा लिए जाने वाले मार्ग को भी साफ करना शामिल है।
बाहरी सुरक्षा घेरे पर होती है पुलिस
करीबी सुरक्षा एसपीजी की जिम्मेदारी है, लेकिन अगर प्रधानमंत्री यात्रा करते हैं तो परिधि यानि बाहरी सुरक्षा घेरे को राज्य पुलिस द्वारा सुरक्षित किया जाता है। इसका मतलब यह है कि प्रधानमंत्री जिस मार्ग पर जाने वाले हैं, उसे राज्य पुलिस द्वारा अंतिम रूप दिया जाता और फिर इसे एसपीजी के साथ साझा किया जाता है। जब प्रधानमंत्री किसी कार्यक्रम में शामिल होते हैं तो एसपीजी से लेकर राज्य पुलिस और स्थानीय खुफिया एजेंसियों तक की बड़ी टीमें तैनात रहती हैं।
पीएम के काफिले के साथ चलती ये गाड़ियां
प्रधानमंत्री के काफिले में अत्याधुनिक गाड़ियां होती हैं। सबसे पहले एडवांस सिक्योरिटी कार होती है। इसके बाद एडवांस पायलट कार होती है। फिर तीसरे नंबर पर पायलट कार होती है। पायलट कार के पीछे डायरेक्ट सिक्योरिटी की कार होती है। उसके बाद काफिले में VIP कार शामिल होती हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस गाड़ी में बैठते हैं उसके साथ दो आर्मर्ड बीएमडब्लू 7 सीरीज सिडान, छह बीएमडब्लू एक्स 5 और एक मर्सिडीज बेंज एंबुलेंस के साथ ही एक दर्जन और गाड़ियां होती हैं। ये पूरी तरह से बुलेटप्रूफ होती है और बंदूक की गोलियों और बम विस्फोट का भी उस पर असर नहीं होता है।
काफिले में जैमर गाड़ी भी होती है
प्रधानमंत्री के काफिले के साथ एक जैमर गाड़ी भी चलती है, जो रोड के दोनों तरफ 100 मीटर के दायरे में किसी भी डिवाइस को डिफ्यूज करने में सक्षम है। प्रधानमंत्री के काफिले में एक डमी कार भी चलती है, ताकी हमलावर को गुमराह किया जा सके। पीएम के काफिले में करीब 100 जवान शामिल होते हैं।
सुरक्षा का एक दिन का खर्च 1.17 करोड़ रु
आपको बता दें कि केवल प्रधानमंत्री को ही एसपीजी की सुरक्षा मिलती है। उनकी सुरक्षा में हर दिन 1.17 करोड़, हर घंटे 4.90 लाख और हर मिनट 8,160 रुपये खर्च होते हैं। आगे आपको बताते हैं कि पीएम के सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने क्या टिप्पणी की।
पीएम की सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट सख्त
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के फिरोजपुर में बीते 5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के मामले पर सुनवाई के दौरान सख्त टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं। सुप्रीम कोर्ट केंद्र ने कहा कि सरकार और राज्य सरकार अपनी कमेटी पर विचार करे, पीएम मोदी का काफिला रुकना गलत है।
कोर्ट ने आदेश दिया कि मामले से जुड़े सभी रिकॉर्ड पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के पास सुरक्षित रखें जाएं। गौरतलब है कि वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह की तरफ से दायर याचिका में पीएम की सुरक्षा में खामी का मुद्दा उठाया गया है। याचिका में पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग की गई है।