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इस बार का सावन है बहुत ख़ास, दशकों बाद बन रहा है ये संयोग और रक्षाबंधन पर लगेगा ग्रहण!

हिन्दू धर्म में हमेशा से ही सावन महीना सबसे ख़ास रहा है। यह महिना भगवान शंकर का सबसे प्रिय महिना है। इस वजह से इस महीने में भगवान शंकर के भक्तों के लिए एक ख़ास अवसर होता है कि वह भगवान शंकर से अपने मन की मुरादें माँग सकें। इस महीने में भगवान शंकर से माँगी गयी सभी मुराद पूरी होती है। जगह-जगह शिवालयों पर सावन के महीने में भक्तों का ताँता देखा जा सकता है।

इस बार सावन महीने का सोमवार 10 जुलाई से प्रारम्भ हो चुका है। यह सावन महीने का आख़िरी सोमवार 7 अगस्त को पड़ रहा है। इस महीने में कुल 5 सोमवार पड़ने वाले हैं, इस वजह से इस सावन की महत्ता और भी बढ़ जाती है। ज्योतिषियों के अनुसार 5 अंक का अपना अलग ही महत्व है। इंसान के शरीर में भी 5 इन्द्रियां होती हैं। 7 अगस्त को रक्षा बंधन पड़ रहा है।

नहीं होगा पूर्ण चंद्रग्रहण:

रक्षाबंधन का शुभ योग सुबह 11:07 से लेकर दोपहर 1:50 तक बन रहा है। इसी दिन चंद्रग्रहण भी होगा जो रात 10:52 से शुरू होकर रात के 12:22 तक चलेगा। चन्द्रग्रहण से 9 घंटे पहले ही सूतक लग जायेगा। इससे पहले भद्रा का प्रभाव रहेगा। इस बार जो चंद्रग्रहण होगा वो पूर्ण नहीं बल्कि आंशिक होगा। यह चन्द्रग्रहण भारत के साथ-साथ एशिया के कई देशों में भी देखा जा सकता है।

तीज के दिन होती है भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा:

ज्योतिषियों के अनुसार ऐसा संयोग दशकों में एक बार बनता है। इसी वजह से इस बार सावन का महिना कई गुना फल प्रदान करने वाला है। इन दिनों किया गया दान-पुण्य कई ज्योतिर्लिंगों के दर्शन के समान फल देने वाला होगा। सावन महीने की शुल्क पक्ष की तृतीया को पुरे भारत में तीज का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवन शंकर और माता पार्वती की पूजा की जाती है।

तीज को वृन्दावन में नया जाता है झुला उत्सव:

सावन के पुरे महीने में शिवपुराण का पाठ, सुनना, शिव पूजन, अर्चना से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। इस महीने में अगर व्यक्ति किसी दैहिक या दैविक कष्ट से परेशान है तो उसे राहत मिल जाती है। भगवान शंकर की रूद्र पूजा करने के लिए आप शिवलिंग को काले तिलों से स्नान करायें और उनके समक्ष अखंड दीपक जलाएं। वृन्दावन में तीज के दिन झुला उत्सव मनाया जाता है।

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