पीयूष जैन ने कोर्ट से जब्त हुए पैसे और संपत्ति लौटाने की कर दी मांग, जानिये क्या हुआ आखिर ऐसा
कानपुर के इत्र व्यापारी पीयूष जैन (Piyush Jain) इस समय सुर्खियों में बने हुए हैं। उनके ठिकानों पर हुई छापेमारी (Piyush Jain IT Raid) के दौरान 195 करोड़ रुपये से अधिक नकदी बरामद की गई है। इस मसले में कोर्ट ने उनके ऊपर टैक्स चोरी का 52 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। अब पीयूष जैन ने कोर्ट से मांग की है कि उनके जब्त किए गए पैसों में से 52 करोड़ टैक्स चोरी के जुर्माने का पैसा काट लो और बाकी पैसा मुझे वापस दे दो।
जुर्माना काटकर बाकी पैसे मांग रहे पीयूष जैन
गौरतलब है कि पीयूष जैन के परिसरों से 6 दिनों की छापेमारी के दौरान कई दस्तावेज, भारी मात्रा में नकदी, सोना और अन्य कीमती सामग्री बरामद की गई थी।
अब इस मामले में पीयूष जैन ने छापेमारी में जब्त खजाना कोर्ट से वापस मांगा है। उन्होंने GST इंटेलिजेंस के महानिदेशालय (DGGI) से बोला कि मेरे परिसर से जब्त नकदी में से टैक्स और जुर्माना काटकर बकाया पैसे मुझे वापस किए जाए।
14 दिनों की न्यायिक हिरासत में है पीयूष जैन
बताते चलें कि टैक्स चोरी के आरोप में गिरफ्तार हुए पीयूष जैन फिलहाल 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में है। बुधवार को विशेष लोक अभियोजक अमरीश टंडन ने कोर्ट को सूचना दी थी कि पीयूष जैन ने स्वीकार किया है कि उन्होंने टैक्स की चोरी की है। ऐसे में उनके ऊपर 52 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
टैक्स चोरी की आय थी इसलिए पैसा वापस न मिले
कोर्ट में पीयूष जैन (Piyush Jain) के वकील ने कहा कि DGGI को निर्देश देकर व्यापारी पर बकाया 52 करोड़ रुपये जुर्माने के रूप में काट कर उन्हें बाकी की रकम लौटाई जाए। इस पर टंडन ने जवाब दिया कि जब्त रकम टैक्स चोरी की आय थी। इसे वापस नहीं लौटाया जाएगा। हालांकि यदि जैन एक्स्ट्रा 52 करोड़ रुपये का जुमार्ना देते हैं तो DGGI इसे स्वीकार करेगा।
195 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी जब्त
पीयूष जैन के घर छापेमारी में जब्त किए गए पैसों को इतिहास में सबसे बड़ी बरामदगी में से एक कहा जाता रहा है। इसके लिए DGGI ने कानपुर और कन्नौज में जैन से जुड़े कई परिसरों पर छापा मार था। इस छापे में उन्होंने 195 करोड़ रुपये से अधिक नकद, 23 किलोग्राम सोना और 6 करोड़ रुपये का चंदन का तेल जब्त किया था। उन्होंने ओडोकेम इंडस्ट्रीज के पार्टनर पीयूष जैन के कानपुर स्थित आवासीय परिसर की तलाशी के दौरान 177.45 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की थी।
वहीं DGGI अधिकारियों द्वारा कन्नौज में ओडोकेम इंडस्ट्रीज के आवासीय और फैक्ट्री परिसर की तलाशी और 120 घंटे की छापेमारी में 17 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए। इतनी अधिक रकम को गिनने के लिए DGGI के अधिकारियों ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के अधिकारियों और उनकी करेंसी काउंटिंग मशीनों की मदद ली थी। यह पैसा फिलहाल भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में जमा है और भारत सरकार के पास रहने वाला है।