बस ड्राइवर सलीम अगर यें गलती ना करता तो, बच जाती सभी अमरनाथ यात्रियों की जान….
अनंतनाग जिले में अमरनाथ यात्रियों पर हुए आतंकी हमले में 7 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गए। मृत अमरनाथ यात्रियों में से 5 गुजरात से और 2 महाराष्ट्र से थे। जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रियों पर हुए आतंकी हमले के बाद अगर सबसे ज्यादा किसी शख्स की चर्चा है तो वह हैं बस के ड्राइवर सलीम मिर्जा। पूरे देश में सलीम की बहादुरी के चर्चे हो रहे है।
जनता ने सलीम को बनाया हीरो :
सभी ने सलीम को अपना हीरो मान लिया है। लेकिन इस पूरे मामले को ध्यान से समझा जाए तो आपको पता चलेगा कि इसमें कुछ गलती सलीम से भी हुई है। हालांकि आतंकवादियों की जबरदस्त फायरिंग और बस में सवार लोगों की घबराहट के बीच बस ड्राइवर सलीम ने होश नहीं खोया और पूरे संयम और हिम्मत के साथ बस में सवार 50 से अधिक यात्रियों की जान बचाई है। ये बात तो हम मानते है लेकिन अगर वह थोड़ी और समझदारी दिखाता तो एक भी व्यक्ति की जान नहीं जाती। आइए आपको बताते हैं उनसे क्या गलती हुई….
नहीं कराया बस का रजिस्ट्रेशन :
आपको बता दें की अमरनाथ यात्रा पर जाने वाली सभी बसें और गाड़ियाँ पहले अमरनाथ श्राइन बोर्ड में रजिस्ट्रेशन करवाती हैं। रजिस्ट्रेशन कराने के कुछ पैसे लगते है। उसके बाद ये गाड़ियाँ काफिले में एक साथ निकलती हैं, इस काफिले के चारों तरह सुरक्षाबलों की गाड़ियाँ चलती हैं।
अगर रजिस्ट्रेशन हो जाता है तो उसके बाद अमरनाथ श्राइन बोर्ड भी बसों की पूर्ण सुरक्षा देता है। लेकिन, सलीम ने थोड़े से पैसे बचाने के लिए अपनी बस का अमरनाथ श्राइन बोर्ड में रजिस्ट्रेशन ही नहीं कराया। रजिस्ट्रेशन कराना हर ड्राईवर की जिम्मेदारी होती है।अगर सलीम ने अमरनाथ श्राइन बोर्ड में रजिस्ट्रेशन कराया होता तो उन्हें पूरी सुरक्षा मिलेगी।
और सभी यात्रियों की जान बच जाती।
काफिले के पीछे रह गयी थी बस :
सलीम जो बस चला रहा था उसका नंबर GJ 09 Z0976 था। सलीम ने अपने बयान में बताया की बस पंक्चर हो गई थी। जिस की वजह से हम 2 घंटे लेट हो गए। अगर बस रजिस्टर्ड होती तो अमरनाथ श्राइन बोर्ड खुद ही बस को ठीक करवाता। और पूरी सुरक्षा भी देता लेकिन दुर्भाग्य से सलीम ने ऐसा नहीं करवाया।