माता वैष्णों देवी भवन हादसे में एक स्मार्ट वाच कैसे बन गई डॉ. अरुण के मौत का कारण, जानिए…
साल के पहले ही दिन एक दर्दनाक हादसा मां वैष्णों देवी धाम में उस दौरान घटित हुआ। जब वहां भगदड़ मचने से क़रीब 12 लोगों की मौत हो गई। वहीं कई लोग घायल हुए। वहीं अब तक श्री माता वैष्णों देवी भवन में भगदड़ में मारे गए सभी 12 श्रद्धालुओं की पहचान कर ली गई है और इसी बीच प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हादसे में मारे जाने वाले श्रद्धालुओं के परिजनों को 10-10 लाख रुपये और घायलों को दो लाख रुपये देने का ऐलान किया है।
गौरतलब हो कि इस दर्दनाक हादसे के बाद जहां साल की शुरुआत इन मृतकों के परिजनों के लिए दुःखद रही। वहीं मां वैष्णों देवी का दर्शन करने पहुँचा एक मित्र-मंडल इस वज़ह से दुखी है कि उनके एक दोस्त की मौत का कारण स्मार्ट वाच बनी। आइए ऐसे में जानें यह पूरी कहानी…
बता दें कि गोरखपुर से अपने दोस्तों के साथ मां वैष्णों देवी के दर्शनों के लिए आए डा. अरूण प्रताप की मौत का कारण उनकी कलई में बंधी स्मार्ट वॉच बनी। जी हां मालूम हो कि डा. अरुण के साथ आए उनके दोस्तों ने मीडिया से बातचीत में बताया कि अरूण माता वैष्णों के दर्शनों के लिए अंदर तक पहुँच गए थे लेकिन उनकी कलई में स्मार्ट वॉच बंधी हुई थी।
जिस वज़ह से सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें वापस भेज दिया और फिर क्या था वो अपनी स्मार्ट वॉच को खोलने के लिए क्लॉक रूम में चले गए। इसी बीच वहां भगदड़ मच गईं और इसकी चपेट में डॉ. अरुण भी आ गए। इसके बाद जब उनके साथी अरुण को ढूढ़ने की कोशिश करते हैं तो काफी समय तक उनका पता नहीं चलता और इसी बीच सुबह करीब छह बजे वे जब अस्पताल पहुंचे तो वहां डा. अरुण उन्हें मृत अवस्था में मिले।
मालूम हो कि माता वैष्णों देवी के भवन में भगदड़ मचने का जैसे ही श्रद्धालुओं को पता चला तो कई श्रद्धालु रास्ते से ही वापस लौट गए। वहीं इनमें कुछ श्रद्धालु भवन तक पहुंच चुके थे जबकि कुछ वहां पहुंचने ही वाले थे। वहीं पठानकोट से आई महिला रेखा देवी ने बताया कि वह अपनी बहन, पति व परिवार के कुछ अन्य सदस्यों के साथ माता के दर्शनों के लिए आई थी।
वह भवन में पहुंच चुके थे कि तभी वहां पता चला कि यहां भगदड़ मचने से कई लोगों की जान चली गई है। ये सुनते ही वे बहुत डर गए और वहां से वापस कटरा के लिए आ गए। इतना ही नहीं रेखा देवी ने ऐसे में बताया कि वे पहले भी माता के दर्शनों के लिए आते रहे हैं। उन्हें दर्शन भी अच्छे से होते रहे हैं लेकिन इस बार पता नहीं ऐसा क्यों हो गया?
वहीं दिल्ली से आई अन्य महिला सीता कुमारी ने बताया कि वह भी अपने परिवार के साथ भवन पहुंच गई थी लेकिन वहां का मंजर देख पूरा परिवार बिना दर्शनों के ही वापस कटरा वापस आ गया और अब वे वापस अपने घर जा रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि अगर माता ने दोबारा बुलाया तो वे जरूर आएगी। आख़िर में बता दें कि मृत सभी 12 लोगों की पहचान हो चुकी है और आप भी भवन में भगदड़ में मारे गए 12 श्रद्धालुओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। जिनकी सूची ये रही…
1) धीरज कुमार (26) पुत्र त्रिलोक कुमार निवासी नौशहरा राजौरी
2) श्वेता सिंह (24) पत्नी विक्रांत सिंह निवासी गाजियाबाद उत्तर प्रदेश
3) विनय कुमार (24) पुत्र महेश चंद्र निवासी बदरपुर दिल्ली
4) सोनू पांडे (24) पुत्र नरेंद्र पांडे निवासी बदरपुर दिल्ली
5) ममता (38) पत्नी सुरेंद्र निवासी बीरी जार्जर, हरियाणा
6) वनीत कुमार (38) पुत्र वीरामपाल सिंह निवासी साहरनपुर उत्तर प्रदेश
7) धर्मवीर सिंह (35) निवासी सालापुर, सहारनपुर उत्तर प्रदेश
8) डॉ अरुण प्रताप सिंह (30) पुत्र सत प्रकाश सिंह निवासी गोरखपुर उत्तर प्रदेश
9) नरेंद्र कश्यप पुत्र सुभाव निवासी कानपुर उत्तर प्रदेश
10) महेंद्र गोड़ पुत्र शिव कुमार निवासी कानपुर उत्तर प्रदेश
11) मोनू शर्मा पुत्र फेरुमल निवासी उत्तर प्रदेश
12) आकाश उम्र 29 वर्ष पुत्र कैलाश निवासी बुराड़ी दिल्ली ।